स्कूल पिकनिक से लौटते बच्चे 12 घंटे फंसे रहे ट्रैफिक में, भूख-प्यास से बेहाल
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स्कूल पिकनिक से लौटते बच्चे 12 घंटे फंसे रहे ट्रैफिक में, भूख-प्यास से बेहाल

मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर 12 घंटे का जाम, सैकड़ों छात्र रातभर फंसे.प्रशासन का कहना है कि हाईवे पर जारी मरम्मत के कम के चलते ये हुआ है.


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Huge Traffic Jam Mumbai Thane : महाराष्ट्र के पालघर ज़िले के वसई के पास मंगलवार शाम से बुधवार सुबह तक मुंबई-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-48) पर भीषण ट्रैफिक जाम ने अफरा-तफरी मचा दी। इस जाम में 12 स्कूल बसें फंस गईं, जिनमें ठाणे और मुंबई के स्कूलों और कॉलेजों के 500 से ज़्यादा छात्र और शिक्षक मौजूद थे। ये सभी छात्र कक्षा 5 से 10 तक के थे और विरार से स्कूल पिकनिक से लौट रहे थे।


12 घंटे तक सड़क पर फंसे बच्चे

ट्रैफिक जाम इतना गंभीर था कि बसें कई किलोमीटर तक एक ही जगह पर खड़ी रहीं। कुछ बसों ने वैकल्पिक रास्ते अपनाने की कोशिश की, लेकिन अधिकांश बसें पूरी रात जाम में फंसी रहीं। कई बच्चों को भोजन और पानी के बिना रहना पड़ा, जिससे वे थकान और भूख से परेशान हो गए।
स्थानीय सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने मानवीय पहल दिखाते हुए फंसे हुए छात्रों को पानी, बिस्कुट और अन्य आवश्यक वस्तुएँ पहुंचाईं। पुलिस और यातायात विभाग ने रातभर जाम हटाने की कोशिशें कीं, लेकिन भारी वाहनों की कतारों के कारण सड़क लगभग ठप रही।
अंतिम बसें बुधवार सुबह करीब 6 बजे जाकर अपने गंतव्य तक पहुंच सकीं। इस बीच, बच्चों के माता-पिता पूरी रात चिंतित रहे और अपने बच्चों की सुरक्षा की खबरों का बेसब्री से इंतजार करते रहे।

जाम की वजह: डायवर्जन और खराब ट्रैफिक प्रबंधन

अधिकारियों के अनुसार, घोडबंदर हाइवे पर मरम्मत कार्य चल रहा था, जिसके चलते भारी वाहनों को मुंबई-अहमदाबाद मार्ग पर डायवर्ट कर दिया गया। इस वजह से वसई के पास ट्रैफिक का दबाव अचानक कई गुना बढ़ गया।
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन पर खराब योजना और समन्वय की कमी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मरम्मत कार्य और डायवर्जन पहले से तय था, लेकिन ट्रैफिक पुलिस ने वैकल्पिक इंतज़ाम नहीं किए।
एक अभिभावक ने कहा, “हमारे बच्चों को घंटों तक बसों में असहाय छोड़ दिया गया। न पुलिस थी, न कोई अधिकारी। हमें अपने बच्चों की खबर पाने के लिए पूरी रात इंतज़ार करना पड़ा।”

प्रशासन से सुधारात्मक कदमों की मांग

स्थानीय लोगों ने ट्रैफिक विभाग और नगर प्रशासन से मांग की है कि सड़क मरम्मत और डायवर्जन के दौरान समुचित योजना बनाई जाए ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न उत्पन्न हो। उन्होंने सुझाव दिया है कि स्कूल बसों और आपात वाहनों को प्राथमिकता मार्ग दिया जाए, और ट्रैफिक पुलिस की तैनाती बढ़ाई जाए।
मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर हुआ यह जाम न केवल प्रशासनिक लापरवाही की पोल खोलता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि योजनाबद्ध ट्रैफिक प्रबंधन की कमी किस तरह आम नागरिकों खासकर बच्चों के लिए संकट बन सकती है।


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