100 केस में वांटेड-लॉरेंस का करीबी, इतना खतरनाक था झारखंड का अमन साहू
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100 केस में वांटेड-लॉरेंस का करीबी, इतना खतरनाक था झारखंड का अमन साहू

झारखंड एसटीएफ ने अमन साहू को मार गिराया है। 17 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले साहू का नाम एनटीपीसी डीजीएम मर्डर केस में आया था।


Aman Sahu Encounter News: झारखंड पुलिस ने गैंगस्टर अमन साहू को रायपुर से रांची ले जाते समय मुठभेड़ में मार गिराया। अमन अक्टूबर 2024 से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद था। जब उसे झारखंड के गिरिडीह जेल से रायपुर लाया गया था, तब 40 जवान उसकी सुरक्षा में तैनात थे। अमन साहू को लॉरेंस बिश्नोई का करीबी माना जाता था, और उसका नेटवर्क कनाडा और मलेशिया तक फैला हुआ था।

कैसे हुआ एनकाउंटर?

पुलिस के अनुसार, अमन साहू ने पुलिस का हथियार छीनकर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में उसे ढेर कर दिया गया। वह 148 दिनों से रायपुर जेल में बंद था और रांची में एक कोयला व्यापारी पर गोलीबारी के मामले में पूछताछ के लिए ले जाया जा रहा था। इस एनकाउंटर ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

अमन साहू उर्फ अमन साव – झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर

झारखंड के आठ जिलों – रांची, रामगढ़, चतरा, धनबाद, हजारीबाग, पलामू, लातेहार और बोकारो में अमन साहू का गैंग रंगदारी वसूली, कोयला व्यापारियों, बिल्डरों और ठेकेदारों को धमकाने के लिए कुख्यात था।

उसके खिलाफ 50 से ज्यादा मामले दर्ज थे, और 7 मार्च को रांची में कोयला व्यापारी विपिन मिश्रा पर हुई गोलीबारी का मुख्य आरोपी भी वही था।

रायपुर में भी बिल्डर पर करवाई थी फायरिंग

छत्तीसगढ़ पुलिस ने उसे रायपुर के एक बड़े बिल्डर पर फायरिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। जेल में रहते हुए भी वह अपने गैंग का संचालन कर रहा था और लगातार रंगदारी वसूल रहा था।

एनकाउंटर से 15 घंटे पहले किया था फेसबुक पोस्ट

हैरानी की बात यह है कि एनकाउंटर से 15 घंटे पहले ही उसने फेसबुक पर अपनी तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें वह सोफे पर बैठा दिख रहा था। झारखंड पुलिस उसे कड़ी सुरक्षा में रायपुर से ले जा रही थी और 12 मार्च को उसे एटीएस कोर्ट में पेश किया जाना था।

अमन साहू का विदेशों तक फैला नेटवर्क

झारखंड में उसके खिलाफ 200 से ज्यादा मामले दर्ज थे।

उसका सोशल मीडिया अकाउंट विदेशों से संचालित होता था, जिससे उसके बड़े नेटवर्क का अंदाजा लगाया जा सकता है।

बताया जाता है कि कनाडा से अमन सिंह नाम का व्यक्ति और मलेशिया से सुनील राणा नाम का शख्स उसके सोशल मीडिया अकाउंट चलाते थे।

लॉरेंस बिश्नोई का खास था अमन साहू

अमन साहू लॉरेंस बिश्नोई का बेहद करीबी था।उसके इशारे पर गैंग के शूटर सुपारी किलिंग को अंजाम देते थे।कनाडा और मलेशिया से उसे हाईटेक हथियार मिलते थे।महंगे कपड़ों का शौकीन था और अपने गैंग को ऑनलाइन मैनेज करता था।

सुनील मीणा – लॉरेंस और अमन के बीच की कड़ी

अमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई के बीच मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा कड़ी का काम करता था।राजस्थान का रहने वाला सुनील मीणा लॉरेंस का दोस्त है।वह फिलहाल अजरबैजान पुलिस की गिरफ्त में है।उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और जल्द ही उसे भारत लाया जा सकता है।

अमन साहू का एनकाउंटर झारखंड पुलिस की एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। उसका गैंग झारखंड और छत्तीसगढ़ में आतंक फैला रहा था, लेकिन अब पुलिस इस गिरोह की बाकी कड़ियों को तोड़ने में जुटी है।

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