बारिश नहीं फिर भी डूब गया दिल्ली का यह इलाका, साजिश या लापरवाही ?
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बारिश नहीं फिर भी डूब गया दिल्ली का यह इलाका, साजिश या लापरवाही ?

दिल्ली का बवाना इलाका जलमग्न है. आप भी सोच रहे होंगे कि पिछले तीन चार से तो घनघोर बारिश भी नहीं हुई है तो वजह क्या है. दरअसल मुनक नहर का एक हिस्सा टूट गया है.


Delhi Bawana News: महीना जून का था और दिल्ली के ज्यादातर इलाकों की वो तस्वीर आपको याद होगी कि पानी के लिए लोग टैंकरों की आस में घंटों लाइन में खड़ा रहते थे. दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने अनशन तक कर दिया. आरोप हरियाणा पर लगाया कि यमुना का पानी देने में आनकानी कर रहा है. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. अदालत ने आदेश भी दिया. इन सबके बीच बीजेपी ने आरोप लगाया कि दिल्ली में पानी की कमी नहीं है.हकीकत में पानी की कालाबाजारी हो रही है. जल माफिया मुनक नहर ने पानी की चोरी कर रहे हैं. लिहाजा नहर की हिफाजत शुरू हुई. हालांकि नहर का एक हिस्सा टूटने की वजह से बवाना इलाका डूब गया है।

नहर टूटी इलाका डूबा

आमतौर पर कोई भी इलाका भारी बारिश की वजह से जलमग्न हो जाता है.लेकिन दिल्ली का कोई इलाका बिना बारिश ही डूब जाए तो आप कमाल ही कहेंगे. बवाना में लोगों को इस वजह से परेशानी भी हो रही है. लेकिन सवाल भी उठ रहे हैं. मसलन मुनक नहर का जो हिस्सा टूटा है उसके पीछे कहीं कोई साजिश तो नहीं. या लापरवाही का नतीजा तो नहीं.

पानी का रौद्र रूप, सहम गए लोग

स्थानीय लोगों का कहना है कि बुधवार रात तेज आवाज के साथ पानी रिहाइश की तरफ बढ़ने लगा था. पानी का रौद्र रूप देखकर लोग भागो भागो चिल्लाने लगे. जो भी सामान था सब बह गया. खासतौर से जो लोग रोज कमाकर खाते हैं उनके सामने मुश्किलों का पहाड़ है. पानी का रफ्तार इतना अधिक था कि कुछ भी समेटने का मौका ही नहीं मिला.

नहर टूट गई या तोड़ी गई

मुनक नहर को दिल्ली की लाइफ लाइन के तौर पर देखा जाता है. इस नहर के जरिए ही हरियाणा से पानी आता है. दिल्ली के बड़े इलाके को इस नहर से ही पानी की आपूर्ति होती है. बड़ी बात यह है कि पानी की चोरी रोकने के लिए नियमित तौर गश्त होती है. अब ऐसे में सवाल यह है कि नहर का एक बड़ा हिस्सा कैसे टूट गया। सवाल इस लिए भी है कि नहर का जो टूटा हुआ हिस्सा कंक्रीट का बना है.नहर की जिम्मेदारी हरियाणा के इरिगेशन विभाग का है. दिल्ली की जल मंत्री के मुताबिक नहर के रिपेयरिंग का काम जारी है. मुनक नहर से दिल्ली के बवाना, नांगलोई और द्वारका वाटर प्लांट को सप्लाई की जाती है.

नहर के टूटने की वजह से बवाना में बाढ़ की दिक्कत तो दूसरे इलाकों में जल संकट की परेशानी है.
स्थानीय लोगों ने कहा कि जून के महीने में एक वीडियो बना कर जल विभाग को भेजा गया था. नहर के एक हिस्से में पांच से 6 इंच का होल था. किसान इस होल के जरिए पाइप लगाकर खेतों में पानी पहुंचाते है. लेकिन इस पर किसी तरह का ऐक्शन नहीं होता है.

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