
महाराष्ट्र का मुखिया कौन? देवेंद्र फडणवीस! दिल्ली में आज सीएम पद पर लग सकती है मुहर
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार से दिल्ली में मुलाकात करेंगे और सरकार गठन पर चर्चा करेंगे.
Maharashtra new CM: लगता है कि अब महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री को लेकर धुंध छटती हुई नजर आ रही है. चुनाव नतीजों के बाद से लगातार मुख्यमंत्री पद को लेकर महायुति किसी नतीजे पर नहीं पहुंच रही थी. शिवसेना की तरफ से लगातार यह बयान आ रहे थे कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया तो वही अगले सीएम होंगे. वहीं, बीजेपी का कहना था कि जिस पार्टी ने ज्यादा सीट जीती है, मुख्यमंत्री उसी दल का होगा. इसी बीच अजित पवार किंगमेकर की भूमिका में नजर आ रहे थे. हालांकि, एक नाटकीय घटनाक्रम में बुधवार को एकनाथ शिंदे सामने आए और उन्होंने कहा कि सीएम पद को लेकर बीजेपी आलाकमान ही अंतिम निर्णय लेगी. ऐसे में एक तरह से कहा जा सकता है कि देवेंद्र फडणवीस के लिए मंच तैयार होता हुआ दिख रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी के अजित पवार से दिल्ली में मुलाकात करेंगे और सरकार गठन पर चर्चा करेंगे. ऐसा माना जा रहा है कि इस मीटिंग में मुख्यमंत्री का नाम भी तय हो सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के चयन को लेकर सस्पेंस के बीच राष्ट्रीय राजधानी में सरकार गठन पर चर्चा होगी और अंतिम निर्णय लिया जाएगा. अजित पवार ने कहा कि वह, देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे गुरुवार को दिल्ली पहुंचेंगे और आगे की चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों के पद के लिए चर्चा की जाएगी. अजित पवार का यह बयान एकनाथ शिंदे के उस आश्वासन के बाद आया है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आश्वासन दिया है कि वह अपने उत्तराधिकारी के नाम पर भाजपा के फैसले का पालन करेंगे.
बता दें कि एकनाथ शिंदे की घोषणा शिवसेना पार्टी के नेताओं द्वारा जोरदार मांग के बाद की गई है कि वह मुख्यमंत्री बने रहें. क्योंकि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने उनके नेतृत्व में शानदार जीत हासिल की है. शिंदे के साथ सहमति बनने के बाद भाजपा के देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में नई सरकार के शपथ ग्रहण के लिए मंच तैयार हो गया है. ठाणे में अपने घर पर एक खचाखच भरे प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शिंदे ने बुधवार को कहा था कि कल दिल्ली में अमित भाई (शाह) के साथ एक बैठक है और सभी संबंधित निर्णय वहीं लिए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि नई सरकार बनाने की रूपरेखा दिल्ली में बैठक में तय की जाएगी. वह अगले सीएम के नाम के भाजपा नेतृत्व के फैसले का "पूरी तरह से समर्थन" करेंगे और इस प्रक्रिया में बाधा नहीं बनेंगे. शिंदे ने कहा कि मैंने कल पीएम मोदी और अमित शाह को फोन किया और उन्हें (कौन सीएम होगा) तय करने के लिए कहा और उन्हें आश्वासन दिया कि वे जो भी निर्णय लेंगे, मैं उसका पालन करूंगा. हमारी शिवसेना महाराष्ट्र के अगले सीएम के नाम के भाजपा के फैसले का पूरा समर्थन करेगी. हमारी तरफ से कोई गतिरोधक नहीं है.
शपथ ग्रहण समारोह
अजित पवार ने कहा कि नए मुख्यमंत्री के 30 नवंबर या 1 दिसंबर को शपथ ग्रहण करने की संभावना है. नई सरकार में दो उपमुख्यमंत्री होंगे. वहीं, शिंदे ने उन खबरों को खारिज कर दिया कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के उनके नेतृत्व में शानदार जीत हासिल करने के बावजूद उन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं मिलने से निराशा हुई है. शिंदे ने कहा कि कोई भी नाराज नहीं है. हमने महायुति के रूप में काम किया है. आपको याद रखना चाहिए कि भाजपा ने मुख्यमंत्री के रूप में मेरे कार्यकाल का समर्थन किया था।. मैं हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में इस शानदार जीत के लिए एक बार फिर महाराष्ट्र के लोगों और मतदाताओं को धन्यवाद देता हूं. मैं हमेशा कार्यकर्ता हूं. मेरे लिए सीएम का मतलब मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि आम आदमी है. शिवसेना प्रमुख ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने ढाई साल के कार्यकाल के दौरान उनका समर्थन करने के लिए मोदी और अमित शाह को भी धन्यवाद दिया.
महायुति की शानदार जीत
भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 288 सदस्यीय सदन में 230 सीटें जीतकर राज्य विधानसभा चुनावों में जोरदार वापसी की है. लोकसभा चुनावों में मिली हार से उबरते हुए भाजपा ने 132 सीटें जीतीं, जो महायुति के सभी घटकों में सबसे अधिक है. शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया. सेना ने 57 सीटें जीतीं, जबकि एनसीपी ने 41 सीटें हासिल कीं.