बदलापुर: वकीलों ने आरोपियों की पैरवी से किया इनकार, एमवीए ने 24 अगस्त को बुलाया बंद
इस बीच स्थानीय अदालत ने आरोपी की पुलिस हिरासत 26 अगस्त तक बढ़ा दी है. आरोपी को पुलिस एक वैन में अपने साथ जेल ले गयी है.
Badlapur: महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर शहर के एक स्कूल में चार साल की दो बच्चियों के यौन शोषण के मामले में विरोध प्रदर्शन तेज होते जा रहा है. जहाँ कल्याण बार एसोसिएशन से जुड़े वकीलों ने घोषणा की है कि वे इस मामले के आरोपी अक्षय शिंदे का अदालत में बचाव नहीं करेंगे तो वहीँ राज्य के विपक्षी संगठन महा विकास अघाड़ी ( एमवीए ) ने बंद का आव्हान किया है.
एमवीए ने 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया
बुधवार को बदलापुर में स्कूल बंद रहे, वहीं प्रशासन ने शहर में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी. कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी से मिलकर बने महा विकास अघाड़ी ने भी अपराध के विरोध में 24 अगस्त को बंद का आह्वान किया है. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने बताया कि सहयोगी दलों के बीच बैठक के बाद ये निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा, "हमने राज्य में महिला सुरक्षा के मुद्दे और भाजपा नीत महायुति सरकार की सभी मोर्चों पर विफलता पर चर्चा की."
कांग्रेस ने किया विरोध प्रदर्शन
इस बीच, मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने घटना के विरोध में राज्य सचिवालय मंत्रालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान वडेट्टीवार और कुछ कांग्रेस नेता भी मौजूद थे.
मंत्रालय के गेट के बाहर तख्तियां थामे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ‘एफआईआर दर्ज करने में देरी’ के लिए सरकार के खिलाफ नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने परिसर में घुसने से रोक दिया.
गायकवाड़ और वडेट्टीवार ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि के लिए राज्य सरकार की आलोचना की.
स्कूल ने अपराध को छुपाया: बाल अधिकार आयोग
इस बीच, महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुसीबेन शाह ने बुधवार को कहा कि बदलापुर के जिस स्कूल में ये अपराध हुआ, उसने लड़कियों के माता-पिता को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने में मदद करने के बजाय मामले को छुपाना बेहतर समझा.
शाह ने मामले की गंभीरता पर बल देते हुए कहा कि नर्सरी की दो छात्रों के कथित यौन शोषण का मामला स्पष्ट रूप से यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत मामला है. राज्य बाल अधिकार पैनल प्रमुख ने बताया कि घटना के बारे में जानने के बाद उन्होंने माता-पिता की चिंताओं के बारे में ठाणे जिला बाल संरक्षण इकाई से संपर्क किया.
शाह ने कहा, "वे (बाल संरक्षण इकाई) उन्हें शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस के पास ले गए. जब मैंने स्कूल प्रबंधन से मामले के बारे में पूछा, तो उन्होंने इसे छिपाने की कोशिश की। मैंने उनसे यह भी पूछा कि स्कूल प्रबंधन के खिलाफ POCSO प्रावधान क्यों नहीं लगाए जाने चाहिए."
उन्होंने कहा कि अगर स्कूल प्रबंधन ने पुलिस को तुरंत सूचित किया होता, तो बदलापुर में अराजकता की स्थिति से बचा जा सकता था. "यह समस्या इसलिए पैदा हुई क्योंकि अभिभावकों को 11 घंटे तक इंतजार करना पड़ा." कथित यौन हमले के बारे में अवगत होने के बावजूद, प्रिंसिपल ने "पुलिस से संपर्क नहीं करने का फैसला किया". शाह ने कहा, "इसके बजाय, वह स्कूल प्रबंधन के पास गईं," उन्होंने इस घटना को "भयानक स्थिति" बताया.
बदलापुर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन
मंगलवार को दो छात्राओं के यौन शोषण के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने बदलापुर स्टेशन पर रेलवे पटरियों को अवरुद्ध कर दिया और स्कूल भवन में घुस गए.
विरोध प्रदर्शन के बाद, महाराष्ट्र सरकार ने घटना की जांच के लिए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरती सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की घोषणा की.
मंगलवार को रेलवे स्टेशन और बदलापुर के अन्य हिस्सों में पथराव में कम से कम 25 पुलिसकर्मी घायल हो गए और पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में कम से कम 72 लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने 17 अगस्त को बदलापुर के एक स्कूल में नर्सरी की दो छात्राओं के साथ यौन शोषण करने के आरोप में स्कूल के एक अटेंडेंट को गिरफ्तार किया. एक अधिकारी ने बताया कि शिकायत के अनुसार, उसने स्कूल के शौचालय में लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार किया.
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि लड़कियों के माता-पिता को बदलापुर पुलिस स्टेशन में 11 घंटे तक इंतजार करना पड़ा, उसके बाद अधिकारियों ने उनकी शिकायतों पर ध्यान दिया.
आरोपियों की पुलिस हिरासत बढ़ाई गई
बुधवार (21 अगस्त) को एक स्थानीय अदालत ने आरोपी की पुलिस हिरासत 26 अगस्त तक बढ़ा दी. आरोपी को बुधवार सुबह कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच जिले के कल्याण में एक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अदालत ने उसकी पुलिस हिरासत 26 अगस्त तक बढ़ाने का आदेश दिया, जिसके बाद पुलिस उसे एक वैन में ले गई.
(एजेंसियों से प्राप्त इनपुट के साथ)
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