एक ही भाषा वाले दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों की 4 साल बाद बैठक तय
x

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी शनिवार को बैठक करेंगे, ताकि आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद से लंबित मुद्दों को सुलझाया जा सके।

एक ही भाषा वाले दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों की 4 साल बाद बैठक तय

विभाजन के दिनों से विरासत में मिले मुद्दों को संबोधित करने के अलावा, रेवंत रेड्डी स्थल-रुद्ध तेलंगाना के लिए आंध्र प्रदेश की 1,000 किलोमीटर लंबी तटरेखा में हिस्सा मांग सकते हैं


Telugu States: तेलुगु भाषा के दो राज्यों के मुख्यमंत्री शनिवार 6 मई को मिलने जा रहे हैं. ये मुलाकात इसलिए बेहद ख़ास मानी जा रही है क्योंकि ये मुलाकात 4 साल बाद हो रही है, वो भी दोनों ही राज्यों की सरकारें बदलने के बाद. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्री इस बैठक में पूर्ववर्ती संयुक्त आंध्र के विभाजन से उत्पन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे. ये मुलाकात प्रजा भवन में होनी है.

आंध्र प्रदेश में हाल ही में एन चन्द्रबाबू नायडू ने मुख्यमंत्री पद की बाग़डोर संभाली है, तो वहीँ तेलंगाना में वर्ष 2023 से कांग्रेस के ए रेवंत रेड्डी की सरकार है.

इन मुद्दों पर किया जाना है विचार

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस मीटिंग का उद्देश्य दो तेलुगु राज्यों के बीच अनसुलझे मुद्दों को सुलझाना है. उम्मीद है कि रेवंत रेड्डी आंध्र प्रदेश के 1,000 किलोमीटर लंबे तटीय क्षेत्र में तेलंगाना के लिए हिस्सा मांग सकते हैं. तेलंगाना सरकार कृष्णापट्टनम, मछलीपट्टनम और गंगावरम बंदरगाहों में भी हिस्सेदारी की इच्छा रख सकती है. इसके अलावा तेलंगाना लम्बे समय से खम्मम जिले के सात मंडलों की बहाली भी चाहता है, जिन्हें केंद्र सरकार ने 2 जून 2014 को विभाजन लागू होने से कुछ समय पहले ही आंध्र प्रदेश में विलय कर दिया था.

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ( टीटीडी ) में भी हो भूमिका

तेलुगु भाषी राज्यों तेलंगाना और आँध्रप्रदेश में तिरुपति मंदिर के प्रति बहुत आस्था है. इतना ही नहीं इस मंदिर में विश्वभर से करोड़ों लोग प्रति वर्ष दर्शन को आते हैं. इस मंदिर का ट्रस्ट देश भर के तमाम मंदिरों में सबसे आमिर है और समाज के लिए कई विकास कार्य आदि भी करता है. सूत्रों का कहना है कि रेवंत रेड्डी भारत के सबसे अधिक दर्शनीय हिंदू मंदिरों में से एक, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के प्रशासन में तेलंगाना के लिए भूमिका की मांग कर सकते हैं.

2020 के बाद अब होगी मीटिंग

दोनों ही सरकार के अधिकारीयों का कहना है कि जनवरी 2020 में तेलंगाना और आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच मीटिंग हुई थी, लेकिन उसके बाद ये सिलसिला थम गया. माना जाता है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव का टकरावपूर्ण रवैया दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच होने वाली बैठक के बीच रोड़ा बना.

देखना ये है कि इस बैठक में दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच किस तरह से बात होती है और किसी मुद्दे पर इनके बीच कोई सहमति बनती है या नहीं.

Read More
Next Story