बिहार ड्राफ्ट मतदाता सूची
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बिहार ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में बड़ा फेरबदल, 7.9 करोड़ से घटकर 7.2 करोड़ वोटर

बिहार की ड्राफ्ट मतदाता सूची में 65.6 लाख नाम कम हुए। EC ने 1 सितंबर तक दावे-आपत्तियां दर्ज कराने का मौका दिया है।


चुनाव आयोग (EC) ने शुक्रवार को बिहार के लिए ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की। इस सूची में 7.24 करोड़ मतदाताओं के नाम शामिल हैं, जिन्होंने 25 जुलाई की समयसीमा तक अपने एन्यूमरेशन फॉर्म जमा किए थे. हालांकि, यह आंकड़ा 24 जून 2025 को जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से पहले दर्ज 7.9 करोड़ मतदाताओं की तुलना में 65.6 लाख कम है. चुनाव आयोग ने 27 जुलाई को यह जानकारी सार्वजनिक की.

क्यों कम हुए 65.6 लाख नाम?

22 लाख – मृत मतदाता

36 लाख – स्थायी रूप से स्थानांतरित या लापता

7 लाख – एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत

इस मामले पर राहुल गांधी ने EC को चेतावनी देते हुए कहा, “एटम बम है, फटेगा”, वहीं विपक्षी दलों ने संसद में इस मुद्दे पर टकराव की मांग की.

किन जिलों में ज्यादा नाम हटे?

राज्य की औसत 8.3% नाम विलोपन दर से अधिक 15 जिलों में नाम हटाने का प्रतिशत दर्ज किया गया. इनमें प्रमुख हैं:

गोपालगंज – 15.1%

पूर्णिया – 12.1%

किशनगंज – 11.8%

मधुबनी – 10.4%

भागलपुर – 10.2%

किशनगंज बिहार का एकमात्र मुस्लिम बहुल जिला है, जबकि पूर्णिया में मुस्लिम आबादी 38.4% है. दोनों जिलों को अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के कथित ठिकाने के रूप में भी देखा जाता है.

दिलचस्प बात यह है कि अररिया और कटिहार, जहां मुस्लिम आबादी 43-44% है, वहां विलोपन दर (7.6% और 8.2%) राज्य औसत से कम रही.

मतदाता अब क्या कर सकते हैं?

EC ने कहा कि किसी भी मतदाता या पार्टी को 1 सितंबर तक दावे और आपत्तियां दर्ज कराने का अधिकार है. इसमें गलत तरीके से हटाए गए नामों को जोड़ने या अपात्र नाम हटाने की मांग की जा सकती है. शनिवार से EC दैनिक अपडेट जारी करेगा.

बूथ-स्तर पर पारदर्शिता

90,712 मतदान केंद्रों की बूथ-वार ड्राफ्ट लिस्ट सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में राजनीतिक दलों को सौंपी गई है. EC ने इस प्रक्रिया को “अभूतपूर्व भागीदारी और पारदर्शिता” करार दिया. इसमें मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, 38 जिला निर्वाचन पदाधिकारी, 243 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी, 2,976 सहायक EROs, बूथ लेवल अधिकारी और लाखों स्वयंसेवक शामिल रहे. साथ ही 12 राजनीतिक दलों के 1.6 लाख बूथ-स्तरीय एजेंट भी नियुक्त किए गए.

नए मतदाताओं के लिए संदेश

EC ने पात्र मतदाताओं से अपील की कि वे ड्राफ्ट लिस्ट में अपना नाम जांचें। अगर नाम नहीं है तो फॉर्म 6 और नागरिकता घोषणा पत्र जमा करें.

जो युवा 1 जुलाई तक 18 साल के हो गए या 1 अक्टूबर तक होंगे, वे भी फॉर्म 6 भर सकते हैं.

नाम हटाने की प्रक्रिया

EC ने स्पष्ट किया कि बिना नोटिस, सुनवाई और लिखित आदेश के कोई नाम ड्राफ्ट सूची से नहीं हटाया जा सकता. ERO के निर्णय के खिलाफ दो स्तर पर अपील की जा सकती है:

जिला मजिस्ट्रेट

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO)

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