मोदी-हीराबेन वीडियो पर बवाल, कांग्रेस ने बनाई जांच समिति
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मोदी-हीराबेन वीडियो पर बवाल, कांग्रेस ने बनाई जांच समिति

बिहार कांग्रेस के एक्स हैंडल पर मोदी-हीराबेन का एआई वीडियो बिना अनुमति पोस्ट होने से बवाल मचा। भाजपा के हमले के बीच पार्टी ने जांच शुरू


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन मोदी को लेकर बनाए गए एआई-जनित वीडियो से उपजे राजनीतिक तूफान को शुरू में नजरअंदाज करने वाली बिहार कांग्रेस अब बैकफुट पर आ गई है। पार्टी की प्रदेश इकाई ने इस विवादित वीडियो के अपनी आधिकारिक एक्स (X) हैंडल पर “बिना अनुमति” पोस्ट होने की जांच शुरू कर दी है।

छह सदस्यीय जांच समिति

कांग्रेस के बिहार प्रदेश नेताओं ने बताया कि एक छह सदस्यीय तथ्य-जांच समिति यह पता लगाने में जुटी है कि वीडियो का प्रसार “निर्णय में भूल” थी या “जानबूझकर की गई शरारत”। इसी बीच, बिहार कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम के लिए वीडियो तैयार करने वाली एजेंसी पर नए कंटेंट बनाने पर रोक लगा दी गई है, जब तक समिति जांच पूरी नहीं करती। हैरानी की बात यह है कि वीडियो अब भी पार्टी के प्लेटफॉर्म से नहीं हटाया गया है।

इस समिति में शामिल हैं – बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी (BPCC) अध्यक्ष राजेश राम, एआईसीसी के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, प्रदेश मीडिया विभाग प्रमुख राजेश राठौरे, एआईसीसी के सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के राष्ट्रीय संयोजक प्रणव वच्छराजानी और बिहार वार-रूम प्रभारी गौरव कुमार।

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग प्रमुख पवन खेड़ा भी इस जांच की निगरानी करेंगे।

विवादित वीडियो और राजनीतिक प्रतिक्रिया

10 सितंबर की शाम बिहार कांग्रेस के एक्स हैंडल पर डाला गया 36 सेकंड का एआई वीडियो एक “सपना अनुक्रम” (dream sequence) दर्शाता है। इसमें हीराबेन मोदी, प्रधानमंत्री से कहती सुनाई देती हैं:

“तुमने मुझे नोटबंदी की लाइन में खड़ा किया,

मेरे पैर धोने के वीडियो बनवाए,

अब मेरे नाम से बिहार में राजनीति कर रहे हो,

मेरे अपमान के पोस्टर-बैनर छपवा रहे हो।

राजनीति के लिए और कितना गिरोगे?”

वीडियो सामने आते ही भाजपा और एनडीए के सहयोगियों ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। यह विवाद मोदी की दिवंगत मां को एक बार फिर चुनावी बहस के केंद्र में ले आया, ठीक उसी तरह जैसे कुछ हफ्ते पहले जब प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया था कि “मेरी मां का अपमान कराया गया”।

कांग्रेस का शुरुआती बचाव

भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस की शुरुआती प्रतिक्रिया आक्रामक थी। पवन खेड़ा और राजेश राठौरे ने वीडियो का बचाव किया। खेड़ा ने कहा –“इस वीडियो में कहां अपमान है? मां का काम है बच्चे को शिक्षा देना। अगर बच्चा इसे अपमान समझे तो यह उसकी समस्या है। भाजपा हर बात से झूठी सहानुभूति बटोरना चाहती है। राजनीति में मोदी को विपक्ष की नसीहत और व्यंग्य भी सहना चाहिए।”

राजेश राठौरे ने भी कहा –“हर अच्छी मां अपने बिगड़े बेटे को डांटती है। अगर बेटा निकम्मा हो तो इसमें मां की गलती नहीं होती।”

आंतरिक जांच और लापरवाही

अब वही खेड़ा इस जांच की निगरानी कर रहे हैं और राठौरे समिति के सदस्य हैं। कांग्रेस के एक सूत्र ने बताया “हम यह देख रहे हैं कि यह कैसे हुआ। क्या यह निर्णय की भूल थी या जानबूझकर की गई हरकत। सूत्रों का कहना है कि वीडियो सीनियर नेताओं की अनिवार्य मंजूरी के बिना ही पोस्ट कर दिया गया। यह कंटेंट पार्टी के भीतर नहीं बल्कि बाहरी एजेंसी ने बनाया था। तय व्यवस्था के अनुसार, किसी भी कंटेंट को पहले वरिष्ठ नेताओं के व्हाट्सएप ग्रुप में साझा किया जाता है और मंजूरी मिलने पर ही उसे सार्वजनिक मंचों पर पोस्ट किया जाता है।लेकिन इस मामले में मंजूरी की प्रक्रिया अधूरी रही। बिहार कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम के एक सदस्य ने बताया –

“वीडियो ग्रुप में डाला गया था लेकिन किसी ने क्लियर नहीं किया। इस तरह की चूकें राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान भी हुई थीं, जब कई वीडियो बिना अनुमति पोस्ट हो गए थे। चूंकि वे राजनीतिक रूप से संवेदनशील नहीं थे, इसलिए मामला दबा रहा। मगर इस बार मामला गंभीर था और विवाद भड़क गया।

चुनावी असर और नुकसान

पार्टी के भीतर यह स्वीकार किया जा रहा है कि भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया और कांग्रेस नेताओं के शुरुआती बचाव के बाद अब नुकसान की भरपाई करना मुश्किल है। जैसे-जैसे बिहार चुनाव नजदीक आ रहे हैं, कांग्रेस यही चाह रही है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।तथ्य-जांच समिति से उम्मीद है कि वह भविष्य में इस तरह की गलतियों से बचने के लिए अतिरिक्त उपाय सुझाएगी, ताकि चुनावी नुकसान से पार्टी को बचाया जा सके। कांग्रेस और उसके महागठबंधन सहयोगी मानते हैं कि बिहार का चुनाव भाजपा की जीत की लय को रोकने में निर्णायक साबित हो सकता है।

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