भारत के सबसे लंबे समु्द्री पुल 'अटल सेतू' में दरारें, कांग्रेस-बीजेपी में शुरू हुई जुबानी जंग
नवी मुंबई में अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा सेवा अटल सेतु का निरीक्षण करने वाले महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया.
Atal Setu Cracks: उद्घाटन के महज पांच महीने बाद ही मुंबई में अटल सेतु पर दरारें आ गई हैं, जिसके चलते भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. शुक्रवार को नवी मुंबई में अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा सेवा अटल सेतु का निरीक्षण करने वाले महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. उन्होंने लोगों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई.
पटोले ने दावा किया कि पुल के निर्माण की गुणवत्ता खराब थी और सड़क का एक हिस्सा एक फुट तक धंस गया है. पटोले ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं और लोगों की जान जोखिम में डाल दी है. उन्होंने कहा कि उद्घाटन के तीन महीने के भीतर ही अटल सेतु पुल के एक हिस्से में दरारें आ गई हैं और नवी मुंबई के पास सड़क का आधा किलोमीटर लंबा हिस्सा एक फुट तक धंस गया है. उन्होंने कहा कि पुल का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है और फिर भी सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.
VIDEO | Maharashtra Congress chief Nana Patole (@NANA_PATOLE) inspects cracks on Atal Bihari Vajpayee Sewri-Nhava Sheva Atal Setu in Navi Mumbai, Maharashtra. pic.twitter.com/VDWT95jP1I
— Press Trust of India (@PTI_News) June 21, 2024
पटोले ने यह भी दावा किया कि नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए सभी पर्यावरण मानदंडों को दरकिनार कर दिया गया है. क्योंकि मैंग्रोव नष्ट हो गए हैं. कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने भी भाजपा पर कटाक्ष किया और कहा कि पहली बारिश में मोदी ने जनता के 17,843 करोड़ रुपये डूबा दिए. हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा के साथ-साथ मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए), जो इस परियोजना के लिए नोडल एजेंसी है, ने कहा कि दरारें पुल पर नहीं बल्कि नवी मुंबई में उल्वे से आने वाली सड़क पर थीं.
भाजपा महाराष्ट्र ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अटल सेतु को बदनाम करना बंद करें. यह साफ है कि फोटो में दिखाई देने वाली सड़क में दरारें अटल सेतु पर नहीं हैं. क्योंकि ये दरारें अटल सेतु की ओर जाने वाली जमीनी सड़क पर थीं. मरम्मत का काम तुरंत शुरू कर दिया गया है और वह काम भी पूरा हो गया है. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अटल सेतु पर कोई दरार नहीं है, न ही अटल सेतु को कोई खतरा है. यह तस्वीर एप्रोच रोड की है. लेकिन एक बात साफ है कि कांग्रेस पार्टी ने झूठ के सहारे 'दरार' पैदा करने की लंबी अवधि की योजना बनाई है. चुनाव के दौरान संविधान बदलने की बात, चुनाव के बाद फोन के जरिए ईवीएम अनलॉक करने की बात और अब ऐसी झूठी बातें. केवल देश की जनता ही इस 'दार' योजना और कांग्रेस के भ्रष्ट आचरण को हराएगी.
अटलसेतु पर तो कोई दरार नहीं,
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) June 21, 2024
ना ही अटलसेतु को कोई खतरा है.
ये तस्वीर एप्रोच रोड की हैं.
लेकिन एक बात साफ है कि कांग्रेस पार्टी ने झूठ के सहारे ‘दरार’ का एक लम्बा प्लान बना लिया हैं.
चुनाव में संविधान बदलने की बाते, चुनाव के बाद फोन से ईवीएम अनलॉक और अब ऐसी झूठी बातें...
देश की… https://t.co/me8ybcPQUD
इस बीच एमएमआरडीए ने एक बयान जारी कर कहा कि एमटीएचएल पुल पर दरारों के बारे में अफवाहें फैल रही हैं. हम साफ करना चाहते हैं कि ये दरारें पुल पर नहीं, बल्कि एमटीएचएल को उल्वे से मुंबई की ओर जोड़ने वाली एप्रोच रोड पर हैं. 20 जून 2024 को ऑपरेशन और मेंटेनेंस टीम द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान, रैंप 5 (मुंबई की ओर रैंप) पर तीन स्थानों पर किनारों के पास सड़क की सतह पर मामूली दरारें पाई गईं. ये दरारें मामूली हैं और सड़क के किनारे स्थित हैं. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये दरारें किसी संरचनात्मक दोष के कारण नहीं हैं. वे डामर फुटपाथ में छोटी अनुदैर्ध्य दरारें हैं, जिन्हें फुटपाथ के जीवन या प्रदर्शन को प्रभावित किए बिना प्रभावी ढंग से मरम्मत की जा सकती है. ठेकेदार ने पहले ही मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है, जो 24 घंटे के भीतर पूरा हो जाएगा.
एजेंसी ने कहा कि यह काम यातायात में कोई व्यवधान पैदा किए बिना किया जा रहा है. अटल सेतु भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी में 17,840 करोड़ रुपये के अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु का उद्घाटन किया, जो देश का सबसे लंबा पुल और साथ ही दक्षिण मुंबई को नवी मुंबई में न्हावा-शेवा से जोड़ने वाला सबसे लंबा समुद्री पुल है. पूरे 21.8 किमी लंबे समुद्री पुल के लिए यात्री वाहनों के लिए टोल 250 रुपये निर्धारित किया गया है. पुल में ओपन रोड टोलिंग सिस्टम भी शामिल है. कहा जाता है कि यह डिज़ाइन रिक्टर पैमाने पर 6.5 तक के भूकंप को झेल सकता है.