
लोकसभा चुनाव में जीत के लिए अब 'धन्यवाद’ देगी कांग्रेस- यूपी चुनाव से पहले सक्रिय होंगे राहुल, प्रियंका
'धन्यवाद रैलियों’ के ज़रिए कांग्रेस यूपी में सक्रियता बढ़ाना चाहती है तो वहीं कार्यकर्ताओं को यह संदेश देने की भी तैयारी है कि कांग्रेस यूपी विधानसभा चुनाव मज़बूती से लड़ेगी और गठबंधन में प्रभावी तरीक़े से अपनी बात रखेगी।
यूपी में 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने ‘एक्टिव मोड’ में आने का फैसला किया है। राहुल और प्रियंका एक बार फिर यूपी में न सिर्फ़ सक्रिय होंगे बल्कि लोकसभा चुनाव में सपा के गठबंधन के साथ कांग्रेस को मिली जीत के लिए लोगों को धन्यवाद भी देंगे। इसके लिए 'धन्यवाद रैली’ का मेगा प्लान तैयार किया गया है।अखिलेश यादव ने हाल ही में सीट शेयरिंग पर बोलते हुए यह कहा था कि जो जहाँ मज़बूत होगा वो वहाँ से चुनाव लड़ेगा।इसके बाद इस प्लान में और तेज़ी आ गई।
17 बड़ी रैलियों से कांग्रेस यूपी के वोटरों को धन्यवाद देगी-
यूपी में 2027 के चुनाव का काउंट डाउन शुरू होने वाला है।ऐसे में प्रदेश की राजनीति में सत्तारूढ़ बीजेपी ही नहीं विपक्षी दल भी जनता के बीच जाना चाहते हैं।फिलहाल लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश की राजनीति से दूर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा एक बार फिर यूपी में सक्रिय होंगे।पार्टी ने इसके लिए धन्यवाद रैली का मंच चुना है।पार्टी ने नए साल की शुरुआत के साथ ही प्रदेश भर में 17 विशाल ‘धन्यवाद रैलियों’ का आयोजन करने का मेगा प्लान तैयार कर लिया है। इसमें अमेठी, रायबरेली, बाराबंकी, सहारनपुर, अमरोहा, सीतापुर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, फतेहपुर सीकरी, महाराजगंज, देवरिया, बांसगांव, वाराणसी और प्रयागराज शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव में सपा के गठबंधन में 17 सीटें कांग्रेस के हिस्से में आई थीं जिनमें से कांग्रेस ने 6 पर जीत दर्ज की थी।इन्हीं सीटों पर रैलियां होंगी।इसकी तारीखों की घोषणा जल्द ही होने वाली है। इन रैलियों के ज़रिए कांग्रेस लोकसभा चुनाव में साथ देने के लिए यूपी के वोटरों का धन्यवाद देगी।साल के शुरू में ही इन यात्राओं का आयोजन किया जाएगा जिससे अगले साल मार्च अप्रैल में होने वाले पंचायत चुनाव से पहले पार्टी यूपी में सक्रिय हो जाएगी।साथ ही 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए पहले से धारदार तेवर के साथ मैदान में आने का भी संदेश देगी।
राहुल और प्रियंका धन्यवाद रैली से यूपी में सक्रिय होंगे-
जानकारी के अनुसार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने यह मेगा प्लान तैयार किया गया है।इसमें कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता और यूपी से सांसद शामिल होंगे।इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी इसका हिस्सा बनेंगे।कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लोकसभा चुनाव के बाद उत्साह को बनाये रखते हुए यूपी विधानसभा चुनाव के लिए जोश भरने के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इन धन्यवाद रैलियों का नेतृत्व करेंगे।इसका मकसद लोकसभा चुनाव में मिली 6 सीटों की सफलता के लिए यूपी की जनता को धन्यवाद देना है तो वहीं कार्यकर्ताओं को भी यह संदेश देना है कि पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव मजबूती से लड़ेगी और गठबंधन में कांग्रेस का प्रभावी तरीके से अपनी बात रखेगी।यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता राज शर्मा का कहते हैं 'निश्चित रूप से इसका लाभ होगा।जहाँ नेता प्रतिपक्ष जाते हैं या दूसरे बड़े नेता जाते हैं वहाँ ज़मीनी स्तर के कार्यकर्ताओं में भी जोश भर जाता है।ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले इससे लाभ तो होगा ही।जहाँ तक गठबंधन का सवाल है कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर ही काम होता है।सबकी अलग शैली और अलग मुद्दे होते हैं पर मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो ये तालमेल बनता है।’
सीट शेयरिंग में मज़बूती और सपा से तालमेल कांग्रेस के लिए ज़रूरी-
लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन में कांग्रेस को लाभ मिला। 2014 के बाद से यह पहला चुनाव था जब कांग्रेस अपनी मौजूदगी ठीक से दर्ज करा पायी। ऐसे में इंडिया ब्लॉक के तहत यूपी विधानसभा चुनाव के लिए भी सपा से गठबंधन का संकेत राहुल गांधी ने कई बार दिया है तो वहीं अखिलेश यादव ने भी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए एकजुट रहने पर ज़ोर दिया है।लेकिन इसके बावजूद सीटों के बंटवारे को लेकर भ्रम की स्थिति न हो इसके लिए दोनों को तालमेल बनाना होगा। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व को यह चिंता इसलिए भी है क्योंकि हाल ही में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीट शेयरिंग पर बोलते हुए कहा था कि 'जो जहाँ मज़बूत होगा वो वहाँ से चुनाव लड़ेगा, यही फ़ॉर्मूला है।’ इसके बाद अब कांग्रेस के लिए भी चुनावी तैयारियों की शुरुआत करना ज़रूरी हो गया है।
हालाँकि लोकसभा चुनाव के समय ही धन्यवाद यात्रा- रैलियों की योजना तैयार की गई थी।लेकिन कांग्रेस के यूपी इकाई ने इसको लेकर कोई तैयारी नहीं की। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बिहार चुनाव में व्यस्तता और SIR के मुद्दे पर सक्रियता की वजह से भी यह टलता रहा।अब लोकसभा चुनाव के 19 महीने बाद इनका आयोजन किया जा रहा है।अब यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं इसलिए कांग्रेस अब धन्यवाद के बहाने लोगों के बीच जाना चाहती है।

