Bihar Exit Polls: प्रशांत किशोर के लिए तो अच्छे संकेत नहीं दिख रहे हैं
x
प्रशांत किशोर ने रोजगार, सुरक्षा और शिक्षा जैसे मसलों पर आक्रामक प्रचार किया था।

Bihar Exit Polls: प्रशांत किशोर के लिए तो अच्छे संकेत नहीं दिख रहे हैं

एक्जिट पोल के मुताबिक प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी को महज 5 सीटें ही मिल सकती हैं। इसी तरह पी-मार्क एजेंसी के सर्वे में जनसुराज को सिर्फ 1 से 4 तक ही सीटें मिलने की बात है। Peoples Pulse के सर्वे में जनसुराज के शून्य से 5 सीटों तक ठहरने का अनुमान लगाया है। फिलहाल नतीजों का इंतजार है।


जनसुराज के नेता प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव में जोर-शोर से प्रचार किया था। बीते तीन सालों से बिहार में ही मेहनत कर रहे प्रशांत किशोर विधानसभा चुनाव में फेल होते दिख रहे हैं। ज्यादातर एग्जिट पोल्स में उन्हें जीरो दिया गया है या फिर हद से हद 5 सीटें ही जीतने का अनुमान है। Matrize के सर्वे में एनडीए को 147-167 सीटें मिलने की बात है तो वहीं महागठबंधन 70-90 सीटें पा सकता है।

पी-मार्क एजेंसी के सर्वे में जनसुराज को सिर्फ 1 से 4 तक ही सीटें मिलने की बात है। Peoples Pulse के सर्वे में जनसुराज के शून्य से 5 सीटों तक ठहरने का अनुमान लगाया है। दैनिक भास्कर ने उन्हें एक भी सीट नहीं दी है। इसके अलावा पीपल्स इनसाइट के मुताबिक वे हद से हद दो सीटें पा सकते हैं।

यदि ये एग्जिट पोल्स सही रहे तो प्रशांत किशोर को चुनावी राजनीति के शुरुआती सालों में ही यह करारा झटका लगेगा। हालांकि वह चुनाव प्रचार के दौरान ही कह चुके हैं कि या तो हम अर्श पर होंगे या फिर फर्श पर रहेंगे। यानी उनका मानना था कि या तो जनसुराज काफी ज्यादा सीटें जीतेगी या फिर दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं होगा। अब सर्वे में दूसरी बात सही साबित होती दिख रही है।

साल 2022 के 2 अक्तूबर को प्रशांत किशोर ने जनसुराज की शुरुआत की थी। तब से अब तक तीन साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है। ऐसे आंकड़े उनकी सियासी पारी के लिए एक सबक होंगे। अब तक वह एक सफल चुनावी रणनीतिकार के तौर पर पहचान रखते रहे हैं। लेकिन खुद पार्टी बनाकर चुनाव में उतरना एक अलग अनुभव रहा है। रोजगार, सुरक्षा और शिक्षा जैसे मसलों पर उन्होंने आक्रामक प्रचार किया था।

जानकार मानते हैं कि यदि चुनाव में ध्रुवीकरण हुआ होगा तो फिर ज्यादातर मतदाता भाजपा, आरजेडी या फिर जेडीयू को ही चुनेंगे। ऐसी स्थिति में प्रशांत किशोर को झटका लगेगा, लेकिन यदि किसी एक पक्ष की लहर नहीं रही तो फिर पीके भी अच्छी संख्या में सीटें पा सकते हैं। फिलहाल प्रशांत किशोर, तेजस्वी या नीतीश कुमार की वास्तव में क्या हालत होगी। उसके लिए 14 नवंबर को आने वाले नतीजों तक इंतजार करना होगा।

Read More
Next Story