Delhi-NCR: रोशनी के त्योहार के बीच दमघोंटू हुई आबोहवा, शाम तक स्थिति और खराब होने की आशंका
दिल्ली के आनंद विहार में दिवाली की सुबह वायु गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में पहुंच गई. वहीं, शाम तक प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
Delhi pollution: इस बार दिवाली का त्योहार दो दिन पड़ रहा है. हालांकि, अधिकतर लोग आज ही दिवाली मना रहे हैं. हालांकि, खुशियों के इस त्योहार के बीच एक दुखद पहलू यह है कि दिल्ली-एनसीआर की हवा काफी प्रदूषित हो गई है. यह आलम तब है, जब लोगों ने पटाखे नहीं फोड़े हैं. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि शाम को दिल्ली-एनसीआर में पटाखे फोड़ने की स्थिति में हवा और अधिक जहरीली हो सकती है. दिल्ली के आनंद विहार में दिवाली की सुबह वायु गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में पहुंच गई. वहीं, शाम तक प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होने की उम्मीद है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली में बुधवार शाम 4 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 307 दर्ज किया गया, जो मंगलवार को 268 था. वहीं, पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता गुरुवार और शुक्रवार को “बहुत खराब” श्रेणी और AQI 300 से 400 के बीच रहने की आशंका है. गुरुवार सुबह 8 बजे आनंद विहार का औसत AQI (PM10) 419 दर्ज किया गया. जबकि अधिकतम 500 रहा.
वहीं, दिल्ली के अन्य हिस्सों में AQI 'खराब' और 'बहुत खराब' श्रेणी के बीच रहा. लेकिन दिवाली पर पटाखों और पराली या कचरे की आग से इसमें बढ़ोतरी होने की आशंका है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय समर्थन प्रणाली (DSS) के अनुसार, अगर पिछले पांच वर्षों के समान स्तर पर पराली जलाई जाती है तो यह इन तिथियों पर दिल्ली के प्रदूषण में 15-18 प्रतिशत का योगदान दे सकती है. उत्तर-पश्चिम से आने वाली हवाओं के कारण यह और भी बढ़ जाता है, जो शहर में धुएं का आलम पैदा कर सकती है.
बता दें कि सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए आपातकालीन उपायों के एक सेट ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत, वायु गुणवत्ता को चार चरणों में वर्गीकृत किया गया है: चरण I - खराब (AQI 201-300), चरण II - बहुत खराब (AQI 301-400), चरण III - गंभीर (AQI 401-450) और चरण IV - गंभीर प्लस (AQI 450 से ऊपर).
स्काईमेट वेदर सर्विसेज के महेश पलावत का कहना है कि दिवाली पर प्रदूषण का स्तर बढ़ने की आशंका है. क्योंकि हवाएं दक्षिण-दक्षिणपूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर चली गई हैं, जो पराली जलाने से निकलने वाले धुएं को शहर में ले जा सकती हैं. अगर पटाखे भी फोड़े जाते हैं, तो हवा की दिशा बदलने से प्रदूषक और फंस सकते हैं, जिससे वायु गुणवत्ता और खराब हो सकती है.
वहीं, प्रदूषण को लेकर दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों की बात करें तो आनंद विहार और मुंडका में वायु गुणवत्ता सूचकांक 'गंभीर' रहा. यहां एक्यूआई 400 से ऊपर रहा. इसके साथ ही अलीपुर, अशोक विहार, बवाना, बुराड़ी, वजीरपुर, जहांगीरपुरी, नरेला, नेहरू नगर, नॉर्थ कैंपस और विवेक विहार में वायु गुणवत्ता "बहुत खराब" श्रेणी में दर्ज किया गया. एनसीआर में गाजियाबाद, गुरुग्राम, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में वायु गुणवत्ता 'खराब' रही.