
दिल्ली कार ब्लास्ट केस: ड्रोन का इस्तेमाल कर ‘हमास-स्टाइल’ हमलों की तैयारी में था मॉड्यूल, NIA जांच में खुलासा
जांच में पता चला है कि जैश का यह मॉड्यूल छोटे रॉकेट भी तैयार कर रहा था, जिनका इस्तेमाल सीरियल ब्लास्ट में होना था।
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े मॉड्यूल की योजना दिल्ली में ड्रोन के जरिए हमास-स्टाइल हमले करने की थी और ये सीरियल ब्लास्ट के लिए छोटे रॉकेट भी तैयार कर रहा था। NIA को लाल क़िला सुसाइड बॉम्बिंग मामले की जांच में इसका पता चला है। इस मामले में दूसरे आरोपी जसीर बिलाल वानी को गिरफ्तार किया गया है जोकि कश्मीर का है। वानी पर आरोप है कि उसने इन ड्रोन मॉडिफिकेशन और रॉकेट बनाने में तकनीकी सहयोग दिया था, ताकि युद्धग्रस्त इलाकों में दिखने वाले हमलों जैसी कार्रवाई यहां भी की जा सके।
दूसरे संदिग्ध की पहचान जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश, निवासी क़ाज़ीगुंड (अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर) के रूप में हुई है। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। NIA ने उसे सुसाइड बॉम्बर उमर का “मुख्य सहयोगी” बताया और कहा कि टीम ने उसे श्रीनगर से गिरफ्तार किया।
सीरियल कार ब्लास्ट की साजिश: कई IEDs, 32 गाड़ियां तैयार
NIA ने बयान में कहा, “जांच में पता चला है कि वानी ने ड्रोन में बदलाव और रॉकेट बनाने के तकनीकी सहयोग के जरिए आतंकी हमले को अंजाम देने में मदद की थी।”
ड्रोन में कैमरा और बैटरी लगाने की योजना थी। इनमें छोटे लेकिन शक्तिशाली बम फिट किए जाने थे, ताकि भीड़-भाड़ वाले इलाकों में विस्फोट किया जा सके। हालांकि मॉड्यूल के पकड़ में आने से यह खतरनाक योजना विफल हो गई।
सूत्रों ने बताया कि ऐसे हमले हमास और ISIS जैसे आतंकी संगठनों द्वारा सीरिया, इराक, इज़राइल और अफगानिस्तान में किए गए हैं — और इसी मॉडल की नकल करने की कोशिश यहां की जा रही थी।
2021 जम्मू एयरफोर्स स्टेशन जैसे हमले की तैयारी
हमास-स्टाइल ड्रोन हमले की इसी तर्ज पर पाकिस्तान-आधारित आतंकियों ने 2021 में जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से IED गिराकर हमला किया था, जो पहली बार हुआ था।
दानिश, उमर का ‘एक्टिव को-कॉन्सपिरेटर’
अधिकारियों के अनुसार वानी ‘एक सक्रिय सह-साजिशकर्ता’ था और उसने उमर उन नाबी के साथ मिलकर हमले की योजना बनाई थी। NIA लगातार कई राज्यों में छापेमारी कर रही है ताकि हमले में शामिल हर व्यक्ति की पहचान की जा सके।
पूछताछ में दानिश — जो राजनीतिक विज्ञान का ग्रेजुएट है — ने बताया कि वह पहली बार डॉक्टर मॉड्यूल से पिछले साल अक्टूबर में कुलगाम की एक मस्जिद में मिला था। उमर ने उसे फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े किराए के घर पर बुलाया था, जहां साजिश का प्लान बनाया गया।
पहले गिरफ्तार डॉक्टरों की पूछताछ में दानिश का नाम आया था
रविवार को, NIA ने आमिर राशिद अली को गिरफ्तार किया था, जिसके नाम पर हमले में इस्तेमाल की गई i20 कार रजिस्टर्ड थी। वह पंपोर का निवासी है और दिल्ली से गिरफ्तार हुआ।
क्या उमर ‘शू बॉम्बर’ भी था? जांच में नया एंगल
जांचकर्ताओं ने धमाके की जगह से एक जूता बरामद किया, जो ड्राइविंग सीट के नीचे, दाहिने आगे वाले टायर के पास मिला। यह पैटर्न कुख्यात ‘शू बॉम्बर’ रिचर्ड रीड (दिसंबर 2001) के प्रयास से मिलता-जुलता है, जिसने अपने जूतों में TATP फिट कर विमान उड़ाने की कोशिश की थी।
फोरेंसिक जांच में जूते के अंदर धातु का पदार्थ मिला है। टायर और जूते—दोनों से TATP के निशान मिले हैं। यही नहीं, कार की पिछली सीट के नीचे भी विस्फोटक अवशेष मिले हैं। यह संकेत देता है कि हमले में कई तरह के विस्फोटक उपकरण इस्तेमाल किए जा सकते थे।

