लखनऊ में बुलडोजर एक्शन में हजारों मकान ध्वस्त, क्या है कुकरैल नदी से नाता?
लखनऊ के अकबरनगर इलाके में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई जारी है. इसे लेकर पीड़ितों का कहना है कि सरकार ने आशियाना छीन लिया. हालांकि सरकार का तर्क कुछ और ही है.
Lucknow Demolition Drive: अगर आप लखनऊ के रहने वाले होंगे तो इन दो नामों अकबर नगर कॉलोनी और कुकरैल से परिचित होंगे. अकबर नगर कॉलोनी पर लखनऊ विकास प्राधिकरण का पीला पंजा यानी बुलडोजर चला. करीब 614 घरों को ध्वस्त कर दिया गया. जिस समय एलडीए के मुताबिक अवैध कॉलोन पर लोगों के आशियाने गिराए जा रहे थे. एलडीए के मुताबिक कार्रवाई नियम के तहत ही हुई है, लेकिन पीड़ित परिवारों के अनुसार खाक नियम, हमारे पुरखे दशकों से रह रहे थे. सरकार ने सड़क पानी, बिजली का कनेक्शन दिया और अब कह रही है कॉलोनी ही अवैध है. इन सबके बीच एलडीए ने कहा है करीब 1671 लोग प्रभावित हुए हैं और उन्हें हरदोई रोड पर घर बनाने के लिए जगह दी गई है.
कुकरैल को जीवित करने की कवायद
अब इतने बड़े पैमाने पर डेमोलिशन ड्राइव की वजह भी समझिए. एलडीए का कहना है कि रहीमनगर, अकबरनगर और भीखनपुर इलाके में अवैध निर्माण हुआ है.इसकी वजह से कुकरैल नदी पर असर पड़ा है. कुकैरल नदी के जीवित करने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है. योजना के तहत कुकरैल फॉरेस्ट एरिया को इको टूरिज्म के तौर पर विकसित करना है, सेंट्रल जू अथॉरिटी ने यहां पर 85.07 एकड़ में नाइट सफारी के स्थापना की अनुमति दी है. इस सफारी में इंडियन वॉकिंग ट्रेल, इंडियन फुटहिल, इंडियन वेटलैंड, एरिड इंडिया के साथ साथ अफ्रीकन वेटलैंड का विकास करना है. इसमें 42 पिंजड़ों में करीब 54 प्रजातियों को रखा जाएगा. इसके बन जाने से करीब 8 हजार टूरिस्ट प्रकृति का दीदार कर सकेंगे. इसमें 5.5 किमी ट्रामवे और 19.2 किमी पॉथवे विकसित किया जाना है,
ऐतिहासिक तौर पर कुकरैल नदी महोना के उत्तर में अस्ती गांव से निकलती है. 1904 के गजेटियर के मुताबिक इसकी गणना शुद्ध नदियों में होती थी. यह गोमती नदी की सहायक नदी है. पर्यावरण के जानकार बताते हैं बढ़ते शहरीकरण की वजह से इस नदी ने दम तोड़ दिया और अब नाले की शक्ल में तब्दील हो चुकी है.