
कर्नाटक की ‘ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी 2.0’: सिद्धा–डीके ने इडली–चिकन नाश्ते पर दोबारा दिखाई एकजुटता
तीन दिन पहले सीएम आवास पर हुए नाश्ते के बाद, कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने एक बार फिर एकजुटता का संदेश देने के लिए साथ-साथ भोजन किया, जबकि राज्य में नेतृत्व विवाद की अटकलें जारी हैं।
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के दो बडे छत्रप इन दिनों ब्रेकफास्ट-ब्रेकफास्ट खेल रहे हैं। आज (मंगलवार २ दिसंबर ) मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अपने डिप्टी डीके शिवकुमार के घर ब्रेकफास्ट पर पहुंच गए। यह मुलाक़ात ऐसे समय हुई है जब राज्य में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर लगातार अटकलें चल रही हैं।
सिद्धारमैया बेंगलुरु के सादाशिवनगर स्थित उपमुख्यमंत्री के आवास पहुंचे, जहां शिवकुमार और उनके भाई, पूर्व कांग्रेस सांसद डी.के. सुरेश ने उनका स्वागत किया। नाश्ते में डोसा, उपमा, ‘नाटी’ चिकन (स्थानीय देसी चिकन), इडली और कॉफी परोसी गई, जो पूरी तरह शिवकुमार के घर पर तैयार किया गया था।
इससे दो दिन पहले दोनों नेता सिद्धारमैया के घर एक साथ नाश्ता कर चुके हैं, जिसका मकसद नेतृत्व विवाद पर बने गतिरोध को तोड़ना था।सोमवार को शिवकुमार ने इस बात की पुष्टि की थी कि उन्होंने सीएम सिद्धारमैया को नाश्ते के लिए आमंत्रित किया है ताकि कर्नाटक से किए गए वादों को पूरा करने के लिए मिलकर काम करने की रणनीति पर चर्चा हो सके।
दिन में पहले सिद्धारमैया ने कहा था कि उन्हें अभी आधिकारिक निमंत्रण नहीं मिला है और निमंत्रण मिलने के बाद ही वे जाएंगे। उधर, शिवकुमार लगातार कह रहे हैं कि यह मामला उनके और मुख्यमंत्री के बीच का है और वे भाइयों की तरह साथ काम कर रहे हैं।
दो दिन पहले भी इसी तरह की मुलाक़ात में डीके शिवकुमार सिद्धारमैया के घर पर गए थे, जब कांग्रेस हाईकमान के कहने पर दोनों नेताओं के बीच बैठक बुलाई गई थी। वो मुलाक़ात नेतृत्व विवाद को थामने की कोशिश मानी जा रही है।
शनिवार को हुई पहली बैठक के बाद दोनों नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि कोई भ्रम नहीं होगा। नेतृत्व मुद्दे पर दोनों ने कहा था कि वे हाईकमान के फैसले का पालन करेंगे।
अब इन मुलाक़ातों को हाईकमान द्वारा नेतृत्व विवाद को विराम देने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। यह भी माना जा रहा है कि फिलहाल सिद्धारमैया ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे।

