
आकाश आनंद ने मांगी बुआ मायावती से माफ़ी, बताया एक मात्र गुरु
आकाश आनंद ने 'X' पर पोस्ट करते हुए मायावती से माफ़ी मांगी और पार्टी में वापस लौटने की इक्छा जताई. साथ ही ये भी कहा कि वो अपने ससुराल वालों का दखल नहीं होने देंगे.
Akash Anand Mayawati : उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के पूर्व उत्तराधिकारी और मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने अपनी हालिया राजनीतिक भूलों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए पार्टी में दोबारा शामिल होने की इच्छा जाहिर की है।
आकाश आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबा और भावनात्मक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की और भविष्य में केवल पार्टी हित में कार्य करने का संकल्प लिया।
1. बी.एस.पी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, यू.पी. की चार बार रही मुख्यमंत्री एवं लोकसभा व राज्यसभा की भी कई बार रही सांसद आदरणीया बहन कु. मायावती जी को मैं अपना दिल से एकमात्र राजनीतिक गुरू व आदर्श मानता हूं। आज मैं यह प्रण लेता हूं कि बहुजन समाज पार्टी के हित के लिए मैं अपने रिश्ते-नातों…
— Akash Anand (@AnandAkash_BSP) April 13, 2025
"बसपा ही मेरी पहचान है..."
अपने पोस्ट में आकाश आनंद ने मायावती को "अपना एकमात्र राजनीतिक गुरु और आदर्श" बताते हुए लिखा:
"मैं प्रण लेता हूं कि अब से बहुजन समाज पार्टी के हित में अपने किसी भी पारिवारिक या निजी रिश्ते को आड़े नहीं आने दूंगा, विशेष रूप से अपने ससुराल पक्ष को।"
उन्होंने यह भी जोड़ा कि कुछ समय पहले किए गए ट्वीट, जिनकी वजह से उन्हें पार्टी से बाहर किया गया था, उसके लिए वे दिल से क्षमा मांगते हैं।
"अब से मैं किसी भी राजनीतिक फैसले में अपने नाते-रिश्तेदारों या सलाहकारों की राय नहीं लूंगा। सिर्फ आदरणीय बहनजी के निर्देशों का पालन करूंगा और वरिष्ठ पार्टीजनों से सीखते हुए आगे बढ़ूंगा।"
पार्टी से बाहर होने की कहानी
कुछ हफ्तों पहले बसपा प्रमुख मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी से बाहर कर दिया था। पार्टी अनुशासन के उल्लंघन और कुछ विवादित ट्वीट्स के बाद यह निर्णय लिया गया। यही नहीं, मायावती ने उनके ससुर और पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे अशोक सिद्धार्थ को भी बाहर का रास्ता दिखाया था।
यह फैसला उस समय आया था जब आकाश आनंद को बसपा में नई पीढ़ी के नेता के तौर पर तैयार किया जा रहा था। उनकी आक्रामक राजनीतिक शैली, खासकर सोशल मीडिया पर सक्रियता, और कुछ स्वतंत्र फैसलों ने पार्टी की पारंपरिक कार्यशैली से टकराव पैदा किया था।
क्या मायावती देंगी दूसरा मौका?
आकाश की इस सार्वजनिक माफी और आत्मसमर्पण की मुद्रा ने बसपा में एक बार फिर से नई चर्चा को जन्म दिया है। क्या मायावती इस बार अपने भतीजे को क्षमा करेंगी? क्या उन्हें दोबारा कोई भूमिका सौंपी जाएगी? या फिर पार्टी अपनी सख्त अनुशासनात्मक नीति को बरकरार रखेगी?
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो मायावती का अगला कदम केवल एक पारिवारिक फैसला नहीं, बल्कि बसपा के भविष्य की दिशा तय करने वाला निर्णय होगा। आकाश की वापसी से युवाओं के बीच पार्टी की पकड़ बढ़ सकती है, लेकिन इससे नेतृत्व के भीतर अनुशासन की मिसाल कमजोर भी पड़ सकती है।
नजरें अब मायावती पर टिकी हैं..
आकाश आनंद की माफी के बाद अब सबकी निगाहें बसपा सुप्रीमो मायावती के फैसले पर हैं। क्या वह राजनीतिक गुरु के रूप में अपने शिष्य को माफ करेंगी? या पार्टी अनुशासन के लिए एक बार फिर सख्त रुख अपनाएंगी?