
दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग का कहर: विजिबिलिटी हुई शून्य, 493 तक पहुंचा AQI
delhi Air Quality: पिछली सर्दियों में 18 नवंबर को 15 स्टेशनों पर AQI अधिकतम स्तर पर पहुंच गया था, जब दिल्ली में अब तक का दूसरा सबसे ऊंचा AQI 494 दर्ज किया गया था।
Delhi air pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण ने बेहद गंभीर रूप ले लिया। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शहर के कई इलाकों में AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) ‘सीवियर’ श्रेणी में पहुंच गया है। दिल्ली का समग्र AQI भी लगभग 450 के आसपास है, जो इस सर्दी की सबसे खराब स्थिति में से एक है। कम हवाओं और कोहरे के कारण वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है।
वहीं, इन इलाकों में धुंध इतनी घनी है कि इमारतें और वाहन धुंध में खो गए हैं। वाहनों को चलाने में काफी परेशानी हो रही है। बाराखंबा रोड पर विजिबिलिटी बेहद कम है और वाहन चालकों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि हवा घने कोहरे जैसी नजर आ रही थी और बाहर सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार वजीरपुर, रोहिणी और अशोक विहार स्टेशनों पर 24 घंटे का औसत AQI 500 दर्ज किया गया। CPCB के मानकों के अनुसार AQI रीडिंग 500 से आगे नहीं दिखाई जाती, जिसका मतलब है कि वास्तविक प्रदूषण स्तर हर घंटे के आंकड़े से कहीं अधिक रहे होंगे।
अन्य स्टेशनों में भी हालात बेहद खराब रहे। रविवार को कम से कम 13 स्टेशनों पर AQI कई घंटों तक 490 से ऊपर बना रहा। सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में जहांगीरपुरी और मुंडका (499), बवाना (498), दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय (497), विवेक विहार (497), नरेला (493), आनंद विहार (492), दिलशाद गार्डन स्थित IHBAS (491) और ओखला फेज-2 (490) शामिल रहे। रविवार को सबसे बेहतर AQI भी निराशाजनक रहा। शादीपुर में AQI 375 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। CPCB के दिशा-निर्देशों के अनुसार 51 से 100 तक AQI ‘संतोषजनक’, 101 से 200 ‘मध्यम’, 201 से 300 ‘खराब’, 301 से 400 ‘बहुत खराब’ और 400 से ऊपर ‘गंभीर’ माना जाता है।
प्रभावित इलाकों के निवासियों ने बताया कि घर के अंदर और बाहर दोनों जगह सांस लेना मुश्किल हो गया है। घर के अंदर और बाहर दोनों जगह सांस लेना मुश्किल हो गया है। लोग सुबह जल्दी टहलने की बजाय अब 9–10 बजे के आसपास बाहर निकल रहे हैं। निवासी और सरकार अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन प्रदूषण से होने वाली परेशानी लगातार बनी हुई है। अशोक विहार में शनिवार रात 9 बजे AQI 490 तक पहुंच गया और रविवार भर इसी स्तर से ऊपर बना रहा। कई घंटों तक यह 499 पर स्थिर रहा और शाम 7 बजे 500 तक पहुंच गया।
रविवार को लाजपत नगर के नेहरू नगर में AQI 493 दर्ज किया गया, जबकि रात 11 बजे PM2.5 की प्रति घंटे की मात्रा 720 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (µg/m³) तक पहुंच गई। औसत प्रति घंटे PM2.5 का स्तर राष्ट्रीय मानक 60 µg/m³ से 10–12 गुना और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सुरक्षित सीमा 15 µg/m³ से 48–50 गुना अधिक रहा। शहर के अन्य हिस्सों में भी हालात ऐसे ही रहे। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के आंकड़ों के अनुसार, आरके पुरम में PM2.5 का स्तर 660 µg/m³ तक पहुंच गया, जबकि आनंद विहार में यह 651 µg/m³ दर्ज किया गया।
प्रदूषण विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक वैज्ञानिक प्रमाण बताते हैं कि 5 µg/m³ से अधिक PM2.5 के लंबे समय तक संपर्क में रहने से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस समय दिल्ली- एनसीआर के लोग 500 µg/m³ से भी अधिक PM2.5 स्तर की हवा में सांस ले रहे हैं। यह न केवल श्वसन रोग, सीओपीडी, फेफड़ों का कैंसर और हृदय रोग जैसी दीर्घकालिक बीमारियों का कारण बनता है, बल्कि अस्थमा अटैक और स्ट्रोक के कारण आपातकालीन अस्पताल में भर्ती की नौबत भी ला सकता है। पिछली सर्दियों में 18 नवंबर को 15 स्टेशनों पर AQI अधिकतम स्तर पर पहुंच गया था, जब दिल्ली में अब तक का दूसरा सबसे ऊंचा AQI 494 दर्ज किया गया था।
ठंडी हवाओं से मिलेगी थोड़ी राहत
कोहरे और स्थिर हवाओं के कारण दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, बर्फबारी के बाद आने वाली ठंडी हवाएं प्रदूषण में थोड़ी राहत दे सकती हैं, लेकिन फिलहाल वायु गुणवत्ता ‘सीवियर’ श्रेणी में बनी रहेगी।

