दिल्ली फतह की तैयारी में बीजेपी, पूर्वांचली मतदाताओं पर खास नजर
दिल्ली में विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं। इन 70 सीटों में से कम से कम 17 सीटें ऐसी हैं जहां पूर्वांचली (यूपी और बिहार) मतदाताओं को असर है।
Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली में विधानसभा का चुनाव अगले साल जनवरी-फरवरी में होना है। 2025 का चुनाव आम आदमी पार्टी, बीजेपी(BJP) और कांग्रेस Congress)तीनों के लिए अहम है। 1998 के बाद से दिल्ली की सत्ता से बीजेपी बाहर है, 2013 के बाद से कांग्रेस, सत्ता से बाहर है। एक तरफ दोनों दलों के सामने आप की सत्ता की उखाड़ फेंकने की तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के सामने सत्ता में बने रहने की चुनौती है। चुनावी तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है। लेकिन तीनों सियासी दल अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। यहां बता दें कि आप के संयोजक ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस के साथ किसी तरह का समझौता नहीं है। इसका अर्थ यह हुआ कि दिल्ली की सभी 70 सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय होने वाला है। ऐसे में मतदाताओं का मिजाज किसके पक्ष में जाएगा इसे समझना जरूरी है। अब जब बात मतदाताओं की कर रहे हैं तो यहां पूर्वांचली वोटर्स, सीट के बारे में आपको जानकारी देंगे।
दिल्ली में पूर्वांचली मतदाताओं की संख्या 40 से 42 लाख के करीब है।
पिछले चुनावों में आम आदमी पार्टी के पक्ष में रहा है यह समाज
इस दफा उस ट्रेंड को तोड़ने की कवायद में बीजेपी जुटी है।
पूर्वांचल, और पूर्वांचल मोर्चा समितियों को जमीन पर सक्रिय होने के निर्देश
दिल्ली में मतदाताओं की संख्या करीह डेढ़ करोड़
इन विधानसभाओं में खास जोर
दिल्ली बीजेपी के पूर्वांचल प्रकोष्ठ का मानना है कि 70 में से 17 सीटें ऐसी हैं जहां के नतीजों को पूर्वांचल के मतदाता प्रभावित करते हैं। यानी की जीत और हार की चाबी उनके पास है। इन 17 सीटों पर पूर्वी यूपी, बिहार और झारखंड के लोग रहते हैं। इन विधानसभाओं में वोटर्स की संख्या 30 से 50 फीसद के करीब है। इस संख्या से वोटर्स की ताकत समझ सकते हैं। यानी कि किसी भी दल को जीत दर्ज करने के लिए इन वोटर्स को भरोसे में लेना होगा। पश्चिमी दिल्ली के विकासपुरी,नांगलोई, उत्तम नगर दक्षिण पश्चिम दिल्ली के द्वारका, पालम, मटियाला, उत्तरी दिल्ली के मॉडल टाउन, करावल नगर, बुराड़ी, बादली, किराड़ी खास हैं। उत्तर पूर्वी दिल्ली में सीमापुरी, पूर्वी दिल्ली में पटपड़गंज, दक्षिण दिल्ली में देवली, संगम विहार, बदलपुर में इन वोटर्स को आप हल्के में नहीं ले सकते हैं।
क्या है जानकार नजरिया
दिल्ली की राजनीति पर नजर रखने वाले कहते हैं कि फ्री बी के जरिए आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि वो एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब होगी। लेकिन इस दफा तस्वीर अलग रह सकती है। इस मामले में बीजेपी के नेता भी कहते हैं कि अगर अरविंद केजरीवाल को अपनी जीत पर भरोसा रहता है तो वो आयातित उम्मीदवारों को टिकट क्यों देते। जानकार भी कहते हैं कि जिस तरह से आप का शीर्ष नेतृत्व दिग्गजों का टिकट काटने की योजना बना रहा है वैसे में जमीनी स्तर पर आप में विरोध के सुर सुनाई भी पड़ रहे हैं। हाल ही में जिस तरह से दिलीप पांडेय ने चुनाव लड़ने से मना किया है और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं का विरोध भी सामने आया है वैसे में आप की राहत आसान नजर नहीं आ रही है।