33 साल बाद बाबरी मस्जिद विवाद की गूंज, बंगाल की राजनीति में मचा घमासान
x

33 साल बाद बाबरी मस्जिद विवाद की गूंज, बंगाल की राजनीति में मचा घमासान

कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस कार्यक्रम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने राज्य सरकार को कानून-व्यवस्था बनाए रखने को कहा और केंद्र से भी सहयोग करने के निर्देश दिए।


Click the Play button to hear this message in audio format

बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के 33 साल बाद उसी मुद्दे की छाया एक बार फिर पश्चिम बंगाल की राजनीति पर पड़ रही है। राज्य में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसी बीच यह मामला बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। टीएमसी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में 6 दिसंबर को “बाबरी मस्जिद-स्टाइल” मस्जिद की आधारशिला रखने का ऐलान किया। इस कदम को “अयोध्या स्मृति” को राजनीतिक रूप से इस्तेमाल करने की कोशिश माना जा रहा है।

हाई कोर्ट ने कार्यक्रम पर रोक लगाने से किया इनकार

शुक्रवार (5 दिसंबर) को कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस कार्यक्रम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने राज्य सरकार को कानून-व्यवस्था बनाए रखने को कहा और केंद्र से भी सहयोग करने के निर्देश दिए। कोर्ट का रास्ता साफ होने के बाद कबीर ने बताया कि कार्यक्रम शनिवार दोपहर 12 बजे शुरू होगा और 2 घंटे तक कुरान का पाठ होगा। उन्होंने कहा कि 2,000 वॉलंटियर तैनात किए गए हैं ताकि कोई गड़बड़ी न हो।

भारी पुलिस बल तैनात

राज्य सरकार ने संवेदनशीलता को देखते हुए बड़ा सुरक्षा इंतजाम किया है। राज्य पुलिस की पर्याप्त तैनाती की गई है। केंद्रीय बलों की 19 कंपनियां क्षेत्र में तैनात हैं। संवेदनशील इलाकों में रूट मार्च शुरू किया गया है। जहां यह मस्जिद बनाई जा रही है, वही बेलडांगा इलाका पहले भी सांप्रदायिक तनाव का केंद्र रहा है। नवंबर 2024 में यहां एक डिजिटल बोर्ड पर “आपत्तिजनक संदेश” दिखने के बाद हिंसा भड़क गई थी, जिसमें कई लोग घायल हुए और 17 गिरफ्तारियां हुई थीं।

टीएमसी का आरोप

टीएमसी विधायक हसनुज्जमान ने कहा कि मस्जिद बनाना किसी को रोक नहीं रहा, लेकिन नाम, तारीख और जगह देखकर राजनीतिक एजेंडा साफ दिखता है। टीएमसी ने कबीर को “उकसावे वाली राजनीति” के आरोप में निलंबित कर दिया। पार्टी को डर है कि इससे बंगाल की राजनीति, जहां अल्पसंख्यक वोट निर्णायक हैं, में बड़ा बवाल खड़ा हो सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव से पहले अल्पसंख्यक नेता पर कार्रवाई करना जोखिम भरा है, लेकिन कार्रवाई न करने पर टीएमसी पर ‘तुष्टिकरण’ का आरोप और बढ़ जाता। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष समीक भट्टाचार्य ने कहा कि वे किसी भी बाबरी मस्जिद निर्माण की अनुमति नहीं देंगे।

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सरकार से कबीर को “एहतियाती तौर पर गिरफ्तार” करने पर विचार करने को कहा है। वहीं, कबीर ने कहा कि वह 22 दिसंबर को नई पार्टी लॉन्च करेंगे। उन्होंने दावा किया कि CPI(M) और AIMIM जैसी पार्टियां उनके साथ गठबंधन करने को तैयार हैं। वह 294 में से 135 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं।

टीएमसी कर रही डैमेज कंट्रोल

टीएमसी का दावा है कि यह केवल “अल्पसंख्यक वोटों को बांटने की कोशिश” है और इसके पीछे बीजेपी की भूमिका है।

Read More
Next Story