बिहार | क्या नीतीश के साथ फिर से गठबंधन के लिए तैयार हैं तेजस्वी यादव?
बिहार विधानसभा में विपक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार अब मुखौटे बनकर रह गए हैं और भाजपा नेता ही फैसले ले रहे हैं.
Bihar Politics: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ये स्पष्ट किया है कि वो अब नितीश कुमार के साथ किसी तरह का कोई गठबंधन नहीं करेंगे. तेजस्वी ने नितीश कुमार पर तंज भी कसा कि मुख्यमंत्री इन दिनों राज्य सरकार के मुखौटे तक ही सिमित रह गए हैं, जबकि मुट्ठी भर भाजपा नेता पर्दे के पीछे से फैसला ले रहे हैं.
तेजस्वी ने एनडीटीवी से कहा, "मुख्यमंत्री के पास अब कुछ नहीं है. वह अब सिर्फ़ एक मुखौटा हैं. भाजपा के मुट्ठी भर लोग सरकार चला रहे हैं." उन्होंने अगले साल बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू के साथ किसी और गठबंधन की संभावना से भी इनकार किया.
नितीश कुमार ने मेरी माँ के आगे हाथ जोड़े
तेजस्वी ने कहा, "कोई मतलब नहीं है (गठबंधन का). हमने उन्हें कई मौके दिए. हम उनके पास नहीं गए. वे यहां आए. उन्होंने मेरी मां (पूर्व सीएम राबड़ी देवी) के सामने हाथ जोड़े. उन्होंने विधानसभा में सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और फिर वे चले गए. नीतीश कुमार जी को खुद के अलावा कोई पसंद नहीं है."
यह पूछे जाने पर कि वह नीतीश कुमार से बेहतर विकल्प कैसे हैं, पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, "यह तो जनता तय करेगी. मुझे जो भी जिम्मेदारी मिली, मैंने उसे निभाया है, भले ही थोड़े समय के लिए ही क्यों न हो. मैं चाहता हूं कि बिहार की जनता हमें पांच साल का मौका दे और हम दिखाएंगे कि हम क्या कर सकते हैं. चाहे बेरोजगारी हो, गरीबी हो, हम चाहते हैं कि बिहार प्रगतिशील राज्यों में गिना जाए और सीमित संसाधनों में भी बहुत कुछ किया जा सकता है."
2015 से लेकर अब तक दो बार हो चुका है गठबंधन
34 वर्षीय राजनेता अपने पिता और राजनीतिक दिग्गज लालू प्रसाद द्वारा स्थापित आरजेडी का नेतृत्व कर रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों में, जब स्वास्थ्य समस्याओं के कारण दिग्गज नेता पीछे हट गए, तेजस्वी ने अपनी खुद की राजनीतिक पहचान बनाई और पार्टी को चुनावी सफलता दिलाई.
पिछले दो दशकों में नीतीश कुमार ने कई बार अपने पाले बदले हैं. 2015 के बिहार चुनावों के बाद, जब जेडीयू और तेजस्वी यादव की आरजेडी ने शानदार जीत दर्ज की, तो नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद संभाला और तेजस्वी उप-मुख्यमंत्री बने. दो साल बाद, उन्होंने सहयोगी दल बदल लिया और भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया, जिससे उनका मुख्यमंत्री पद बरकरार रहा. 2022 में एक और बदलाव तब हुआ जब नीतीश कुमार ने भाजपा को छोड़कर आरजेडी के साथ गठबंधन कर लिया. इस जनवरी में एक और बदलाव के बाद वे एनडीए के पाले में लौट आए.
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