चेन्नई के इस यूट्यूबर ने 2 महीने में की 267 KG सोने की तस्करी, जानें कैसे प्लान को दिया अंजाम
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चेन्नई के इस यूट्यूबर ने 2 महीने में की 267 KG सोने की तस्करी, जानें कैसे प्लान को दिया अंजाम

चेन्नई का यूट्यूबर साबिर अली कथित तौर पर सात लोगों को अपने सोना छिपाकर ले जाने के लिए नियुक्त करने और ट्रेनिंग देने में शामिल था.


Gold Smuggling: पिछले महीने चेन्नई में एक सोने की तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ करने के बाद सीमा शुल्क अधिकारियों ने पता लगाया है कि शहर के यूट्यूबर साबिर अली कथित तौर पर सात लोगों को अपने रेक्टम में सोना छिपाकर ले जाने के लिए नियुक्त करने और ट्रेनिंग देने में शामिल था.

अली को चेन्नई एयरपोर्ट पर एयरहब नाम की स्मारिका दुकान चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जो कथित तौर पर एक अंतरराष्ट्रीय सोने की तस्करी गिरोह के लिए मुखौटा के रूप में काम करती थी. पूरे ऑपरेशन का भंडाफोड़ 29-30 जून को किया गया, जिसके बाद 29 वर्षीय अली और उसके सात कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया.

उनके काम करने के तरीके की जांच से पता चला कि इस काम के लिए रखे गए लोगों को 15,000 रुपये मासिक वेतन दिया जाता था, साथ ही सोने की तस्करी करने वाले हर बॉल के लिए 5,000 रुपये अतिरिक्त दिए जाते थे. शक है कि गिरोह ने अली से उसके यूट्यूब चैनल “शॉपिंगबॉयज़” के ज़रिए संपर्क किया था.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हर खेप में सिलिकॉन बॉल्स के अंदर पैक लगभग 300 ग्राम सोने का पेस्ट या पाउडर होता था. रिपोर्ट में कहा गया है कि तस्कर विदेश से आने वाले कैरियर से ट्रांजिट लाउंज में खेप प्राप्त करते थे, अपने रेक्टम में सोना छिपाते थे और एयरपोर्ट के बाहर इंतजार कर रहे ग्राहकों तक पहुंचाते थे.

कथित तौर पर उन्होंने कुछ महीनों में 167 करोड़ रुपये मूल्य के 267 किलोग्राम सोने की तस्करी की. सीमा शुल्क अधिकारियों का अनुमान है कि इस दौरान अली ने लगभग 2.5 करोड़ रुपये कमाए. अधिकारियों ने कहा कि कथित खच्चरों में से एक ने दो महीनों में 80 ऐसी यात्राएं करने की बात कबूल की है.

इन लोगों को कस्टम द्वारा पकड़े जाने से बचने के लिए उकड़ू बैठने के दौरान सोना पकड़ने का अभ्यास कराया गया था. एक कस्टम अधिकारी ने कहा कि उन्हें काम सौंपे जाने से 10 दिन पहले ट्रेनिंग शुरू हो जाती है. ट्रेनिंग के साथ, उनके लिए एक घंटे तक अपने रेक्टम में सोना पकड़ना आसान हो जाता है. अधिकारियों ने पाया कि इन लोगों ने पहले एक गेंद से शुरुआत की और फिर तीन गेंदों तक पहुंच गए, जिनका वजन लगभग 1 किलोग्राम था. 29 जून को सफलता तब मिली जब एक संदिग्ध को तीन खेपों के साथ पकड़ा गया, जिसकी पुष्टि एक्स-रे से हुई.

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