बीजेपी ने आरके सिंह को किया निलंबित, विवादित बयानों से पार्टी में पैदा हुआ तनाव
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बीजेपी ने आरके सिंह को किया निलंबित, विवादित बयानों से पार्टी में पैदा हुआ तनाव

BJP controversy: पार्टी का कहना है कि आरके सिंह ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया और गठबंधन नेतृत्व पर बार-बार हमला किया। यही कारण है कि उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई।


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RK Singh suspension: बिहार चुनाव के नतीजों के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया। पार्टी ने अपने आधिकारिक पत्र में कहा कि सिंह की लगातार विवादित और पार्टी लाइन के खिलाफ बयानबाजी के कारण यह कदम उठाना जरूरी हो गया।

आरके सिंह के विवादित बयान

आरके सिंह ने हाल के दिनों में NDA नेतृत्व, उम्मीदवार और बिहार सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए।

* उन्होंने गठबंधन के कुछ उम्मीदवारों की साख पर सवाल उठाए।

* उन्होंने लोगों से कहा कि ऐसे लोगों को वोट देने से अच्छा है, चुल्लू भर पानी में डूब मरना।

* सिंह ने खुलेआम डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, जेडीयू नेता अनंत सिंह और RJD के सूरजभान सिंह को “हत्या का आरोपी” बताया।

* उन्होंने कहा कि ये लोग जनप्रतिनिधि बनने योग्य नहीं हैं और बिहार की राजनीति में अपराध को बढ़ावा देते हैं।

इन बयानों ने पार्टी के अंदर और बाहर तीखी प्रतिक्रिया पैदा कर दी।

बिजली घोटाले का आरोप

आरके सिंह ने नीतीश कुमार सरकार पर 62,000 करोड़ रुपये के बिजली घोटाले का आरोप लगाया। उनका दावा है कि अडानी समूह के साथ बिजली खरीद समझौता “जनता के साथ धोखा” है। उन्होंने कहा कि सरकार अडानी से प्रति यूनिट 6.75 रुपये दर से बिजली खरीदेगी, जबकि बाजार दर इससे काफी कम है। उन्होंने NTPC द्वारा लगाए जाने वाले प्रोजेक्ट को अचानक निजी हाथों में सौंपने पर सवाल उठाया। सिंह ने सोशल मीडिया पर दस्तावेज साझा कर बताया कि NTPC मॉडल में प्रति यूनिट चार्ज 2.32 रुपये था, लेकिन सरकार ने इसे 4.16 रुपये मंजूर किया। इसका मतलब प्रति यूनिट 1.84 रुपये का अतिरिक्त बोझ, जो आगे चलकर हजारों करोड़ की अनियमितताओं का कारण बन सकता है।

उन्होंने लिखा कि चोरी और सीना जोरी साथ नहीं चल सकती। भ्रष्टाचार पर चुप रहना हमारे संस्कार में नहीं है।

भाजपा की प्रतिक्रिया और निलंबन

पार्टी का कहना है कि आरके सिंह ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया और गठबंधन नेतृत्व पर बार-बार हमला किया। यही कारण है कि उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई। चुनावी जीत की खुशी के बीच यह घटनाक्रम बिहार की राजनीति में नया तनाव पैदा कर गया है।

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