अफसर सुसाइड मामले में मंत्री का नाम, संकट में फंसे सीएम सिद्धारमैया
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अफसर सुसाइड मामले में मंत्री का नाम, संकट में फंसे सीएम सिद्धारमैया

एक सरकारी अफसर ने कथित तौर पर भ्रष्टाचार के कारण आत्महत्या कर ली है और इसका आरोप कर्नाटक के एक सीनियर मंत्री पर लग रहा है.


Karnataka Officer Suicide Case: एक सरकारी अफसर ने कथित तौर पर भ्रष्टाचार के कारण आत्महत्या कर ली है और इसका आरोप कर्नाटक के एक सीनियर मंत्री पर लग रहा है. ऐसे में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पद भार संभालने के बाद सबसे बड़े संकट का सामना कर रहे हैं. बता दें कि कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम (केएमएसडीएससी) के 48 वर्षीय अधीक्षक चंद्रशेखर पी ने 28 मई को अपने गृहनगर शिवमोग्गा स्थित आवास पर आत्महत्या कर ली थी. अधिकारी के सुसाइ़ड नोट में तीन सहकर्मियों के नाम हैं, जिनको सस्पेंड कर दिया गया है. हालांकि, कथित तौर पर नोट में आदिवासी कल्याण मंत्री बी नागेंद्र की संलिप्तता की तरफ इशारा किया गया है. लेकिन उनका नाम नहीं है.

कांग्रेस हाईकमान

इस आत्महत्या से राज्य में आक्रोश फैल गया है. सरकार द्वारा विशेष जांच दल गठित करने के फैसले के बावजूद नई दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान कथित तौर पर खुश नहीं है. वहीं, बीजेपी ने धमकी दी है कि अगर 6 जून तक नागेन्द्र को बर्खास्त नहीं किया गया तो वह राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी. बीजेपी कांग्रेस को याद दिला रही है कि उसने साल 2022 में कर्नाटक में सत्ता में रहते हुए मंत्री केएस ईश्वरप्पा को हटा दिया था, जब एक ठेकेदार ने यह आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी कि मंत्री ने एक परियोजना पर 40 प्रतिशत कमीशन मांगा था.

विरोध-प्रदर्शन

कांग्रेस ने तब मंत्री को बाहर करने की मांग को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया था. उस समय प्रदर्शन में सबसे आगे रहने वाले दो कांग्रेस नेता सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार थे, जो अब कर्नाटक में क्रमशः मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री हैं. भ्रष्टाचार के बढ़ते आरोपों ने ही पिछली भाजपा सरकार को गिरा दिया था, जिसके कारण मई 2023 में कर्नाटक में हुए चुनावों में उसकी हार हुई थी. वहीं, राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिद्धारमैया के लिए बूमरैंग की तरह है.

संलिप्ता ने नहीं सबूत

हालांकि कर्नाटक के गृह मंत्री का कहना है कि मंत्री नागेन्द्र की संलिप्तता का कोई सबूत नहीं है और नागेन्द्र ने स्वयं भी संलिप्तता से इनकार किया है. लेकिन भाजपा ने कहा है कि तत्कालीन मंत्री ईश्वरप्पा के खिलाफ भी कोई सबूत नहीं थे. लेकिन फिर भी उन्हें जाने के लिए कह दिया गया था.

सुसाइड नोट

चंद्रशेखर ने अपने छह पन्नों के सुसाइड नोट में निगम के लिए आवंटित 187 करोड़ रुपये में से 80-85 करोड़ रुपये के दुरुपयोग का ब्यौरा दिया है. उन्होंने मंत्री के कार्यालय और एमडी पद्मनाभ और अकाउंट मैनेजर परशुराम दुर्गन्ना सहित प्रमुख अधिकारियों को भी दोषी ठहराया है. नोट में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. पुलिस ने अधिकारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है और आगे की जांच के लिए चंद्रशेखर का फोन भी अपने कब्जे में ले लिया है.

मंत्रिमंडल से हटाने की मांग

सुसाइड नोट सामने आने के बाद कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने नागेंद्र को मंत्रिमंडल से तत्काल हटाने की मांग की है. वह पूरे प्रकरण की कर्नाटक हाई कोर्ट के जजों की अगुआई में जांच भी चाहते हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर नागेंद्र को बाहर नहीं निकाला गया तो पूरे राज्य में विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा.

मामला गंभीर

पूर्व पुलिस अधिकारी रमेश गौड़ा का कहना है कि चंद्रशेखर मामला बहुत गंभीर है. क्योंकि वह कभी सरकारी कर्मचारी थे. चंद्रशेखर ने भले ही आत्महत्या कर ली हो. लेकिन उन्होंने मुखबिर की भूमिका निभाई. इसमें कोई संदेह नहीं है कि कांग्रेस सरकार लोकसभा चुनाव के नतीजों के ऐलान से ठीक पहले शाही झमेले में फंस गई है

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