संगम का पानी पीने के लिए सुरक्षित, CPCB की रिपोर्ट महाकुंभ को बदनाम करने की साजिश: सीएम योगी
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संगम का पानी पीने के लिए सुरक्षित, CPCB की रिपोर्ट महाकुंभ को बदनाम करने की साजिश: सीएम योगी

CPCB report: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने CPCB की रिपोर्ट को "फर्जी" बताते हुए इसे धार्मिक आयोजन को बदनाम करने की साजिश करार दिया.


CM Yogi called CPCB report conspiracy: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की उस रिपोर्ट पर हमला बोला है. जिसमें कहा गया था कि संगम के पानी में फीकल बैक्टीरिया पाए गए हैं. मुख्यमंत्री योगी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में कहा कि संगम का पानी न केवल स्नान के लिए उपयुक्त है, बल्कि यह पीने के लिए भी सुरक्षित है. उन्होंने CPCB की रिपोर्ट को "फर्जी" बताते हुए इसे धार्मिक आयोजन को बदनाम करने की साजिश करार दिया.

प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट

CPCB ने सोमवार को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) को बताया कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज के विभिन्न स्थानों पर स्नान के लिए पानी की गुणवत्ता, खासकर फीकल कोलिफॉर्म की मात्रा मानकों के अनुसार नहीं थी. फीकल कोलिफॉर्म बैक्टीरिया गर्म रक्त वाले जानवरों और इंसानों के आंतों में पाए जाते हैं. इनका उपयोग पानी में संदूषण की पहचान के लिए किया जाता है. इनकी उपस्थिति यह संकेत देती है कि पानी में हानिकारक रोगजनक जैसे वायरस, परजीवी या अन्य बैक्टीरिया हो सकते हैं. जो इंसानों और जानवरों के मल से उत्पन्न होते हैं.

योगी का बचाव

सीएम योगी ने कहा कि यह आयोजन किसी विशेष पार्टी या संगठन द्वारा नहीं आयोजित किया जा रहा है. यह समाज का है, सरकार अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए सेवक के रूप में मौजूद है. यह हमारा सौभाग्य है कि हमारी सरकार को इस सदी के महाकुंभ से जुड़ने का अवसर मिला. देश और दुनिया ने इस आयोजन में भाग लिया.

उच्च प्रदूषण स्तर

CPCB द्वारा 3 फरवरी को NGT में पेश की गई एक गुणवत्ता मूल्यांकन रिपोर्ट में कहा गया था कि कोलिफॉर्म स्तर, जो अवशोधित सीवेज और मानव तथा जानवरों के मल के उपस्थिति का प्रमुख संकेतक है, गंगा में मानक से 1400 गुना और यमुन में 660 गुना अधिक पाए गए थे, जिससे नदी का पानी स्नान के लिए अनुपयुक्त हो गया था. इसने NGT को उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों को तलब करने के लिए मजबूर किया. CPCB के मानकों के अनुसार, संगठित बाहरी स्नान के लिए कुल कोलिफॉर्म स्तर 100ml में 500 MPN (Most Probable Number) से अधिक नहीं होना चाहिए. हालांकि, CPCB ने पाया कि 19 जनवरी तक गंगा में कुल कोलिफॉर्म स्तर 700,000 MPN/100ml और यमुना में 330,000 MPN/100ml तक पहुंच चुके थे. CPCB ने 12, 13, 14, 15 और 19 जनवरी को पानी के नमूनों का विश्लेषण किया था.

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