
'नानी याद आ गई', अरविंद केजरीवाल को दिल्ली CM रेखा गुप्ता का तीखा जवाब
दिल्ली CM रेखा गुप्ता ने अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा। झुग्गीवासी भड़काने, तख्तीधारी नौकरियों, भ्रष्टाचार और फ्रीबीज के नाम पर विकास रोकने का गंभीर आरोप लगाए।
Delhi CM Rekha Gupta News: एक इंटरव्यू में दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार में दिल्ली का बेड़ा गर्क हो गया। वो विश्वस्तरीय राजधानी बनाने का वादा और दावा दोनों करते थे। लेकिन दिल्ली की हालत अब छिपी नहीं है। एक तरफ अपनी नाकामी का ठीकरा दिल्ली सरकार पर फोड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को भड़काने का काम कर रहे हैं। लेकिन दिल्ली जनता झूठ और फरेब की राजनीति को पहचान चुकी है। दिल्ली की सीएम ने अरविंद केजरीवाल के उस बयान पर भी तंज कसा जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर झुग्गी वाले सड़कों पर उतरे तो नानी याद आ जाएगी। रेखा गुप्ता ने मुस्कुराते हुए तीखा जवाब दिया मुझे नानी तो पहले से ही याद आ रही है, क्योंकि केजरीवाल दिल्ली को इस तरह उलझा कर गए हैं कि अब विकास के सारे रास्ते अवरुद्ध हो चुके हैं।
रेखा गुप्ता ने आरोप लगाया कि अपने पूरे कार्यकाल में केजरीवाल ने न प्रदूषण नियंत्रण पर ध्यान दिया, न ही कचरे के पहाड़ हटाने पर, और न ही दिल्ली के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने की कोशिश की।उनकी सरकार केवल फ्री पानी-बिजली के वादों तक सीमित रही। एक भी नया फ्लाईओवर,अस्पताल या इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट उन्होंने शुरू नहीं किया।
गरीबों को सिर्फ बहलाने का काम
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि आज जब उनकी सरकार झुग्गीवासियों के लिए पक्के मकान दे रही है, तो केजरीवाल उन्हें भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।आप चाहते हैं कि गरीब वहीं झुग्गी में पड़ा रहे, कभी तरक्की न करे, और आप उसे हमेशा बहकाते रहें? दिल्ली की जनता इतनी भोली नहीं है। झुग्गी में भी समझदार लोग रहते हैं। उन्हें पता है कि उनके लिए कौन काम कर रहा है।उन्होंने चुनौती भरे लहजे में कहा कि केजरीवाल जी, करके देख लीजिए। 40 लाख लोग आपके लिए उतरते हैं या उस सरकार के लिए जो उन्हें सम्मानजनक ज़िंदगी देने की कोशिश कर रही है।
आंदोलन से निकले व्यक्ति ने करोड़ों की लग्ज़री में खुद को समेट लिया।रेखा गुप्ता ने केजरीवाल के पुराने वादों की याद दिलाते हुए कहा कि वो कहते थे मैं गाड़ी नहीं लूंगा, बंगला नहीं लूंगा, लेकिन फिर जनता के 80 करोड़ रुपए खर्च कर खुद के लिए आलीशान घर बनवाया। उसमें करोड़ों के परदे और फर्नीचर लगे। जब जनता सवाल करती है, तो दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। वो बंगला जनता के लिए नहीं, उनके पर्सनल यूज के लिए था।"
'मुख्यमंत्री हूं और जनता के बीच हूं'
रेखा गुप्ता ने खुद को आम जनता से जुड़ा हुआ बताते हुए कहा मैं मुख्यमंत्री हूं, लेकिन अगर ऑफिस नहीं मिला तो अपनी गली में टेबल-कुर्सी लगाकर बैठ जाती हूं। रोजाना हजारों लोगों से मिलती हूं।"मेरे पास जो भी सुविधा है, वह जनता की है, न कि निजी स्वार्थ की वस्तु। यही फर्क है मुझमें और उनमें।
'दिल्ली को आप ने ऐसे किया बर्बाद'
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने सिविल डिफेंस के नाम पर बेतहाशा भर्तियां कर जनता के पैसे की बर्बादी की।जहां ज़रूरत महज़ 500 सिविल डिफेंस कर्मियों की थी, वहां केजरीवाल सरकार ने 25,000 लोगों को कॉन्ट्रैक्ट पर रख दिया। उन्होंने कहा कि इन लोगों को कभी ऑड-ईवन लागू कराने, कभी रेड लाइट पर तख्ती पकड़वाने, और कभी बत्ती बंद कार्यक्रमों में खड़ा करने जैसे दिखावटी कामों में लगाया गया।
रेखा ने चौंकाने वाला दावा किया कि लाखों रुपए तख्ती पकड़ने वालों को, इंजीनियर पीछे रह गए।एक ऐसा व्यक्ति जिसका काम सिर्फ तख्ती पकड़ना था, उसे 1000 रुपए रोज़ाना मिल रहा था यानी 30 000 रुपए महीने। जबकि इतने पैसे आज इंजीनियर तक नहीं ले पा रहे।उन्होंने आरोप लगाया कि जब कोर्ट ने इस पूरी व्यवस्था को भ्रष्टाचारपूर्ण बताया, तो बिना किसी वैकल्पिक योजना के उन सभी 20-25 हज़ार लोगों को निकाल दिया गया, जो अब बेरोज़गारी का शिकार हैं।
इलेक्ट्रिक बसों में अब मार्शलों की जरूरत नहीं
सीएम रेखा गुप्ता ने दिल्ली की नई इलेक्ट्रॉनिक बसों का ज़िक्र करते हुए कहा कि आज हर बस में कैमरा, पैनिक बटन और डिजिटल सुरक्षा मौजूद है, फिर भी हजारों बस मार्शल रखे गए, जिनका कोई स्पष्ट काम नहीं रहा। उन्होंने सवाल किया कि जब तकनीक ने सुरक्षा संभाल ली है, तो अब इन मार्शलों का भविष्य क्या होगा?
परमानेंट नौकरी नहीं दी, कॉन्ट्रैक्ट से चला काम
रेखा गुप्ता ने दावा किया कि केजरीवाल सरकार ने एक भी परमानेंट नौकरी नहीं दी, सब कुछ कॉन्ट्रैक्ट मॉडल पर चलाया। इससे न सिर्फ व्यवस्था अस्थिर रही, बल्कि हज़ारों लोगों की रोज़गार सुरक्षा भी दांव पर लग गई।मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने 15-20 साल के बाद पहली बार परमानेंट सरकारी नौकरियां दी हैं।रेखा ने तंज कसते हुए कहा कि पिछली सरकार ने न काम किया, न सिस्टम सुधारा। लेकिन जाते-जाते उलझनें छोड़ गए।
पुरानी गाड़ियों का मामला हमारे हाथ में नहीं
पुरानी गाड़ियों को ईंधन न देने के हालिया विवाद पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय राज्य सरकार का नहीं, बल्कि न्यायिक संस्थाओं का है। दिल्ली का दुर्भाग्य है कि देश की राजधानी होने के बावजूद इसे विश्व के नक्शे पर सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया। पिछले शासनकालों ने स्वच्छ हवा उपलब्ध कराने की ज़िम्मेदारी कभी नहीं निभाई। न तो प्रदूषण कम करने की ठोस योजना बनी, न ही दिल्ली को ग्रीन कैपिटल बनाने का कोई प्रयास हुआ।
रेखा गुप्ता ने साफ किया कि 15 साल से अधिक पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को फ्यूल न दिए जाने का निर्णय राज्य सरकार का नहीं है। "यह माननीय न्यायालय, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT), और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देशों के तहत लागू किया गया है। उन्होंने यह भी कहा, मैं खुद मानती हूं कि यह फैसला आम लोगों के लिए परेशानी भरा हो सकता है, लेकिन यह हमारे हाथ में नहीं है। हमें कोर्ट के निर्देशों का पालन करना है।
पहले बेटे, फिर पुत्तर अब होने जा रहे लल्ला
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि आखिर कौन दिल्ली का है। हर कोई कहीं न कहीं से आया। दरअसल दिल्ली तो मिनी इंडिया है। उन्होंने कहा कि उनसे पहले जो भाई साहब दिल्ली की गद्दी पर थे पहले वो दिल्ली के बेटे फिर पंजाब के पुत्तर और अब बिहार के लल्ला बनने जा रहे हैं। बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि सीएम रेखा गुप्ता दिल्ली की कहां वो तो हरियाणा की रहने वाली हैं।
पति की सलाह पर सीएम रेखा गुप्ता का जवाब
इंटरव्यू में एक दर्शक ने दिल्ली की पूर्व सीएम आतिशी के सवालों का हवाला देते हुए पूछा कि क्या सरकार आपके पति चला रहे हैं। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि देखिए पहली बात तो यह है कि वो 32-33 साल से सामाजिक जीवन में है। दो बार दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ, तीन बार निगम पार्षद का चुनाव, तीन बार विधायक का चुनाव। मेरे काम को कोई और करे उसकी जरूरत नहीं है। लेकिन उनके साथ टीम में हजारों कार्यकर्ता हैं, आरडब्लूए के लोग हैं, वैसे ही परिवार के सदस्य हैं। अब यह तो मनाही नहीं है कि आप अपनी टीम और परिवार से राय मशवरा नहीं ले सकते। हम सब मिलकर दिल्ली की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं।