
BJP-JDU की सुनामी में कैसे टिक गए ओवैसी, AIMIM ने RJD की छीनी सभी सीटें फिर जीतीं, 8 सीटों पर हरवाया
‘चुनाव के बाद बच्चों की तरह सिसक-सिसक कर मत रोना, हम BJP और कांग्रेस को छोड़ किसी के साथ भी गठबंधन के लिए तैयार हैं।’ ये नसीहत AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले RJD नेता तेजस्वी यादव को दी थी।
ओवैसी ने 28 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और अमौर, कोचाधामन, बहादुरगंज, जोकीहाट, बायसी सीट जीत ली। 2020 में भी AIMIM ने यही सीटें जीती थीं, लेकिन अमौर से जीते अख्तरुल ईमान के अलावा चारों विधायक RJD में चले गए। अब AIMIM ने न सिर्फ अपनी 5 सीटें दोबारा जीतीं, बल्कि महागठबंधन को सीधे 8 सीटों पर नुकसान भी पहुंचाया। बिहार विधानसभा चुनाव में NDA को 202 सीटें मिली हैं। गठबंधन की दो बड़ी पार्टियों में BJP को 89 और JDU को 85 सीटें मिली हैं। विपक्षी महागठबंधन सिर्फ 35 सीट पर सिमट गया। 2020 में 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी RJD इस बार सिर्फ 25 सीटें जीत पाई। कांग्रेस को 6 सीटें मिलीं। BJP-JDU की आंधी में ओवैसी पिछला परफॉर्मेंस कैसे दोहरा गए, एक्सपर्ट इस बात से हैरान हैं।
AIMIM की सभी 5 सीटें सीमांचल से
AIMIM की जीतीं सभी 5 सीटें मुस्लिम बहुल सीमांचल से हैं। जोकीहाट से मोहम्मद मुर्शीद आलम, बहादुरगंज से मोहम्मद तौसीफ आलम, कोचाधामन से मोहम्मद सरवर अलाम, अमौर से अख्तरुल ईमान और बायसी से गुलाम सरवर चुनाव जीते हैं। पांचों सीटों का हिसाब सीट: अमौर, जिला-पूर्णिया अमौर से AIMIM के अख्तरूल इमाम जीते हैं। 2020 में भी यहां से अख्तरुल ईमान ही जीते थे। 4 विधायकों के RJD में जाने के बाद अख्तरुल ईमान AIMIM के इकलौते विधायक बचे थे। इस बार उन्हें 1,00,836 वोट मिले हैं। दूसरे नंबर पर रहे JDU के सबा जफर को 61,908 वोट मिले। तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के अब्दुल जलील मस्तान रहे। उन्हें 52,791 वोट मिले हैं।
सीट: बायसी
जिला-पूर्णिया बायसी से गुलाम सरवर जीते हैं। उन्हें 92,766 वोट मिले। दूसरे नंबर पर BJP के विनोद कुमार रहे। RJD यहां तीसरे नंबर पर रही। 2020 में AIMIM की टिकट पर जीते सैयद रुकनुद्दीन अहमद RJD में चले गए थे। RJD ने इस बार उनकी जगह अब्दुस शुबाहान को टिकट दिया। शुबाहान तीसरे नंबर पर रहे। उन्हें 56,000 वोट मिले।
सीट: बहादुरगंज
जिला- किशनगंज बहादुरगंज से AIMIM के तौसीफ आलम जीते हैं। उन्हें 87,315 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के मोहम्मद मसावर आलम को 58,589 वोट मिले। वहीं चिराग पासवान की पार्टी LJP(R) के इकलौते मुस्लिम प्रत्याशी मोहम्मद कलीमुद्दीन तीसरे नंबर पर रहे। उन्हें 57,195 वोट मिले। 2020 में बहादुरगंज से जीते मोहम्मद अंजार नईमी RJD में चले गए थे।
सीट: कोचाधामन
जिला-किशनगंज इस सीट से AIMIM के मोहम्मद सरवर जीते हैं। उन्हें 81,860 वोट मिले। RJD के मुजाहिद आलम 58,839 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे। तीसरे नंबर पर रहीं BJP की बीना देवी को 44,858 वोट मिले। कोचाधामन से 2020 में मोहम्मद इजहार आसफी जीते थे। RJD ने उनकी जगह मुजाहिद आलम को टिकट दिया था।
सीट: जोकीहाट
जिला-अररिया अररिया के जोकीहाट से 2020 में शहनवाज आलम जीते थे। बाद में वे RJD में चले गए। इस बार AIMIM ने मोहम्मद मुर्शीद आलम को उम्मीदवार बनाया। RJD ने शहनवाज आलम को ही टिकट दिया। मोहम्मद मुर्शीद आलम 83,737 वोट पाकर चुनाव जीत गए। दूसरे नंबर पर रहे JDU के मंजर आलम को 54,934 वोट मिले। जन सुराज के सरफराज आलम 35,354 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे। इस सीट पर मौजूदा विधायक और RJD प्रत्याशी शहनवाज आलम के सामने उनके भाई सरफराज आलम जन सुराज से उतरे थे। शहनवाज चौथे नंबर पर रहे।
स्ट्राइक रेट में RJD से बेहतर
AIMIM 28 सीटों पर लड़ी AIMIM का स्ट्राइक रेट महागठबंधन की पार्टियों से बेहतर रहा। RJD 143 सीटों पर लड़कर सिर्फ 25 सीटें जीत पाई। इसके अलावा AIMIM 2 सीटों पर दूसरे और 14 सीटों पर तीसरे नंबर पर रही। ठाकुरगंज में AIMIM प्रत्याशी गुलाम हसनैन 76,421 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। यहां से JDU के गोपाल कुमार अग्रवाल जीते हैं। उन्हें 85,243 वोट मिले। RJD के सऊद आलम 60,036 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे। बलरामपुर में AIMIM के मोहम्मद आदिल हसन दूसरे नंबर पर रहे। उन्हें 80,070 वोट मिले। यहां से LJP (R) की संगीता देवी सिर्फ 389 वोट से जीती हैं। CPI (ML) के महबूब आलम 79,141 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे। ये सीट पहले CPI (ML) के पास ही थी।
AIMIM फैक्टर से 8 सीटें हार गया महागठबंधन
28 में से 10 सीटों पर AIMIM को जीत-हार के अंतर से ज्यादा वोट मिले हैं। इसमें से 8 सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशी को सीधा नुकसान हुआ। मुस्लिम RJD के कोर वोटर माने जाते हैं। AIMIM ने उनमें सेंध लगा दी। एक सीट पर AIMIM ने JDU को नुकसान पहुंचाया।
सीट: प्राणपुर
यहां से BJP की निशा सिंह चुनाव जीती हैं। उन्हें 1,08,565 वोट मिले। दूसरी नंबर पर रही RJD की इशरत परवीन को 1,00,813 वोट मिले। यहां हार-जीत का अंतर सिर्फ 7,752 रहा। तीसरे नंबर पर रहे AIMIM के आफताब आलम को 30,163 वोट मिले। सीट: गोपालगंज AIMIM तीसरे नंबर पर रही। यहां पार्ची ने कांग्रेस प्रत्याशी ओम प्रकाश गर्ग को सीधा नुकसान पहुंचाया। AIMIM के अनाश सलाम को 14,225 वोट मिले, जबकि BJP के सुभाष सिंह 28 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीते। सीट: कसबा
यहां से LJP(R) के नितेश कुमार सिंह 86,877 वोट पाकर चुनाव जीत गए। दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के इरफान आलम को 74,002 वोट मिले। हार-जीत का अंतर 12,875 रहा। तीसरे नंबर पर रहे AIMIM के मोहम्मद शहनवाज आलम को 35,309 वोट मिले। सीट: महुआ महुआ से LJP (R) के संजय कुमार सिंह जीते हैं। उन्हें 87,641 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहे RJD के मुकेश रौशन को 42,644 और तीसरे नंबर पर रहे तेज प्रताप को 35,703 वोट मिले। AIMIM के अमित कुमार उर्फ बच्चा राय को 15,783 वोट मिले। वे चौथे नंबर पर रहे। RJD के यादव और मुस्लिम वोट तीन हिस्सों में बंटने से ये सीट LJP(R) के खाते में चली गई।
सीट: शेरघाटी
यहां से LJP (R) के उदय कुमार सिंह 77,270 वोट पाकर चुनाव जीत गए। दूसरे नंबर पर रहे RJD के प्रमोद कुमार वर्मा को 63,746 वोट मिले। तीसरे नंबर पर जन सुराज के पवन किशोर को 18,982 और चौथे नंबर पर रहे AIMIM के शाने अली खान को 14,754 वोट मिले। इस सीट पर जीत का अंतर 13,524 रहा। जन सुराज और AIMIM ने मिलकर इस सीट पर RJD को नुकसान पहुंचाया। सीट: केवटी BJP के मुरारी मोहन झा 89,123 वोट पाकर चुनाव जीत गए। दूसरे नंबर पर रहे RJD के फराज फातमी को 81,818 वोट मिले। इस सीट पर जीत का अंतर 7305 वोट का है। तीसरे नंबर पर रही AIMIM के मोहम्मद अनीसुर रहमान को 7474 वोट मिले। सीट: दरभंगा ग्रामीण यहां से JDU के राजेश कुमार मंडल 80,355 वोट पाकर चुनाव जीत गए। दूसरे नंबर पर रहे RJD के ललित कुमार यादव को 61,902 वोट मिले। तीसरे नंबर पर रहे AIMIM के जलालुद्दीन साहिल को 16,966 वोट मिले। जीत-हार का अंतर 18,453 वोट का रहा। यहां जन सुराज को 3,792 वोट मिले। सीट: अररिया यहां से कांग्रेस के अबिदुर रहमान 12,741 से जीते हैं। उन्हें 91,529 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहीं JDU की शगुफ्ता अजीम को 78,788 वोट मिले। तीसरे नंबर पर रहे AIMIM के मंजूर आलम को 53,421 वोट मिले। यहां AIMIM ने NDA को सीधा नुकसान पहुंचाया।
सीट: ढाका
इस सीट से RJD के फैजल रहमान सिर्फ 178 वोट से जीते हैं। उन्हें 1,12,727 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहे BJP के पवन कुमार जायसवाल को 1,12,549 वोट मिले। AIMIM के राणा रंजीत को 5,730 वोट मिले। वे चौथे नंबर पर रहे। एक्सपर्ट बोले- ओवैसी की जीत बाजीगर वाली पॉलिटिकल एक्सपर्ट प्रियदर्शी रंजन कहते हैं, ‘AIMIM की जीत बाजीगर वाली है। उसके 4 विधायक RJD में शामिल हो गए थे। तब ऐसा लगा कि AIMIM ने ये सीटें कैंडिडेट की वजह से जीती हैं। इस बार वहां कैंडिडेट बदल दिए गए। इसके बावजूद AIMIM जीती है।’ प्रियदर्शी मानते हैं कि AIMIM की सीमांचल में जीत उनकी जमीनी पकड़ के कारण हुई है। वे बताते हैं, ‘साफ हो गया है सीमांचल में RJD और कांग्रेस भी AIMIM के आगे कमजोर है।’
‘RJD का MY समीकरण फ्लॉप’
AIMIM के प्रवक्ता जसीम RJD पर मुस्लिम वोटबैंक को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हैं। साथ ही कहते हैं कि इससे महागठबंधन को नुकसान हुआ। जसीम कहते हैं, ‘2020 में भी हमने 5 सीटें जीतीं, लेकिन RJD ने प्रचार किया कि हमारे कैंडिडेट लोकल थे। उनमें से 4 को RJD ने खरीदा। इस बार हमने नए चेहरों से 5 सीटें जीतीं, यह पार्टी की ताकत साबित करता है। RJD का प्रोपेगैंडा टूटा है। उनका MY समीकरण फ्लॉप रहा है।’
RJD ने 6 सीटों की मांग ठुकराई थी
AIMIM ने चुनाव से पहले महागठबंधन में शामिल होने की कोशिश की थी। तब पार्टी ने RJD से सीमांचल की 6 सीटें मांगी थीं। तेजस्वी यादव गठबंधन के लिए तैयार नहीं हुए। पिछली बार सीमांचल में महागठबंधन ने 7 सीटें जीती थीं। इस बार उसका सूपड़ा साफ हो गया। गठबंधन नहीं होने पर ओवैसी नाराज भी हुए थे। ओवैसी ने एक इंटरव्यू में तेजस्वी पर बिना नाम लिए तंज भी कसा था। उन्होंने कहा था कि हम सीमांचल में पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे, तो कोई ये न बोले कि मम्मी-मम्मी हमसे चॉकलेट छीन ली। इसके अलावा उन्होंने कहा था कि बिहार में AIMIM ने महागठबंधन से सिर्फ 6 सीटों की मांग की थी, लेकिन RJD ने साफ इनकार कर दिया।

