यूपी में बाढ़ राहत के लिए बनी ‘टीम 11’, फील्ड में उतरेंगे मंत्री-अधिकारी, रात्रि प्रवास करेंगे
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यूपी में बाढ़ से निपटने के लिए टीम-11 को ज़िम्मेदारी

यूपी में बाढ़ राहत के लिए बनी ‘टीम 11’, फील्ड में उतरेंगे मंत्री-अधिकारी, रात्रि प्रवास करेंगे

यूपी में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है। टीम-11 का गठन किया गया है। मंत्रियों को यह निर्देश दिया गया है कि वो अपने प्रभार वाले जिले में दौरा करें और रात्रि विश्राम करें।


यूपी में बारिश के बाद नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। कई नदियों का पानी उफान पर है।बाढ़ और राहत के लिए सरकार ने ‘टीम-11’ का किया गठन किया गया है।योगी सरकार के मंत्रियों को बाढ़ राहत की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है।मंत्री क्षेत्रों में रात्रि विश्राम कर स्थिति की समीक्षा करेंगे।इसके साथ ही यह निर्देश भी दिया गया है कि डीएम,एसपी, सीएमओ समेत सभी अधिकारी 24x7 फील्ड में रहकर कार्य करें।

टीम -11 में मंत्रियों को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी

यूपी में कई नदियों के जल स्तर और बाढ़ के हालत को देखते हुए मंत्रियों को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, नगर निकाय और ग्रामीण विकास से जुड़े अधिकारी आपसी समन्वय और संवाद से कार्य करें।टीम -11 बनाकर मंत्रियों को हर स्थिति पर नियंत्रण रखने और जिले में ही प्रवास करने के निर्देश दिए गए हैं।प्रयागराज और मिर्जापुर में नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी', जालौन में स्वतन्त्र देव सिंह और संजय गंगवार को जिम्मेदारी दी गई है।

औरैया में स्वतन्त्र देव सिंह और प्रतिभा शुक्ला को जिम्मेदारी दी गई है जबकि हमीरपुर में रामकेश निषाद, आगरा में जयवीर सिंह, वाराणसी में सुरेश खन्ना प्रवास करेंगे।वहीं कानपुर देहात में संजय निषाद, बलिया में दया शंकर मिश्रा 'दयालु' को जिम्मेदारी दी गई है। इटावा में धर्मवीर प्रजापति और फतेहपुर में अजीत पाल बाढ़ राहत की मॉनिटरिंग करें।

हर हाल में एक्टिव रहे इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को देखते हुए हेल्पलाइन और इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम 24x7 सक्रिय रहेगा।यह भी निर्देश दिया गया है कि जिलों के डीएम, एसपी, सीएमओ सहित समस्त वरिष्ठ अधिकारी फील्ड में रहें। मुख्यमंत्री ने तटबंधों की चौबीसों घंटे निगरानी, जलभराव वाले गांवों से पानी की शीघ्र निकासी, एवं राहत शिविरों में भोजन, दवा, शौचालय, साफ-सफाई तथा महिलाओं व बच्चों की आवश्यकताओं की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

राहत कार्यों के दौरान सभी अधिकारियों एवं कर्मियों का व्यवहार शालीन, संवेदनशील और मानवीय हो, जिससे पीड़ितों को मानसिक संबल मिले।पशुधन की सुरक्षा भी प्राथमिकता होगी।निर्देश दिया गया है कि जिन गांवों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है, वहां पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और वहां चारे तथा पशुचिकित्सा की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।

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