इलाहाबाद हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी, ऐसे रहा तो बहुसंख्यक बन जायेंगे अल्पसंख्यक
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इलाहाबाद हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी, ऐसे रहा तो बहुसंख्यक बन जायेंगे अल्पसंख्यक

इलाहबाद हाईकोर्ट ने धर्मांतरण के मुद्दे पर बेहद गंभीर टिपण्णी करते हुए ऐसी सभाओं पर रोक लगाने के लिए कहा है, जहाँ धर्मांतरण कराया जाता है.


Allahabad High Court: इलाहबाद हाईकोर्ट ने धर्मांतरण के मुद्दे पर बेहद गंभीर टिपण्णी करते हुए ऐसी सभाओं पर रोक लगाने के लिए कहा है, जहाँ धर्मांतरण कराया जाता है. हाई कोर्ट ने कहा कि अगर इस तरह से धर्मान्तार्ण होता रहा तो एक दिन देश की बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक बन जायेगी. अपनी टिपण्णी में हाई कोर्ट ने ये भी कहा कि इसे तत्काल रोका जाना चाहिए. अनुच्छेद 25 में धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लेख है, लेकिन इस तरह की सभाओं के माध्यम से धर्मांतरण का कोई प्रावधान नहीं है.

इलाहबाद ने अपनी टिपण्णी में कहा कि देश में बड़े स्तर पर अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का धर्मांतरण कराया जा रहा है. जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए. धार्मिक सभाओं में आर्थिक लालच देकर लोगों के धर्म बदलवाए जा रहे हैं, अगर ऐसा ही रहा तो जल्द ही भारत का बहुसंख्यक समाज अल्पसंख्यक बन जाएगा.

धर्मांतरण के एक मामले पर हो रही थी सुनवाई

इलाहबाद हाईकोर्ट में जस्टिस रोहित रंजन धर्मांतरण के एक मामले के आरोपी कैलाश की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. इस मामले में शिकायत रामकली प्रजापति की तरफ से आरोपी कैलाश के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया था, जिसमें ये दावा किया गया था कि रामकली का भाई दिमागी तौर पर कमजोर है. मौदहा, हमीरपुर निवासी कैलाश उसके भाई को इलाज के नाम पर दिल्ली ले गया. जहाँ एक हफ्ते तक उसे रखा और उसका धर्मपरिवर्तन करवा दिया. इसके बाद जब भाई वापस आया तो अपने साथ गाँव के ही कुछ लोगों को वापस दिल्ली ले गया और उनका भी धर्म परिवर्तन करवा दिया.

जस्टिस रोहित रंजन ने आरोपी की जमानत याचिका ख़ारिज करते हुए ये टिपण्णी की. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण कराने वाली धार्मिक सभाओं पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए. संविधान का अनुच्छेद 25, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है, किसी भी धर्म को मानने या प्रार्थना करने और धर्म का प्रचार करने का अधिकार देता है, लेकिन किसी को रुपयों पैसों का लालच देकर धर्मांतरण कराने की इजाजत नहीं देता. कोर्ट ने कहा कि ऐसा जानकारी में आया है कि उत्तर प्रदेश में धार्मिक आयोजनों के जरिए गरीब और साधारण लोगों का धर्मांतरण कराया जा रहा है. ये गंभीर मामला है. इन पर रोक लगाई जानी चाहिए.

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