
BMC चुनाव में बीजेपी और शिंदे के बीच सीट बंटवारा फाइनल, शिंदे को 90 सीटों पर मानना पड़ा
शुरू में बीजेपी 150 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन शिंदे सेना भी मुंबई में अधिक सीटें चाहती थी, इसलिए सीट शेयरिंग को लेकर दोनों दलों के बीच खींचतान चल रही थी।
कई दौर की खींचतान के बीच आखिरकार बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना सीट शेयरिंग पर सहमत हो गए हैं। जो डील सामने आई है उसके मुताबिक, बीएमसी की 227 सीटों में से बीजेपी 135-140 सीटों पर और शिंदे सेना 85-90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। रामदास आठवले की आरपीआई को बीजेपी कोटे से सीट मिलेगी। रविवार को महायुति के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने की संभावना है। दिलचस्प बात ये है कि महाराष्ट्र में महायुति की सरकार में शामिल अजित पवार की एनसीपी बीएमसी चुनाव में महायुति का हिस्सा नहीं होगी।
बीएमसी चुनाव में गठबंधन के लिए शिंदे सेना और बीजेपी नेताओं के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी हैं। पिछले कुछ दिनों से यह साफ़ हो गया था कि शिंदे सेना और बीजेपी मिलकर चुनाव लड़ेंगे। उसके बाद सीट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टी के नेताओं के बीच कई राउंड की मीटिंग हुई। शुक्रवार को भी दोनों दलों के नेताओं ने बैठक की।
शुरू में बीजेपी 150 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन शिंदे सेना भी मुंबई में अधिक सीटें चाहती थी, इसलिए सीट शेयरिंग को लेकर दोनों दलों के बीच खींचतान चल रही थी। लेकिन शुक्रवार की बैठक के बाद दोनों दलों के बीच सहमति बन गई है। इसके तहत बीजेपी 135-140 सीटों और शिंदे सेना के 85-90 सीटों पर चुनाव लड़ने का फॉर्मूला तय हो गया है।
देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में शामिल एनसीपी अजित गुट बीएमसी चुनाव में महायुति से बाहर हो गई है। एनसीपी अजित गुट मुंबई में बीएमसी चुनाव नवाब मलिक के नेतृत्व में लड़ने जा रही है। बीजेपी और शिंदे सेना ने नवाब मलिक के नेतृत्व में एनसीपी को महायुति में शामिल करने से इनकार कर दिया है। बीजेपी के आशीष शेलार और मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित साटम ने नवाब मालिक के रहते एनसीपी से गठबंधन करने से इनकार कर दिया था। बीजेपी के एक नेता ने बताया कि अजित गुट को छोड़कर महायुति में सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है।
बीएमसी चुनाव में नॉमिनेशन करने के लिए महज चार दिन समय बचे हैं, लेकिन बीजेपी, शिंदे सेना, उद्धव सेना, मनसे सहित किसी बड़े दल ने अभी तक उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है, जबकि ज्यादातर उम्मीदवारों को अंदरूनी तौर पर फॉर्म भरकर तैयार रहने को कहा गया है। उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने पर सिर्फ पार्टी एबी फॉर्म देगी और उम्मीदवार को सीधे फॉर्म भरना है। जानकारों का कहना है कि टिकट न पाने वाले इच्छुक उम्मीदवार दूसरे दलों में शामिल न हो जाएं या विरोध में काम न करने लगे, इसलिए बड़ी पार्टियां उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करने से बच रही हैं।

