जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण, रोक के बावजूद पहुंचे छात्र; अखिलेश नहीं पहुंचे सेंटर
x
रोक के बावजूद समाजवादी छात्रसभा के कार्यकर्ता ने किया माल्यार्पण

जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण, रोक के बावजूद पहुंचे छात्र; अखिलेश नहीं पहुंचे सेंटर

सपा कार्यालय में जेपी को श्रद्धांजलि देने के बाद अखिलेश यादव ने कहा ‘JPNIC से पॉलिटिकल और इमोशनल अटैचमेंट है। इसका जब शिलान्यास हुआ था तो नेताजी (मुलायम सिंह यादव), जॉर्ज फर्नांडिस और सपा के बहुत से वरिष्ठ नेता उसमें शामिल हुए थे। इस सरकार ने इसको बर्बाद किया है।


लोकनायक जयप्रकाश नारायण जयंती पर लखनऊ में जेपी सेंटर में माल्यार्पण को लेकर एक बार फिर सत्तारूढ़ बीजेपी और समाजवादी पार्टी में सियासी घमासान मच गया है। अखिलेश यादव के यहाँ आने की सुगबुगाहट को लेकर प्रशासन दिन भर चौकन्ना रहा और इमारत के आस-पास सुरक्षा कड़ी कर दी जबकि समाजवादी पार्टी के दो युवा कार्यकर्ता सुरक्षा को धत्ता बताते हुए आधी रात को ही इमारत के परिसर में दाखिल हुए और जयप्रकाश नारायण की मूर्ति पर माल्यार्पण किया।

अखिलेश यादव ने सपा कार्यालय में जेपी को श्रद्धांजलि दी-

आज ‘सम्पूर्ण क्रांति’ का नारा देने वाले जयप्रकाश नारायण की जयंती है।उनके नाम पर लखनऊ में बनी जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर( JPNIC ) को लेकर योगी सरकार और समाजवादी पार्टी में घमासान मच गया। शनिवार को सुबह से ही लखनऊ के जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर में पुलिस ने घेराबंदी कर दी। आस-पास के रास्ते को ब्लॉक कर दिया गया। प्रशासन ने इस इमारत को निर्माण और मरम्मत कार्य के लिए बंद किया है।पर सपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि यहाँ पर लगी जयप्रकाश नारायण की मूर्ति पर माल्यार्पण करने और श्रद्धांजलि देने से उनको रोका जा रहा है। हालाँकि अखिलेश यादव जेपी सेंटर नहीं पहुँचे और सपा कार्यालय में ही जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि दी।

JPNIC का गेट फाँदकर पहुँचे थे अखिलेश -

शनिवार को प्रशासन ने सपा के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जेपी सेंटर आने की संभावना को देखते हुए के इमारत के आस-पास डबल लेयर बैरिकेडिंग करवाई और भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया। वजह यह थी कि पिछले दो साल से चल रहे इस हंगामे को देखते हुए यहाँ भारी संख्या में सपा कार्यकर्ताओं के पहुँचने की आशंका थी। साथ ही अखिलेश यादव के अचानक आने को लेकर भी प्रशासन सतर्क था। हालाँकि सपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस की घेराबंदी को तोड़कर रात के अंधेरे में ही जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। यही नहीं अपनी फोटो और वीडियो संदेश भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। इसके बाद सुबह होते ही सुरक्षा का घेरा और कस गया। दो साल पहले अखिलेश यादव प्रशासन के रोक के बावजूद बंद गेट को फाँदकर JPNIC बिल्डिंग में दाखिल हुए रहे और जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि दी थी।

इस बार अखिलेश यादव जेपी सेंटर नहीं गए और उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार इसे बर्बाद करने के बाद इसको छिपाना चाहती है। सपा कार्यालय में जेपी को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा ‘ JPNIC से पॉलिटिकल और इमोशनल अटैचमेंट है।इसका जब शिलान्यास हुआ था नेताजी ( मुलायम सिंह यादव), जॉर्ज फर्नांडिस और सपा के बहुत से वरिष्ठ नेता उसमें शामिल हुए थे। न केवल इस सरकार ने इसको बर्बाद किया है बल्कि लोग देख ना पाएँ इसलिए ऐसा किया।’ अखिलेश यादव ने चेतावनी दी कि जयप्रकाश जी ने जनता को हटाकर सरकार को जगाने का काम किया था।समाजवादी लोग जनता को जागरूक करके इस सरकार को हटाएँगे।’

इधर यूपी सरकार में भी इस मामले पर JPNIC को फ़िलहाल बंद करने के अपने स्टैंड को सही ठहराया है। बीजेपी ने यह सवाल उठाया है कि जयप्रकाश नारायण ने तो कांग्रेस के ख़िलाफ़ संघर्ष किया था पर अखिलेश यादव आज उसी कांग्रेस के राहुल गांधी के साथ हैं।ऐसे में जयप्रकाश नारायण की बात करने का क्या मतलब? यूपी सरकार में मंत्री असीम अरुण ने कहा है कि ‘ गरीबों के नाम पर संघर्ष करने वाले जयप्रकाश नारायण के नाम पर समाजवादी सरकार द्वारा फाइव स्टार इमारत बनाना हास्यास्पद है।इसमें जो भ्रष्टाचार हुआ उसका आलम है यह कि पहले एक सोसाइटी बनायी गई फिर 200 करोड़ और फिर 867 करोड़ उस सोसाइटी को दिए गए।फिर भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ।अब इस प्रोजेक्ट की जाँच चल रही है।’

क्या है JPNIC-

लखनऊ के गोमतीनगर क्षेत्र में जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर समाजवादी पार्टी की सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है।इस इमारत में हेलीपैड, संग्रहालय, स्विमिंग पूल, और कई अन्य चीज़ों के लिए प्रावधान किया गया था।इसके लिए सपा सरकार में एक सोसाइटी का गठन किया था।आरोप यह है कि पहले 200 करोड़ का बजट तय किया गया था जबकि बाद में यह बजट इतना बढ़ा कि क़रीब 800 करोड़ रुपए इसके लिए दिए गए।यूपी में बीजेपी की सरकार आने के बाद सरकार ने इस पर जांच बिठा दी।उसके बाद सपा सरकार द्वारा बनायी गई सोसाइटी को भंग करते हुए इस इमारत को लखनऊ विकास प्राधिकरण को से दिया गया।इसमें जयप्रकाश नारायण की मूर्ति लगी है और अखिलेश यादव प्रशासन के रोकने के बाद भी 2023 में गेट फाँद कर JPNIC में दाखिल हुए थे और जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया था। पिछले साल भी सरकार ने मरम्मत के लिए इस पर रोक लगा दी थी और अखिलेश यादव ने इसका विरोध किया था।

Read More
Next Story