दिल्ली को ट्रैफिक से राहत दिलाने के लिए केंद्र-राज्य की साझेदारी : CM रेखा गुप्ता
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दिल्ली को ट्रैफिक से राहत दिलाने के लिए केंद्र-राज्य की साझेदारी : CM रेखा गुप्ता

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि डबल इंजन की सरकार इस बात के लिए पुर जोर लगा रही है कि दिल्ली और एनसीआर को जाम फ्री किया जा सके. हमने बजट में दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बड़ी राशी राखी है.


Infrastructure OF Delhi: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद कहा कि दिल्ली में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कई अहम परियोजनाओं पर काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने इसे "डबल इंजन सरकार" का लाभ बताते हुए कहा कि इससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों के नागरिकों को सीधा फायदा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारे लिए यह बहुत खुशी का अवसर है। दिल्ली में सरकार बनने के बाद से ही ट्रांसपोर्ट मंत्री के साथ लगातार बातचीत जारी है, और अब परिणाम जमीन पर दिखने लगे हैं।"

बैठक में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सहित मंत्री परिषद के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे। बैठक के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के तहत चल रही और आगामी परियोजनाओं की समीक्षा की गई।


अब तक के कार्य और भविष्य की योजनाएं

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जानकारी दी कि अब तक लगभग 34 हजार करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न हाईवे और टनल परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार और NHAI को धन्यवाद दिया। वहीं आने वाले समय में 24 हजार करोड़ रुपये की लागत से नई परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।


इन प्रमुख परियोजनाओं में शामिल हैं:

शिव मूर्ति से नेल्सन मंडेला रोड तक 7 किमी लंबा अंडरग्राउंड टनल

INA से फरीदाबाद और गुड़गांव को जोड़ने वाला एलिवेटेड कॉरिडोर

दिल्ली से कटरा होते हुए अमृतसर तक हाईवे निर्माण

अलीपुर से ट्रोनिका सिटी तक सड़क संपर्क, जो दिल्ली से देहरादून मार्ग को भी जोड़ेगा

मुख्यमंत्री ने कहा, "इन परियोजनाओं के पूरा होने से दिल्ली के भीतर ट्रैफिक पर असर पड़ेगा और उसे कम करने में मदद मिलेगी।"

उन्होंने यह भी बताया कि एक नया प्रस्ताव सराय काले खां से IGI एयरपोर्ट तक एक अंडरग्राउंड टनल बनाने का भी विचाराधीन है, जिससे शहर के भीतर ट्रैफिक को और अधिक सुगम बनाया जा सके।


ट्रैफिक डायवर्जन से राजधानी को मिलेगी राहत

मुख्यमंत्री ने बताया कि आने वाले वर्षों में हाईवे नेटवर्क ऐसा होगा जिससे हरियाणा से देहरादून या नोएडा से देहरादून जाने के लिए दिल्ली में प्रवेश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे राजधानी की सड़कों पर बोझ कम होगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी।


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