दिल्ली में यमुना की सफाई को लेकर अबकी बार एक्शन में भाजपा सरकार
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दिल्ली में यमुना की सफाई को लेकर अबकी बार एक्शन में भाजपा सरकार

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार शाम को यमुना की सफाई पर एक अहम बैठक में भाग लेने जा जब


Delhi's Yamuna Clean : दिल्ली की लाइफ लाइन और विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा रहीं यमुना नदी को लेकर सत्ता में काबिज हुई भाजपा सरकार गंभीरता दर्शा रही है। ऐसा प्रतीत होता है की इस बार दिल्ली सरकार ने ठान लिया है कि यमुना को साफ करके ही दम लेगी। सरकार ने यमुना सफाई के लिए एक अहम कदम उठाया है और इस पर 3140 करोड़ रुपये खर्च करने का प्लान बनाया है।


प्रोजेक्ट की ख़ास बातें

इस प्रोजेक्ट के तहत:

27 नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) बनाए जाएंगे।

सीवेज पंपिंग स्टेशन (SPS) भी तैयार होंगे।

दिल्ली गेट पर 10 मिलियन गैलन प्रतिदिन (MGD) की क्षमता वाला एक नया STP बनेगा।

सीवर लाइनें बिछाई जाएंगी, और घरों को सीवर से जोड़ा जाएगा।

अगले 10 से 12 सालों तक रख-रखाव की जिम्मेदारी भी इसमें शामिल होगी।


सरकार की तैयारी पूरी

दिल्ली की मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार शाम को एक अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें इस योजना को मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद है। इस बैठक में दिल्ली के बड़े अधिकारी, जैसे मुख्य सचिव, शहरी विकास विभाग के अधिकारी और जल बोर्ड की CEO भी मौजूद रहेंगे।

हाल ए यमुना

यमुना नदी की बात करें तो सनातन धर्म में जहाँ यमुना पूजनीय है तो वहीँ दिल्ली वालों के लिए ये जीवनदेनी है. सभी धर्म और वर्ग के लोग यमुना नदी पर निर्भर रहे हैं लेकिन आज की बात करें तो इसका पानी न केवल प्रदूषित है बल्कि खतरनाक भी है. इसका पानी पीना तो दूर, छूना भी खतरनाक हो चला है। नदी में सीवेज, कूड़ा और फैक्ट्री का जहरीला कचरा बहकर आ रहा है। इसका असर सिर्फ पानी पर ही नहीं, नदी के जीव-जंतुओं पर भी पड़ा है।

यमुना की बात करें तो दिल्ली में हर दिन लाखों लीटर गंदा पानी यमुना में बहा दिया जाता है। फैक्ट्रियों का अपशिष्ट बिना साफ किए सीधे नदी में छोड़ा जा रहा है। सीवेज सिस्टम पुराना और अव्यवस्थित है। ऊपर से बढ़ती जनसंख्या और अव्यवस्थित शहरीकरण ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

ये हैं चुनौतियाँ क्या हैं?

सीवेज और फैक्ट्री कचरे को रोकना बड़ी चुनौती है। सफाई के लिए जरूरी मशीनें और सिस्टम भी अभी भी कम है। लोगों में जागरूकता की भी भारी कमी है।

राजनीति भी गर्म

यमुना की सफाई पर राजनीति भी कम नहीं हुई है। पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी में "जहर" मिलाने का आरोप लगाया था। जवाब में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी खुद यमुना का पानी पीने पहुंच गए। पीएम मोदी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि वह 11 साल से यमुना का पानी पी रहे हैं।

इतना ही नहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भी यमुना साफ़ कराने का वादा किय था और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद पूरे कैबिनेट के साथ यमुना आरती में शिरकत की थी।


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