दिल्ली में बिजली पर सियासत, BJP के आरोपों को अब AAP ने बनाया हथियार
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आप के “भाजपा इन, बिजली आउट बाहर” अभियान ने विरोध प्रदर्शनों को हवा दी है, जिसमें कोंडली से आप विधायक कुलदीप कुमार के नेतृत्व में अंतरराज्यीय बस टर्मिनस पर एक उल्लेखनीय प्रदर्शन भी शामिल है। | फेडरल फोटो

दिल्ली में बिजली पर सियासत, BJP के आरोपों को अब AAP ने बनाया हथियार

दिल्ली में बिजली कटौती पर सियासत गर्माई हुई है।आप ने ग्रिड कुप्रबंधन करने का आरोप लगाया है, जबकि भाजपा का कहना है कि दिल्ली की बिजली आपूर्ति काफी हद तक मजबूत है।


दिल्ली में बिजली कटौती की कहानी एक जटिल तस्वीर बन गई है। कुछ इलाकों में घंटों तक बिजली नहीं रहती, वहीं दूसरे मोहल्लों में बिना किसी रुकावट के बिजली की आपूर्ति हो रही है। इससे यह बहस छिड़ गई है कि असल में समस्या कितनी व्यापक है। संगम विहार, बुराड़ी, नांगलोई और कोंडली जैसे इलाकों में बिजली संकट की खबरें आ रही हैं, जबकि कालकाजी और जनकपुरी जैसे क्षेत्रों में सब कुछ सामान्य है। ये स्थितियां राजधानी में मौजूद गहरे अंतरों को उजागर करती हैं।

बिजली को लेकर सियासी घमासान

आम आदमी पार्टी (आप) ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ तीखा अभियान छेड़ दिया है। आप का आरोप है कि भाजपा सरकार एक समय की भरोसेमंद बिजली व्यवस्था को संभालने में विफल रही है। वहीं भाजपा का कहना है कि दिल्ली की बिजली आपूर्ति मजबूत है और कटौती या तो क्षेत्रीय है या बढ़ा-चढ़ा कर पेश की जा रही है।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को घेरते हुए, आप की नेता आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “आप से पहले बिजली कटौती आम बात थी, हर घर में इन्वर्टर होता था। लेकिन अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल में हमने 24 घंटे बिजली सुनिश्चित की।” उन्होंने राज्यसभा के आंकड़ों का हवाला दिया और भाजपा को दिल्लीवासियों के साथ विफल बताया।

केजरीवाल का हमला

कालकाजी की एक रैली में अरविंद केजरीवाल ने हमला तेज किया। उन्होंने कहा, “यह क्षमता की नहीं, भाजपा की अक्षमता की बात है।” उन्होंने यह भी बताया कि हाल में बिजली की मांग 5,462 मेगावॉट रही, जो आप सरकार के समय के 8,500 मेगावॉट से काफी कम थी। ‘बीजेपी इन, पावर आउट’ नामक आप के अभियान के तहत कोंडली के विधायक कुलदीप कुमार ने आईएसबीटी पर प्रदर्शन का नेतृत्व किया।

सड़क पर विरोध और जनता की पीड़ा

आईएसबीटी प्रदर्शन में लोगों ने मोमबत्तियाँ और पोस्टर लेकर मार्च किया। विधायक कुलदीप कुमार ने कहा, “लोग हर दिन शिकायत कर रहे हैं कि घंटों तक बिजली नहीं रहती। यह हमारे नहीं, सरकार की जिम्मेदारी है कि कारणों का पता लगाएं और समस्या का समाधान करें।”उन्होंने पूछा कि अगर दो महीने पहले तक आप की सरकार थी, तो अब बिजली व्यवस्था क्यों बिगड़ी? इस पर उन्होंने कहा, “यह पता लगाना मेरा काम नहीं, सरकार का है। लोग परेशान हैं, हम उनके साथ हैं।”

आप का हमला और भाजपा की प्रतिक्रिया

एक अन्य कार्यक्रम में आतिशी ने श्रीनिवासपुरी में जल मंत्री प्रवेश वर्मा को घेरते लोगों का वीडियो साझा किया। वहीं आप के नेता जैस्मिन शाह ने डिस्कॉम डेटा दिखाते हुए भाजपा की “प्लांड शटडाउन” की दलील को खारिज किया और कहा कि डेटा उनकी नाकामी दर्शाता है।भाजपा नेता अश्विनी सूद ने विधानसभा में जवाब दिया, “दिल्ली के अधिकांश इलाकों में 24 घंटे बिजली है। कटौती मामूली और स्थानीय स्तर पर रखरखाव के लिए है।” उन्होंने सोशल मीडिया पर ‘फर्जी खातों’ से शिकायतें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने का आरोप लगाते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी। वहीं वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “गुजरात जैसे भाजपा शासित राज्यों में 24 घंटे बिजली मिलती है। आप राजनीतिक लाभ के लिए भ्रम फैला रही है।”

अलग-अलग तस्वीरें

बीएसईएस ने 4,070-4,360 मेगावॉट की मांग के साथ सीमित कटौती की बात कही। जबकि जैस्मिन शाह का डेटा कुछ इलाकों में आपातकालीन ब्रेकडाउन दिखाता है। श्रीनिवासपुरी के किराना दुकानदार राकेश कुमार ने बताया कि एक दिन तीन घंटे बिजली गई, दूध-दही खराब हो गया और ग्राहक चले गए। बुराड़ी की शिक्षिका सुनीता वर्मा ने बताया, “इस हफ्ते रोजाना दो घंटे बिजली जा रही है। ऑनलाइन पढ़ाना मुश्किल हो गया है।”

कालकाजी के चार्टर्ड अकाउंटेंट विक्रम सिंह ने कहा, “हमारे यहाँ बिजली बिल्कुल स्थिर है, शायद समस्या कुछ खास इलाकों तक सीमित है।” नांगलोई के इलेक्ट्रिशियन मनोज कुमार ने कहा, “काम रुक जाता है लेकिन रोज ऐसा नहीं होता।”

कोंडली की दुकान चलाने वाली रेखा देवी ने शिकायत की कि “पिछले दिनों तीन घंटे की कटौती से ग्राहक चले गए।” छतरपुर एक्सटेंशन की डिज़ाइनर हुमा तनवीर ने बताया, “क्लाइंट कॉल के दौरान बिजली चली गई, कैफ़े जाकर काम पूरा करना पड़ा। पापा को सांस की दिक्कत भी हुई।”

कुछ इलाकों में स्थिरता

जनकपुरी की गृहिणी प्रिया शर्मा ने कहा, “एक रात आधे घंटे बिजली गई थी। लेकिन हमें नियमित बिजली मिलती है।” वहीं संगम विहार की 60 वर्षीय शांति देवी ने बताया, “मेरे पास जनरेटर नहीं है, और बिजली जाने पर अस्थमा में दिक्कत होती है।”लक्ष्मी नगर के दर्ज़ी अनिल गुप्ता ने दो घंटे की कटौती से ऑर्डर कैंसिल होने की बात कही, जबकि उनके पड़ोसी राजेश यादव ने कहा, “थोड़ी देर की कटौती है, लेकिन कुछ लोग बात बढ़ा रहे हैं।”

प्रभावित और स्थिर मोहल्लों का फर्क

बुद्ध विहार, संत नगर (बुराड़ी), पालम गांव, प्रिंस कॉलोनी (बदरपुर), इंद्रा पार्क (उत्तम नगर), हरगोविंद एन्क्लेव (छतरपुर), महावीर एन्क्लेव पार्ट 2, निहाल विहार (नांगलोई), कोंडली, ओल्ड राजेंद्र नगर, लक्ष्मी नगर को आप ने प्रभावित क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया है। वहीं कालकाजी, जनकपुरी जैसे इलाकों में बिजली स्थिर है।

बीएसईएस के एक कर्मचारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, “कुछ इलाकों में ट्रांसफॉर्मर और केबल ओवरलोड हैं, लेकिन शहरभर में समस्या नहीं है।” उन्होंने कहा, “दिल्ली का ग्रिड बड़ी हद तक स्थिर है और हम मेंटेनेंस पर काम कर रहे हैं।”

बंटी हुई राजधानी

बिजली कटौती का मुद्दा दिल्ली को बाँटता नजर आ रहा है। एक तरफ प्रभावित इलाकों में लोग विरोध कर रहे हैं, दूसरी तरफ कुछ क्षेत्रों में बिजली व्यवस्थित है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बजट में सब्सिडी जारी रखने और केबल को अंडरग्राउंड करने के लिए ₹100 करोड़ आवंटित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “हम इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं।” हालांकि, जिन क्षेत्रों में संकट गहरा है, वहां संदेह बना हुआ है।

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