
गुजरात सरकार में फेरबदल: भूपेंद्र पटेल की नई टीम में जाति और क्षेत्र का सधा समीकरण
इस मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय संतुलन पर भी ध्यान रखा गया है, ताकि पार्टी हर क्षेत्र को समान प्रतिनिधित्व दे सके।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अगुवाई में गुजरात सरकार ने शुक्रवार को 26 मंत्रियों को शपथ दिलाई। इस नए मंत्रिमंडल में सौराष्ट्र‑कच्छ क्षेत्र को विशेष महत्व दिया गया है, साथ ही दलगत और जातीय समीकरणों को साधने का प्रयास भी साफ दिख रहा है। यह कदम आगामी स्थानीय निकाय चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनावों की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
नए मंत्रिमंडल की विशेषताएं
नई टीम को सौराष्ट्र- कच्छ से 9 विधायक, केंद्रीय गुजरात से 6, उत्तर गुजरात से 4, दक्षिण गुजरात से 3 विधायकों का प्रतिनिधित्व मिला है।
जातिगत प्रतिनिधित्व इस प्रकार रखा गया है:-
• OBC : कुंवरजी बावलिया, परशोत्तम सोलंकी, अर्जुन मोढवाडिया, ईश्वरसिंह पटेल, प्रविण माली, त्रिकाम चंगा, स्वरूप ठाकोर
• पाटीदार : भूपेंद्र पटेल, जीतू वाघाणी, ऋषिकेश पटेल, कांटी अमरूटिया, कौशिक वेकारिया, कमलेश पटेल, प्रफुल पंसेरिया
• जनजाति (Tribal) : नरेश पटेल, जयराम गामित, रमेश कटारा, पीसी बरांडा
• दलित : मनीषा वकील, दर्शना वाघेला, प्रद्युमन वाजा
पहली बार तीन महिलाओं को मंत्रिपद मिला है:-
• रिवाबा जडेजा (जमनगर नॉर्थ)
• दर्शना वाघेला (आसारवा क्षेत्र से दलित विधायक)
• मनीषा वकील (वडोदरा सिटी की तीन बार की दलित विधायक)
रणनीतिक मंशा और राजनीतिक लाभ
विश्लेषकों के अनुसार, यह फेरबदल भाजपा की उन कमजोरियों को दूर करने का एक कदम है, जो सौराष्ट्र-कच्छ और जनजातीय क्षेत्रों में थीं। कांग्रेस का परंपरागत प्रभुत्व इन इलाकों में अभी भी था, जिसे भाजपा ने स्थानीय, सामाजिक और जातीय समीकरणों का उपयोग कर चुनौती देना चाहा है।
राजनीतिक विश्लेषक घनशाम शाह ने कहा कि सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा ने 2017 के बाद पकड़ बनायी है, लेकिन उसे इसे बनाए रखना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने तीसरी जनजाति विधायकों को टीम में शामिल करके यह संदेश दिया है कि यह क्षेत्र भी उनकी प्राथमिकता का हिस्सा है।
प्रो. सिरिश काशिकार ने बताया कि इस मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय संतुलन पर भी ध्यान रखा गया है, ताकि पार्टी हर क्षेत्र को समान प्रतिनिधित्व दे सके। उदाहरण स्वरूप उत्तर गुजरात में स्वरूप ठाकोर को मंत्री बनाना, ठाकोर समुदाय के प्रति एक सशक्त संकेत माना जा रहा है।
हर्ष सांघवी की जिम्मेदारियां और महत्व
नए मंत्रिमंडल में हर्ष सांघवी को उपमुख्यमंत्री का पद मिला है। 40 वर्ष के इस नेता को कानून-व्यवस्था मामलों में कड़े रुख और आदिवासी इलाकों में सक्रियता के लिए जाना जाता है। उनके इस पदोन्नति को भाजपा के प्रति उनकी निष्ठा और कार्यशैली का इनाम माना जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि सांघवी के कार्यों जैसे आरोपी व्यक्तियों की सार्वजनिक पेशीकरण, संदिग्धों के घरों को गिराने जैसी नीतियों के कारण उन्हें लोकप्रियता मिली है।