बिहार : विधानसभा चुनाव के लिए तैयार, हो रहा है मंत्रिमंडल विस्तार
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बिहार : विधानसभा चुनाव के लिए तैयार, हो रहा है मंत्रिमंडल विस्तार

बिहार में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आज मंत्रीमंडल विस्तार किया जा रहा है. ऐसे में जातीय समीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है.


Bihar Cabinet Extension: बिहार में 28 फरवरी से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है, और इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रहे हैं। कैबिनेट विस्तार में 6 से 7 नए चेहरों को शामिल किए जाने की संभावना है, जिसमें बीजेपी कोटे से 5-6 और जेडीयू कोटे से 1 विधायक को मंत्री पद मिल सकता है।


जातीय समीकरण का खास ध्यान

इस बार मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय संतुलन बनाए रखने पर विशेष जोर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, अगड़ी जातियों से दो नए मंत्री बनाए जा सकते हैं, जिनमें एक राजपूत और एक भूमिहार शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, अति पिछड़ा वर्ग से दो, तेली समाज से एक और पिछड़ा समाज से भी एक मंत्री बनने की संभावना है। वहीं, कुर्मी समाज से भी एक मंत्री बनाए जाने की उम्मीद है।


बीजेपी की रणनीति और आगामी चुनाव

बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी पूरी तरह से जातीय समीकरण साधने में जुटी है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने संभावित मंत्रियों की सूची बनाकर दिल्ली भेज दी है। जैसे ही केंद्रीय नेतृत्व से अंतिम मुहर लगेगी, कैबिनेट विस्तार की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।


मंत्रियों के विभागों में हो सकता है बदलाव

मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ विभागों के पुनर्गठन की भी संभावना जताई जा रही है। वर्तमान में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के पास तीन विभाग हैं, जबकि मंगल पांडे, नीतीश मिश्रा और प्रेम कुमार के पास दो-दो विभाग हैं। वहीं, बीजेपी कोटे से राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल, जो बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, "एक व्यक्ति, एक पद" के सिद्धांत के तहत मंत्री पद छोड़ सकते हैं।


संभावित मंत्रियों के नाम

सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट विस्तार में इन नेताओं को मंत्री पद मिलने की संभावना है:

  1. कृष्ण कुमार मंटू (कुर्मी)
  2. विजय मंडल (अति पिछड़ा)
  3. राजू सिंह (राजपूत)
  4. संजय सारावगी (मारवाड़ी)
  5. जीवेश मिश्रा (भूमिहार)
  6. सुनील कुमार (कुशवाहा)
  7. मोतीलाल प्रसाद (तेली)


बिहार में कैबिनेट विस्तार को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जातीय समीकरण और आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी और जेडीयू अपने-अपने विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की रणनीति बना रहे हैं।


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