तेलंगाना टनल हादसा: ऑक्सीजन सप्लाई हुई बंद! दिन बीतने के साथ जान बचाने की टूट रही उम्मीद
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तेलंगाना टनल हादसा: ऑक्सीजन सप्लाई हुई बंद! दिन बीतने के साथ जान बचाने की टूट रही उम्मीद

5 दिनों से SLBC सुरंग में फंसे 8 श्रमिकों के लिए उम्मीदें घट रही हैं. क्या बचाव दल उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल पाएगा? द फेडरल की टीम बचाव स्थल से लगातार रिपोर्ट कर रही है.


साल 2006 से शुरू की गई श्रीसैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल परियोजना वैसे ही लेट चल रही है. इसको लेकर अब एक नई समस्या सामने आई है. 22 फरवरी को सुरंग ढहने के कारण आठ श्रमिक फंसे गए और उनके लिए बचाव कार्य जारी है. पांच दिनों से जारी बचाव कार्यों के बावजूद श्रमिकों की जीवित रहने की संभावना लगातार घटती जा रही है. ऑक्सीजन आपूर्ति बंद हो चुकी है और पानी का रिसाव बचाव कार्यों में रुकावट डाल रहा है.

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के एक अधिकारी ने द फेडरल से कहा कि इन श्रमिकों के जीवित बचने की संभावना बेहद कम है. यह संभव है कि ये श्रमिक जीवित न निकल सकें.

सुरंग निर्माण में देरी और जटिलताएं

SLBC सुरंग के अंदर सुरंग खोदने वाली मशीन (TBM) के खराब होने की खबर है. जिससे बचाव दल की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. NDRF, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), सिंगरेनी कोलियरीज़ कंपनी लिमिटेड (SCCL) और हाइड्रा यूनिट्स इस जटिल स्थिति में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के प्रयासों में जुटे हैं. इस परियोजना में पहले भी कई सालों की देरी हो चुकी है और इसे तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में हाल ही में तीन साल के अंतराल के बाद फिर से शुरू किया गया था. अब इस ताजा हादसे ने इन परियोजनाओं में सुरक्षा उपायों की गंभीरता पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं. एक अधिकारी का कहना है कि पांच दिन बिना पानी और ऑक्सीजन के गुज़र चुके हैं. स्थिति बहुत गंभीर हो गई है.

परिवारों में चिंता और घबराहट

फंसे हुए श्रमिकों के परिवार के सदस्य जम्मू-कश्मीर, पंजाब, झारखंड और उत्तर प्रदेश से हैं और डोमलगुंटा में बचाव स्थल पर एकत्रित हुए हैं. हालांकि, उन्हें सुरंग के पास जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है और वे पूरी स्थिति से अंजान हैं. परिवारों का डर अब भय और आशंका में बदल चुका है. लेकिन वे अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं. जिलाधिकारी ने भरोसा दिलाया है कि श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे. भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और अन्य बचाव एजेंसियों की उपस्थिति इस हादसे की गंभीरता को दर्शाती है. लेकिन हर गुजरते घंटे के साथ परिवारों की उम्मीदें घट रही हैं.

बचाव कार्य

अधिकारियों ने बचाव कार्यों को जारी रखते हुए भारी मशीनरी और विशेषज्ञों की टीमों को तैनात किया है, ताकि मलबे को हटाया जा सके और सुरंग के अंदर ऑक्सीजन की आपूर्ति को फिर से बहाल किया जा सके. लेकिन स्थिति बेहद कठिन है—दृश्यता की कमी, अस्थिर संरचना और पानी का रिसाव बचाव कार्यों को और जटिल बना रहे हैं. तेलंगाना सरकार पर बढ़ते दबाव के बीच, इस घटना ने राज्य की अवसंरचना परियोजनाओं और सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. जैसे-जैसे समय तेजी से बीत रहा है, अगले कुछ घंटे यह तय करने में अहम होंगे कि श्रमिकों को बचाया जा सकता है या नहीं.



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