DELHI की कम्युनिटी लाइब्रेरी, बदल रही पढ़ाई का अंदाज
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DELHI की कम्युनिटी लाइब्रेरी, बदल रही पढ़ाई का अंदाज

TCLP की शुरुआत दीपालय के हिस्से के रूप में हुई थी, लेकिन कोविड महामारी के दौरान दीपालय के बंद होने के बाद यह स्वतंत्र संस्था बन गई।


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जब किसी से पूछा जाए कि लाइब्रेरी के बारे में पहला क्या ख्याल आता है तो ज़्यादातर लोग किताबों के अलावा सन्नाटा (silence) का ज़िक्र करेंगे। लेकिन The Community Library Project (TCLP) की दिल्ली स्थित तीन लाइब्रेरी में यह सन्नाटा देखने को कम मिलता है। यहां किताबों की पढ़ाई, चर्चा और हंसी की आवाज़ें अक्सर सुनाई देती हैं।

TCLP की शुरुआत और मकसद

TCLP की शुरुआत रमदित्ति जेआर नरंग दीपालय लर्निंग सेंटर (पंचशील विहार, दिल्ली) में बच्चों के एक छोटे समूह से हुई, जो फर्श पर बैठकर वॉलिंटियर्स से कहानिया सुनते थे। इन शुरुआती सत्रों ने एक इनोवेटिव आइडिये को जन्म दिया कि एक लाइब्रेरी मुफ्त, गैर-भेदभावपूर्ण, समावेशी, नारीवादी और उन समुदायों द्वारा संचालित हो, जो सार्वजनिक पढ़ाई के स्थानों से अक्सर वंचित रहे — पिछड़े जाति और वर्ग, और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग। 2014 में TCLP की पहली लाइब्रेरी पंचशील विहार में स्थापित हुई, जिसे बाद में खिड़की एक्सटेंशन में स्थानांतरित किया गया। लेखिका मृदुला कोशि TCLP की पहली निदेशक थीं और इस पहल के पीछे के दिमाग के रूप में जानी जाती हैं। इसके बाद 2017 में सिकंदरपुर, गुरुग्राम और 2021 में साउथ एक्सटेंशन, कोटला मुबारकपुर में दो और लाइब्रेरी खुलीं। दिल्ली-एनसीआर के ये तीनों केंद्र 14,000 से अधिक सदस्यों की सेवा करते हैं, सभी मुफ्त में।

स्वतंत्र संचालन और साझेदारी

TCLP की शुरुआत दीपालय के हिस्से के रूप में हुई थी, लेकिन कोविड महामारी के दौरान दीपालय के बंद होने के बाद यह स्वतंत्र संस्था बन गई। लाइब्रेरी अपने काम को संगठनात्मक साझेदारी और दानदाताओं के नेटवर्क से मजबूत करती है। इसमें CSR साझेदारियों में Penguin Random House, Reliance Foundation, HarperCollins, Wipro और Nilekani Philanthropies शामिल हैं। साथ ही 100 से अधिक लेखक, कलाकार और नागरिक समाज के सदस्य व्यक्तिगत योगदानकर्ता हैं।

लेखिका गीता हरिहरन कहती हैं कि समुदाय की लाइब्रेरी परियोजना हर बच्चे और वयस्क तक पढ़ाई और जीवनभर सीखने का आनंद पहुंचाती है, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कोई भी हो। दानदाता किताबों या संचालन के लिए धन या दोनों के रूप में योगदान कर सकते हैं।

बच्चों और समुदाय के लिए किताबें

TCLP की ट्रस्टी शाओली दत्ता हलदार कहती हैं कि आजकल बच्चे मोबाइल फोन से चिपके रहते हैं, लेकिन अगर हम उन्हें किताबों तक पहुंच दें और पढ़ाई को मजेदार बनाएं तो यह असीम संभावनाएं खोलता है। लाइब्रेरी का उद्देश्य है कि समान और विचारशील समाज का निर्माण करना, किताबों तक पहुंच बढ़ाकर और रचनात्मक सोच को बढ़ावा देकर।

लाइब्रेरी की विशेषताएं और समय

खुलना: 12 PM – 8 PM, सप्ताह में 6 दिन

वयस्क सदस्यों के लिए: 5 PM – 8 PM

बंद: शुक्रवार

सभी जाति, वर्ग, धर्म, लिंग, यौन पहचान और विकलांगता के पाठकों का स्वागत

खुले शेल्फ पर किताबें

रुख़साना (41), जो पहले मेकअप आर्टिस्ट थीं और अब साउथ एक्सटेंशन शाखा में लाइब्रेरियन असिस्टेंट हैं, कहती हैं कि यहां उनका हिजाब कभी ध्यान नहीं खींचता। खिड़की लाइब्रेरी में कुछ नोटिस फ़ारसी में भी हैं और वहां फ़ारसी किताबों का अलग सेक्शन है, क्योंकि कई अफ़ग़ान सदस्य हैं।

समाज और शिक्षा

TCLP में पढ़ाई केवल किताबों तक सीमित नहीं है। यह तीसरी जगह बन जाती है — पहले दो जगहें हैं घर और ऑफिस। यहां लोग मिलते हैं, विचार साझा करते हैं और सामाजिक एकीकरण होता है।

नेतृत्व और प्रशिक्षण

छह महीने का लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम। दलित, बहुजन और कार्य वर्ग के युवाओं को लाइब्रेरियन, फेसिलिटेटर, डिजिटल स्टोरीटेलर और आयोजक के रूप में प्रशिक्षित करना। TCLP निदेशक मौसम (25), 11 साल पहले सदस्य के रूप में शामिल हुईं और अब संगठन की अगुवाई करती हैं। उनके अनुभव ने उन्हें यह सिखाया कि कुछ स्थान केवल कुछ लोगों के लिए ही सुलभ होते हैं।

किताबों का कलेक्शन

कुल किताबें: 45,000+

भाषाएं और विषय: चित्र पुस्तकें, युवा और बच्चों की कथा, गैर-कथा, ग्राफ़िक नॉवेल्स, अम्बेडकर लेखन, धर्मनिरपेक्षता, पेलेस्टाइन, लिंग और समकालीन साहित्य

डिजिटल पहल और कला

Duniya Sabki: डिजिटल लाइब्रेरी, वीडियो और ऑडियो रीड-अलाउड्स, व्हाट्सऐप पर 2,000+ सदस्यों को तीन बार हफ़्ते में उपलब्ध।

Khyal: साहित्य, जाति, रचनात्मकता पर लेखक, कलाकार और शिक्षकों के साथ कार्यक्रम।

सदस्यों की सफलता

प्रियांशी गुप्ता (18) – UPSC तैयारी और काव्य प्रदर्शन

अंकित कुमार (21) – समानता का अनुभव, प्रेमचंद की किताबें

संगीत और रैप

पीयूष महतो और शिवेक कुमार रैप के जरिए सामाजिक और व्यक्तिगत मुद्दों को व्यक्त करते हैं।

चुनौतियां और प्रतिबद्धता

कुछ शाखाओं ने स्थानीय समुदाय और नेताओं से विरोध झेला, क्योंकि लड़कियों और लड़कों को मिलकर पढ़ना और सामाजिक न्याय, पितृसत्ता व धर्मनिरपेक्षता सिखाना विवादास्पद माना गया। मौसम का कहना है कि हम अपने काम में विश्वास रखते हैं और इसे जारी रखेंगे।

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