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चुनाव आयोग

विपक्षी दलों के विरोध के बीच, बिहार में वोटर लिस्ट की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की कवायद शुरू

चुनाव आयोग ने 'स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन' यानी SIR की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू कर दी है, जिसमें हर एक मतदाता की पात्रता की गहन जांच की जा रही है.


बिहार में इंडिया गठबंधन और दूसरे विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच चुनाव आयोग ने वोटरों के'स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन' यानी SIR की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू कर दी है, जिसमें हर एक मतदाता की पात्रता की गहन जांच की जा रही है.

चुनाव आयोग ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत, सिर्फ वही व्यक्ति वोट डाल सकता है जो भारतीय नागरिक हो, 18 साल से ऊपर हो और जिस क्षेत्र में वोट देना चाहता है, वहीं का सामान्य निवासी हो. चुनाव आयोग ने बताया कि, इस प्रक्रिया में सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दल सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं. आयोग के मुताबिक

स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के लिए ECI के पास पहले से ही 77,895 बूथ लेवल अधिकारी (BLOs) हैं और अब 20,603 नए BLOs की नियुक्ति की जा रही है, ताकि नए पोलिंग स्टेशनों को कवर किया जा सके. साथ ही, एक लाख से ज्यादा स्वयंसेवक बुजुर्गों, दिव्यांगों, बीमारों और ज़रूरतमंदों की मदद के लिए तैयार हैं.

चुनाव आयोग के मुताबिक 243 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 7.89 करोड़ वोटरों के लिए नए एन्यूमरेशन फॉर्म बांटे जा रहे हैं, और ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा भी शुरू हो चुकी है. जिन 4.96 करोड़ वोटरों के नाम 01 जनवरी 2003 की वोटर लिस्ट में थे, उन्हें बस अपनी जानकारी की पुष्टि करनी है, फॉर्म भरना है और जमा करना है. सभी संभागीय आयुक्त और जिलाधिकारी, SIR के दौरान BLOs को पूरी तरह से इस कार्य में लगा रहे हैं. 5.74 करोड़ से ज़्यादा रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों पर SMS भी भेजे जा रहे हैं, ताकि लोगों को इसकी जानकारी मिल सके.

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