शीश महल अब सघन जांच के दायरे में, जानें- अब तक क्या हुआ?
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'शीश महल' अब सघन जांच के दायरे में, जानें- अब तक क्या हुआ?

दिल्ली चुनाव में प्रचार से पहले और प्रचार के दौरान शीश महल बड़ा मुद्दा रहा। इसे लेकर अरविंद केजरीवाल विपक्ष के निशाने पर रहे। अब सीवीसी ने सघन जांच के आदेश दिए हैं।


Operation Sheesh Mahal: दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित 6 फ्लैग स्टॉफ वाले बंगले को विपक्ष शीश महल कहता है। इस शीश महल का नाता दिल्ली के सीएम रहे अरविंद केजरीवाल से रहा है। वैसे अब इस बंगले में कोई नहीं रहता है। लेकिन इस बंगले को भी आम आदमी पार्टी की हार के पीछे बड़ी वजह बताई जा रही है। दरअसल यह बंगला सुर्खियों में क्यों आया। इस बंगले को शीश महल का नाम क्यों मिला।
दरअसल इस बंगले के बारे में कहा जाता है कि आप की सरकार ने नियम के विरुद्ध जाकर सरकारी पैसे की बंदरबाट की। यही नहीं जो केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सादगी की बात किया करते थे वो उनके दोहरे चरित्र को दिखाने के लिए पर्याप्त था। लाखों के पर्दे, लाखों की टीवी, लाखों के एयरकंडिश्नर उनके विलासी सोच को उजागर कर रहा था।

इस बंगले को लेकर कैग (CAG Report on Sheesh Mahal) की रिपोर्ट आ चुकी है हालांकि उसे विधानसभा में पेश करने से आप की सरकार आनाकानी करती रही। लेकिन केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सघन जांच के आदेश दिए हैं। ऐसे में आप की भी दिलचस्पी होगी कि यह पूरा मामला क्या है, किस दल ने इस मुद्दे को जनता के सामने पेश किया।

14 अक्टूबर 2024

विजेंद्र गुप्ता (Vijender Gupta) ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित पूर्व आवास पर अवैध निर्माण के संबंध में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) में शिकायत दर्ज कराई है।

गुप्ता ने लिखा है कि केजरीवाल ने 40,000 वर्ग गज (8 एकड़) में फैले एक भव्य भवन ('शीश महल') का निर्माण करने के लिए भवन नियमों का उल्लंघन किया है। शिकायत में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि राजपुर रोड पर प्लॉट नंबर 45 और 47 (पहले टाइप-वी फ्लैट में वरिष्ठ अधिकारी और न्यायाधीश रहते थे) और दो बंगले (8-ए और 8-बी, फ्लैग स्टाफ रोड) सहित सरकारी संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया गया और नए आवास में मिला दिया गया, जिसमें ग्राउंड कवरेज और फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) मानदंडों का उल्लंघन किया गया और उचित लेआउट प्लान अनुमोदन की कमी थी।

16 अक्टूबर 2024

सीवीसी ने आगे की जांच के लिए शिकायत दर्ज की।

5 नवंबर 2024

सीवीसी औपचारिक रूप से शिकायत की प्राप्ति की पुष्टि करता है।

शिकायत को आगे की जांच के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) को भेज दिया जाता है।

सीवीसी आश्वासन देता है कि तथ्यात्मक रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

5 दिसंबर 2024

विजेंद्र गुप्ता की शिकायत के आधार पर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट सीपीडब्ल्यूडी के मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) द्वारा सीवीसी को सौंपी जाती है।

13 फरवरी 2025

तथ्यात्मक रिपोर्ट की जांच करने के बाद, सीपीडब्ल्यूडी के सीवीओ को मामले की विस्तृत जांच करने की सलाह दी जाती है।

सक्षम प्राधिकारी जांच रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर उचित कार्रवाई करेगा।

मुख्यमंत्री आवास पर व्यय की जांच

21 अक्टूबर 2024

विजेंद्र गुप्ता ने 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास के जीर्णोद्धार और आंतरिक साज-सज्जा पर फिजूलखर्ची के संबंध में केंद्रीय सतर्कता आयोग () में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।

मुख्य सतर्कता आयुक्त को दी गई अपनी शिकायत में गुप्ता ने भारी वित्तीय अनियमितताओं के बारे में लिखा है, जिसमें कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास के लिए आलीशान सुविधाओं पर करदाताओं के करोड़ों रुपये खर्च किए। उन्होंने कहा कि विलासिता की वस्तुओं पर व्यय उचित सीमा से कहीं अधिक है और इससे भ्रष्टाचार के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा होती हैं।

5 नवंबर 2024

सीवीसी ने गुप्ता की शिकायत का संज्ञान लिया और आरोपों की गंभीरता को स्वीकार किया।

सीवीसी ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) को मामले की जांच करने का निर्देश दिया।

14 नवंबर 2024

शिकायत को औपचारिक रूप से आवश्यक कार्रवाई के लिए सीवीओ, सीपीडब्ल्यूडी को भेजा गया।

सीवीओ से आरोपों की जांच करने और आधिकारिक शिकायत-निपटान नीति के अनुसार आगे बढ़ने की उम्मीद बढ़ी।

24 दिसंबर 2024

सीवीओ, सीपीडब्ल्यूडी ने आरोपों की प्रारंभिक जांच के बाद सीवीसी को एक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश किया।

13 फरवरी 2025

तथ्यात्मक रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद, सीवीसी सीपीडब्ल्यूडी को मुख्यमंत्री के आवास के जीर्णोद्धार और विलासिता के अतिरिक्त खर्च की विस्तृत जांच करने की सलाह दिया।

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