सिद्धारमैया के बाद अब मल्लिकार्जुन खड़गे पर जमीन घोटाले का आरोप
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सिद्धारमैया के बाद अब मल्लिकार्जुन खड़गे पर जमीन घोटाले का आरोप

भाजपा नेता सिरोया ने आरोप लगाया कि ट्रस्ट के ट्रस्टियों में स्वयं खड़गे, उनकी पत्नी राधाबाई खड़गे, उनके बेटे और दामाद शामिल हैं. इस ट्रस्ट को कर्णाटक सर्कार ने 5 एकड़ की भूमी आवंटित की है


Karnataka Land Scam Allegation On Khadge: कर्णाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के बाद अब राष्ट्रिय कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी कर्णाटक में जमीन घोटाले के आरोप में फंस गए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे पर जमीन आवंटन को लेकर गंभीर आरोप लगाये गए हैं. ये आरोप भाजपा नेता और राज्यसभा सदस्य लहर सिंह सिरोया ने रविवार को लगाते हुए दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष खडगे को कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) की जमीन आवंटन की गयी. ये जमीन उस ट्रस्ट के नाम पर आवंटन की गयी, जो खड़गे का परिवार संचालित करता है. राज्यसभा सांसद और बीजेपी नेता लहर सिंह ने सवाल उठाया और पूछा कि खड़गे जमीन पाने के पात्र होने के लिए एयरोस्पेस उद्यमी कब बन गए.


खड़गे से किये ये सवाल
बीजेपी नेता लहर सिंह खड़गे से कई सवाल पूछे हैं. उन्होंने ये भी जानना चाहा कि क्या ये मामला सत्ता के दुरुपयोग, भाई-भतीजावाद और हितों के टकराव से जुड़ा है? सिरोया ने अपने एक बयान में ये भी कहा, "दस्तावेजों से समर्थित एक समाचार रिपोर्ट से ये पता चला है कि मल्लिकार्जुन खड़गे के परिवार द्वारा संचालित एक ट्रस्ट (सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट) को बेंगलुरु के पास हाईटेक डिफेंस एयरोस्पेस पार्क में एससी कोटे के तहत नागरिक सुविधाओं के लिए कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) की 05 एकड़ जमीन (कुल 45.94 एकड़ में से) आवंटित की गई है."

खड़गे परिवार के ये सदस्य हैं ट्रस्ट में शामिल
सांसद लहर सिंह के अनुसार दिलचस्प बात ये है कि ट्रस्ट के ट्रस्टियों में स्वयं खड़गे, उनकी पत्नी राधाबाई खड़गे, उनके दामाद और गुलबर्गा के सांसद राधाकृष्ण दोड्डामणि, उनके बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे और उनके एक अन्य बेटे राहुल खड़गे शामिल हैं.

सत्ता का दुरूपयोग और भाई भतीजावाद
लहर सिंह सिरोया ने पूछा, "क्या ये सत्ता के दुरुपयोग, भाई-भतीजावाद और हितों के टकराव का मामला है?"
उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने मार्च 2024 में इस आवंटन को कैसे मंजूरी दी, इस पर आगे सवाल उठाते हुए सिरोया ने पूछा, "खड़गे परिवार एयरोस्पेस उद्यमी कब बन गया, जो उसे केआईएडीबी की जमीन मिल जाए? इस कथित अवैध आवंटन का मामला एक आरटीआई कार्यकर्ता के माध्यम से राज्यपाल के कार्यालय तक भी पहुंचा है." "क्या खड़गे परिवार को अंततः ये जमीन छोड़नी पड़ेगी जैसे सिद्धारमैया (मुख्यमंत्री) को मैसूर में विवादास्पद एमयूडीए साइटों को छोड़ना पड़ेगा? क्या इस आवंटन की जांच की जाएगी?" उन्होंने जानना चाहा. पीटीआई

(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)


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