
शीश महल- शराब घोटाले का सच! दिल्ली असेंबली में पेश होगी CAG रिपोर्ट
Delhi Assembly Session: दिल्ली विधानसभा में आज की तस्वीर कैसी होगी, उसकी झलक सत्र के पहले दिन नजर आई थी। सदन में CAG रिपोर्ट पेश की जाएगी।
CAG Report in Delhi Assembly: दिल्ली विधानसभा में 25 फरवरी तस्वीर कैसी रहने वाली है उसकी झलक सत्र के पहले दिन यानी 24 फरवरी को दिख गई थी। 24 फरवरी को प्रोटेम स्पीकर ने सभी निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई। स्पीकर (Speaker Vijender Gupta) और डिप्टी स्पीकर का चुनाव हुआ। लेकिन आम आदमी पार्टी के विधायकों की नजर इस बात पर टिकी थी कि सीएम के दफ्तर से बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और भगत सिंह की फोटो क्यों हटा दी गई है। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष आतिशी (Atishi) ने वर्तमान बीजेपी सरकार को दलित और सिख विरोधी बताया। इस तरह के आरोप पर सीएम रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) ने कहा कि वो इन लोगों के प्रति नहीं बल्कि जनता के प्रति जिम्मेदार हैं। इन सबके बीच विधानसभा में महालेखा नियंत्रक और परीक्षक यानी CAG की रिपोर्ट पेश की जानी है।
दिल्ली में कैग रिपोर्ट पेश किए जाने पर आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि उन्होंने तो स्पीकर को रिपोर्ट सौंप दी थी। लेकिन बीजेपी ने सवाल उठाया कि जब दिल्ली सरकार ने रिपोर्ट पेश की तो उसे सदन के सामने पेश करने में दिक्कत क्या थी। हकीकत में बीजेपी ने इसके लिए सदन के अंदर, सदन के बाहर और अदालत तक लड़ाई लड़ी तब कहीं जाकर आप पर दबाव पड़ा। अब जब हम सरकार में हैं तो जनता से किए वादे को पूरा कर रहे हैं। इन सबके बीच आप के दिमाग में कई तरह के सवाल जन्म ले रहे होंगे कि इससे कौन सा सच सामने आएगा।
CAG रिपोर्ट के बारे में जानकार कहते हैं कि शीशमहल और दिल्ली शराब घोटाले से जुड़ी जानकारियां बाहर आ सकती हैं। आम आदमी पार्टी को इसी बात का डर था कि रिपोर्ट पेश किए जाने पर उस सच से पर्दा उठ सकता है जिसमें भ्रष्टाचार की कलंक गाथा का जिक्र है।
क्या है शीशमहल मुद्दा
दिल्ली के 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित एक आवास के रिनोवेशन के लिए टेंडर आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान आवंटित किया गया था। टेंडर आवंटन के समय अनुमानित लागत करीब आठ करोड़ थी। लेकिन बाद में लागत बढ़कर 8.62 करोड़ हो गई जो पहले के बजट से करीब 13 फीसद अधिक था। हालांकि काम पूरा होने के समय इस पर करीब 33 करोड़ खर्च किए गए, यह अनुमानित लागत से करीब 342 फीसद अधिक था। अब वो आवास आधिकारिक तौर पर सीएम आवास नहीं था। लिहाजा बीजेपी के नेताओं ने शीश महल का नाम दिया।
ऑडिट में यह पाया गया कि कंसल्टेंसी फर्मों के चयन में रिस्ट्रिक्टेड बीडिंग की मदद ली गई। लेकिन इसके पीछे की वजह स्पष्ट नहीं की गई। यही नहीं जिन पांच ठेकेदारों को बंगले के मरम्मत की जिम्मेदारी सौंपी गई उसमें सिर्फ एक ठेकेदार को अनुभव था। यही नहीं बंगले के दायरे 1397 वर्ग मीटर से बढ़ा कर 1905 वर्ग मीटर किया गया।
दिल्ली शराब घोटाला
शीश महल के साथ कैग रिपोर्ट में बताया गया कि शराब नीति में कई तरह की खामी थी। इसकी वजह से दिल्ली को करीब 2 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो गया। खास बात यह है कि कैग की रिपोर्ट 2016 के बाद विधानसभा में पेश नहीं की गई। शराब नीति बनाने में जानकारों से सलाह ली गई। हालांकि उनकी सिफारिशों को दरकिनार किया गया। जिन कंपनियों के बारे में शिकायत थी उन्हें भी लाइसेंस जारी किए गए। शराब नीति को बिना कैबिनेट और एलजी की मंजूरी के क्रियान्वयन में लाया गया। शराब नीति के नियमों के बारे में सदन को जानकारी नहीं दी गई। कोविड के नाम पर करीब 144 करोड़ की लाइसेंस फी माफ की गई। हालांकि ऐसे फैसले की जरूरत नहीं थी।