क्या अजित पवार का साथ छोड़ देंगे छगन भुजबल, महाराष्ट्र में सियासत गरमायी
Chhagan Bhujbal: महाराष्ट्र की राजनीति में छगन भुजबल बड़ा नाम है। इस दफा मंत्रिमंडल में जगह बनाने से चूक गए। MVA नेताओं के संपर्क साधने के बाद सियासत गरमा गई है।
Chhagan Bhujbal News: महाराष्ट्र में अब विधिवत सरकार का गठन हो चुका है। इसका अर्थ ये है कि सीएम, डिप्टी सीएम और मंत्रिमंडल अब सबके सामने है। लेकिन छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) के नाम की इस समय खूब चर्चा हो रही है। वैसे तो नाता पहले शिवसेना (Shiv Sena) से था। लेकिन सियासी भविष्य को देखते हुए वर्षों पहले नाता तोड़ एनसीपी का हिस्सा बने। एनसीपी में जब दो फांड़ हुआ तो अजित पवार गुट (NCP Ajit Pawar) के साथ चले गए। 2024 विधानसभा चुनाव में जीत भी दर्ज की। उम्मीद मंत्रिमंडल (Devendra Fadnavis Cabinet) में जगह पाने की थी। लेकिन ख्वाहिश अधूरी रह गई। अब इस तरह की खबरें आ रही हैं कि विपक्ष यानी महाविकास अघाड़ी (Maha Vikas Aghadi)के दलों ने उनसे संपर्क साधा है. हालांकि छगन भुजबल की तरफ से किसी तरह का बयान नहीं आया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस (Congress) ने न केवल भुजबल को संदेश भेजा है, बल्कि शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की टिप्पणी ने अटकलों को हवा दे दी है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्हें भुजबल के लिए दुख हुआ। वह हर समय उनके संपर्क में रहते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. नितिन राउत ने कहा कि भुजबल और ओबीसी समुदाय के साथ घोर अन्याय किया गया है। भुजबल (Chhagan Bhujbal) को देर से ही सही, ओबीसी और पिछड़े वर्गों के खिलाफ काम करने के इन लोगों के तरीके का एहसास हुआ है। आपको इस बारे में सोचना चाहिए कि आप किसके साथ और कैसे रहना चाहते हैं... यदि आप जैसा कोई योग्य व्यक्ति हमारे साथ काम करने के लिए तैयार है, तो हम आपका स्वागत करने के लिए तैयार हैं।
शरद पवार (NCP Sharad Pawar) के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट ने भी अपनी सहानुभूति व्यक्त करने में जोरदार प्रदर्शन किया है। वरिष्ठ नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि भुजबल को मंत्रिमंडल में शामिल न करना उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि उनकी उम्र, स्वभाव और संघर्ष को देखते हुए उन्हें न्याय मिलना चाहिए था। मराठा-ओबीसी विभाजन (Maratha OBC Division) सरकार द्वारा किया गया था अब, उसी भुजबल को पीछे की सीट पर धकेल दिया गया है। भुजबल ने स्पष्ट कर दिया है कि वो निर्णय जरूर लेंगे। खास बात यह कि उनकी जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना टिप्पणी ने अटकलों को जन्म दिया है कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं या अपनी खुद की पार्टी बना सकते हैं।
उन्होंने साफ किया है कि वे अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओं - अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल (Prafful Patel) से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि यह कभी भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के बारे में नहीं था। एनसीपी नेता ने कहा कि उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया, वह आपत्तिजनक है। हमें सिर्फ तीन लोगों के आदेश सुनने हैं। इसमें कोई भागीदारी नहीं है। हमें कुछ भी पता नहीं है कि क्या चल रहा है।" इस बीच, एनसीपी के भीतर श्री भुजबल के समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं। पुणे और बारामती में अजीत पवार (Ajit Pawar) के बंगले के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया।