दिल्ली यूनिवर्सिटी में ONOE रन पर विवाद, कुलपति पर भाजपा प्रचार का आरोप
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दिल्ली यूनिवर्सिटी में 'ONOE' रन पर विवाद, कुलपति पर भाजपा प्रचार का आरोप

इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सार्वजनिक शैक्षणिक संस्थानों को राजनीतिक प्रचार का मंच बनाया जा रहा है? विश्वविद्यालय का एक वर्ग इसे शिक्षा के स्थान को राजनीतिक बहस के लिए इस्तेमाल करने की रणनीति मान रहा है, जबकि प्रशासन इसे राष्ट्र निर्माण का हिस्सा बता रहा है।


दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के कुलपति योगेश सिंह एक बार फिर विवादों में हैं। उन पर भाजपा सरकार और उसकी दक्षिणपंथी विचारधारा के प्रचार में अपने पद का उपयोग करने के आरोप लग रहे हैं। मंगलवार को DU के नॉर्थ कैंपस में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' (ONOE) के समर्थन में एक रन आयोजित की गई, जिसे लेकर शिक्षकों और छात्रों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

हालांकि,‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक अभी संसद से पारित नहीं हुआ है। इसके बावजूद यह दिल्ली विश्वविद्यालय में बीते एक महीने में इस विषय पर आयोजित तीसरा कार्यक्रम था। विश्वविद्यालय के पीआरओ अनुप लाथर ने जानकारी दी कि इससे पहले 25 मार्च को हंसराज कॉलेज में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा व्याख्यान और 2 अप्रैल को दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म में भाजपा नेता सुनील बंसल का संबोधन आयोजित किया गया था।

मोहन भागवत के साथ मंच साझा

इतना ही नहीं, कुलपति योगेश सिंह ने 26 अप्रैल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के साथ एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में भी मंच साझा किया। इस कार्यक्रम में 'हिंदू मैनिफेस्टो' नामक पुस्तक का विमोचन किया गया, जिसे विश्व हिंदू परिषद (VHP) के संयुक्त महासचिव स्वामी विज्ञानानंद ने लिखा है।

बीजेपी नेताओं की मौजूदगी

DU द्वारा आयोजित इस रन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, DU की पूर्व छात्र नेता और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अगर भारत को आर्थिक महाशक्ति बनना है तो देश में स्थिरता जरूरी है। बार-बार चुनाव देश के विकास के लिए सही नहीं हैं। रेखा गुप्ता ने इस दौड़ को सिर्फ एक रेस नहीं, बल्कि एक सपना और विश्वास बताया कि हम मिलकर देश के चुनावी तंत्र में बदलाव ला सकते हैं।

आलोचना और विरोध

DU के शिक्षक और छात्र कुलपति के इन कदमों की आलोचना कर रहे हैं। एकेडमिक काउंसिल की सदस्य माया जॉन ने कहा कि जब संसद में यह विधेयक पारित भी नहीं हुआ है, तब एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय का इस तरह प्रचार में इस्तेमाल चिंताजनक है। AC सदस्य मोनामी सिन्हा ने तीखे शब्दों में कहा कि क्या DU अब बीजेपी-आरएसएस का आधिकारिक प्रचार चैनल बनता जा रहा है?

पोस्टर फाड़े गए

DUSU अध्यक्ष और NSUI नेता रोनक खत्री ने कैंपस में लगाए गए ONOE रन के पोस्टर को फाड़ दिया और कहा कि अगर हम पोस्टर लगाते हैं तो कोर्ट केस होता है। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन सरकारी प्रचार के लिए पोस्टर लगा सकता है। VC छात्रों की समस्याएं सुनने का समय नहीं निकालते। लेकिन BJP के लिए समय है।

कुलपति का बचाव

जब कुलपति योगेश सिंह से पूछा गया कि क्या वह बीजेपी का प्रचार कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि यह भारत सरकार की पहल है, किसी पार्टी विशेष की नहीं। लेकिन उन्होंने इस पर कोई और टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

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