पर्यवेक्षक भी नियुक्त अब इंतजार सिर्फ नाम का, 20 फरवरी को है शपथ ग्रहण
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पर्यवेक्षक भी नियुक्त अब इंतजार सिर्फ नाम का, 20 फरवरी को है शपथ ग्रहण

दिल्ली बीजेपी विधायक दल का नेता कौन होगा। इस विषय पर सस्पेंस कायम है, हालांकि दो पर्यवेक्षक रवि शंकर प्रसाद और ओम प्रकाश धनखड़ की नियुक्ति हो चुकी है।


Delhi CM News: दिल्ली में सरकार किसकी बनने जा रही है,अगली सरकार का शपथ ग्रहण कब और कहां होगा। यह बात सबको पता है। जो बात नहीं पता वो ये है कि दिल्ली की कमान किसके हाथ होगी। सीएम की रेस में नाम कई हैं, इस लिहाज से कयास लगाने की गुंजाइश बढ़ गई है। इन सबके बीच बीजेपी ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है। सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) और राष्ट्रीय सचिव ओम प्रकाश धनखड़ (Om Prakash Dhankhar) विधायक दल की बैठक में शिरकत करेंगे और ये दोनों चेहरे उस नाम का ऐलान करेंगे जो दिल्ली का मुखिया होगा।

सीएम की रेस में कई नाम हैं। प्रवेश वर्मा (Parvesh Verma) , विजेंद्र गुप्ता (Vijender Gupta), रेखा गुप्ता आशीष सूद, शिखा रॉय, सतीश उपाध्याय और पवन शर्मा (Pawan Sharma) है। लेकिन बीजेपी की खासियत रही है कि वो चौंकाने वाले फैसले लेती रही है। सीएम नाम का ऐलान ना होने पर आम आदमी पार्टी ने तंज भी सका था कि तैयारी पूरी हो रही है। लेकिन सेहरा किसके सिर बंधने वाला है उसके बारे में पता नहीं है। सियासी जानकार कहते हैं कि 27 साल बाद बीजेपी ने जीत का स्वाद चखा है ऐसे में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व फूंक फूंक कर कदम उठा रहा है। पार्टी के रणनीतिकार यह नहीं चाहते कि 1993-98 वाली स्थिति बने। दरअसल आप भी सोच रहे होंगे कि इस कालखंड की बात क्यों की जा रही है।

1993-98 के दौर में बीजेपी को सरकार बनाने का मौका मिला था। लेकिन पांच साल के कार्यकाल में तीन लोगों को मौका देना पड़ा। इसकी आलोचना विपक्षी दल आज भी करते हैं। इस लिहाज से पार्टी कोई ऐसा फैसला नहीं करना चाहती जिस पर विपक्षी दल दवाल उठा सकें। इसके अलावा अगर आप बीजेपी की सीएम चुनने की प्रक्रिया को देखें तो आमतौर पर सात से आठ दिन का समय लगता रहा है। आप यूपी, एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और ओडिशा को उदाहरण के तौर पर ले सकते हैं।

अब अगर दावेदारों की बात करें तो चाहे प्रवेश वर्मा हों या रेखा गुप्ता या विजेंद्र गुप्ता या आशीष सूद। इन सभी नामों में कुछ न कुछ खासियत और कमजोरियां हैं। 2025 के चुनाव में बीजेपी प्रचंड बहुमत हासिल करने में कामयाब रही है। इस जीत में समाज के हर वर्ग, क्षेत्र का योगदान है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व के सामने चुनौती भी अलग तरह की है। जानकार कहते हैं कि बीजेपी का इतिहास चौंकाने वाला है, लिहाजा संभव है कि जिन नामों की चर्चा सबसे अधिक हो रही है वो सिर्फ नाम भर ही रह जाए, बाजी कोई और मार ले।

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