बेंगलुरु की धनिया पहुंची 22 शहरों तक, कोलकाता सबसे बड़ा खरीदार
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बेंगलुरु की धनिया पहुंची 22 शहरों तक, कोलकाता सबसे बड़ा खरीदार

बेंगलुरु से 2025 में रिकॉर्ड 5,904 मीट्रिक टन धनिया की हवाई आपूर्ति, कोल्ड चेन से किसानों को बेहतर दाम और देशभर में तेज डिलीवरी का रास्ता खुला है।


Coriander Export: देश की आईटी राजधानी के रूप में पहचाना जाने वाला बेंगलुरु अब ताज़ी कृषि उपज के परिवहन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में भी अपनी नई पहचान बना रहा है। केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (KIA) से उत्तर और पूर्वी भारत के लिए हवाई मार्ग से भेजी जा रही हरी धनिया की खेप में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

हवाई अड्डा प्राधिकरण द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जून से नवंबर 2025 के बीच बेंगलुरु से कुल 5,904 मीट्रिक टन धनिया पत्तियों का हवाई परिवहन किया गया। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में करीब 13 प्रतिशत अधिक है।

कोलकाता सबसे बड़ा गंतव्य

धनिया की मांग के मामले में कोलकाता (Kolkata) शीर्ष पर है। बेंगलुरु और आसपास के जिलों में उगाई गई धनिया की सबसे अधिक खेप कोलकाता भेजी जा रही है। इसके अलावा दिल्ली, बागडोगरा, रांची और पटना जैसे शहर भी प्रमुख गंतव्यों में शामिल हैं। उत्तर और पूर्वी भारत के उपभोक्ताओं ने कर्नाटक में उगाई गई धनिया के स्वाद और गुणवत्ता की खास सराहना की है।

नए शहर भी जुड़े नेटवर्क से

इस वर्ष धनिया के हवाई परिवहन नेटवर्क का और विस्तार हुआ है। अब आगर्तला, आगरा, नागपुर, अमृतसर और पोर्ट ब्लेयर जैसे पांच नए शहरों को भी इस सूची में शामिल किया गया है। इसके साथ ही बेंगलुरु से देश के कुल 22 शहरों तक सीधे हवाई मार्ग से धनिया की आपूर्ति की जा रही है।

कोल्ड चेन से किसानों को फायदा

धनिया एक अत्यंत नाशवान फसल है, जो जल्दी मुरझा जाती है। ऐसे में सड़क या रेल मार्ग से लंबी दूरी तक इसका परिवहन व्यावहारिक नहीं होता। हालांकि, केम्पेगौड़ा हवाई अड्डे की उन्नत कोल्ड स्टोरेज व्यवस्था और कुशल एयर कार्गो सेवाओं के कारण ताज़ी उपज कुछ ही घंटों में प्रमुख बाजारों तक पहुंच जाती है। इससे किसानों को बेहतर कीमत मिलती है और कटाई के बाद होने वाला नुकसान भी कम होता है।

खेत से हवाई जहाज तक

बेंगलुरु के आसपास के ग्रामीण इलाकों में किसानों द्वारा उगाई गई धनिया पहले शहर के थोक बाजारों तक पहुंचती है, जहां से इसे हवाई अड्डे भेजा जाता है। हवाई अड्डे की विशेष नाशवान कार्गो सुविधाओं का लाभ उठाते हुए यह धनिया उत्तर और पूर्वी भारत के शहरों तक तेजी से पहुंचाई जाती है, जिससे इसकी ताजगी बनी रहती है। यह व्यवस्था न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद कर रही है, बल्कि बेंगलुरु को कृषि लॉजिस्टिक्स के एक प्रमुख केंद्र के रूप में भी स्थापित कर रही है।

तेजी से बढ़ता विमानन केंद्र

केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा केवल एक बड़ा कार्गो केंद्र ही नहीं है, बल्कि यह दक्षिण भारत के सबसे व्यस्त यात्री हवाई अड्डों में भी शामिल है। मौजूदा आंकड़ों के अनुसार, यहां सालाना 3.7 करोड़ से अधिक यात्री आवाजाही करते हैं, यानी औसतन प्रतिदिन एक लाख से ज्यादा यात्री।

आधुनिक टर्मिनल-2 (टी2), जिसे “गार्डन टर्मिनल” के नाम से भी जाना जाता है, के शुरू होने के बाद हवाई अड्डे की वार्षिक यात्री क्षमता बढ़कर 5 से 6 करोड़ हो गई है। अकेला टर्मिनल-2 ही सालाना 2.5 करोड़ यात्रियों को संभालने में सक्षम है। कार्गो के मामले में भी बेंगलुरु हवाई अड्डा देश के शीर्ष हवाई अड्डों में गिना जाता है। इसकी वार्षिक कार्गो क्षमता 4 लाख मीट्रिक टन से अधिक है और यह विशेष रूप से कृषि और फार्मास्यूटिकल उत्पादों के निर्यात के लिए दक्षिण भारत के सबसे बड़े केंद्र के रूप में उभर चुका है।

(यह लेख मूल रूप से द फेडरल कर्नाटक में प्रकाशित हुआ था।)

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