
छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, मारे गए टॉप नक्सली
Gariaband Naxalite attack: छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ चल रहे सुरक्षा अभियान को बड़ी सफलता मिली है. एक ओर जहां बड़े इनामी माओवादी मारे गए हैं. वहीं कई निचले स्तर के नक्सलियों ने भी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया है.
Chhattisgarh encounter: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में गुरुवार को सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में 10 माओवादी मारे गए, जिनमें 1 करोड़ का इनामी बालकृष्ण उर्फ मनोज और 40 लाख का इनामी प्रमोद उर्फ पाड़न्ना भी शामिल है.
यह मुठभेड़ मैनपुर थाना क्षेत्र के जंगलों में हुई. E-30, STF और COBRA की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन को अंजाम दिया. नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने यह सर्च ऑपरेशन शुरू किया. मुठभेड़ में अब तक 10 नक्सलियों के शव बरामद हो चुके हैं.
भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद
सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं. इनमें ऑटोमेटिक राइफलें, AK-47, इंसास, SLR, गोला-बारूद और बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री शामिल हैं.
कौन था मोडेम बालकृष्ण उर्फ मनोज?
बालकृष्ण तेलंगाना के वारंगल जिले के मदीकोंडा गांव का रहने वाला था. वह पहले पीपुल्स वार ग्रुप और बाद में CPI (माओवादी) से जुड़ा. माओवादी संगठन में वह केंद्रीय समिति, सेंट्रल रीजनल ब्यूरो और ओडिशा राज्य कमेटी तक पहुंचा. बस्तर और आंध्र–ओडिशा सीमा पर उसकी रणनीति बहुत अहम मानी जाती थी. वह AK-47 से लैस रणनीतिकार माना जाता था. उम्र बढ़ने के साथ उसे डायबिटीज, साइटिका और स्पॉन्डिलाइटिस जैसी बीमारियां हो गई थीं, लेकिन उसका संगठन पर असर बना रहा.
16 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण
इसी दिन छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में 16 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया. इन सभी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने सरेंडर किया. नारायणपुर पुलिस अनुसार, माओवादियों ने माओवादी विचारधारा को "खोखला" बताया. निर्दोष आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों पर अफसोस जताया और संगठन के अंदर चल रहे आपसी झगड़ों से निराशा जताई. आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी में जनताना सरकार, चेतना नाट्य मंडली और पंचायत मिलिशिया जैसे संगठनों से जुड़े थे.