
रेखा गुप्ता सरकार पर भारी मुफ्त बिजली योजना, बजट भी पड़ रहा कम
दिल्ली में मुफ्त बिजली योजना सरकार के लिए भारी चुनौती बन गई है। सब्सिडी खर्च 4,000 करोड़ पार जा सकता है और बजट बढ़ाने की नौबत आ गई है।
दिल्ली में मुफ्त बिजली योजना अब सरकार के लिए एक भारी वित्तीय चुनौती बनती जा रही है। रेखा गुप्ता सरकार को इस योजना पर अनुमान से कहीं अधिक राशि खर्च करनी पड़ रही है। हालात ऐसे हैं कि दिल्ली सरकार का बिजली सब्सिडी बिल पहली बार 4,000 करोड़ रुपये के पार जा सकता है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए बिजली सब्सिडी का बजट पहले ही बढ़ा दिया था, लेकिन अब वह भी नाकाफी साबित हो रहा है। ऐसे में भाजपा सरकार को तय अनुमान से कहीं अधिक खर्च करना पड़ सकता है।
2025-26 में 4,000 करोड़ से ज्यादा खर्च का अनुमान
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2025-26 में दिल्ली सरकार को बिजली सब्सिडी पर 4,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करना पड़ सकता है।
सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए बजट में 3,849 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था, जो कि 2024-25 के मुकाबले 250 करोड़ रुपये ज्यादा है।इसके बावजूद, रिपोर्ट के मुताबिक बिजली विभाग ने अतिरिक्त 361 करोड़ रुपये की मांग सरकार के सामने रखी है।
क्यों बढ़ रही है सब्सिडी की जरूरत?
अधिकारियों के अनुसार, अतिरिक्त धनराशि की मांग के पीछे दो प्रमुख कारण हैं मुफ्त बिजली योजना के लाभार्थियों की संख्या में लगातार इजाफाबिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) को किए जाने वाले बकाया भुगतानों का दबाव। संभावना जताई जा रही है कि दिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र में संशोधित बजट पेश किया जा सकता है, जिसमें बिजली सब्सिडी का आवंटन और बढ़ाया जा सकता है।
2015 से अब तक तीन गुना बढ़ा खर्च
मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत 2015-16 में आम आदमी पार्टी सरकार ने की थी। उस समय दिल्ली में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या: 52.62 लाख, सब्सिडी पर कुल खर्च: 1,442 करोड़ रुपये
पिछले एक दशक में तस्वीर पूरी तरह बदल गई है
उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 69 लाख हो गई
सब्सिडी का खर्च तीन गुना से अधिक बढ़ गया है
अधिकारियों का अनुमान है कि इस साल यह खर्च 4,200 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
घरेलू उपभोक्ता सबसे बड़े लाभार्थी
दिल्ली के कुल बिजली उपभोक्ताओं में से करीब 83 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ता हैं। मौजूदा व्यवस्था के तहत—
200 यूनिट तक बिजली खपत पर पूरा बिल शून्य
201 से 400 यूनिट तक 50% सब्सिडी, अधिकतम 800 रुपये
400 यूनिट से अधिक खपत पर पूरा बिल देना होता है
सर्दियों में तेजी से बढ़े जीरो बिल वाले उपभोक्ता
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, सर्दियों के महीनों में जीरो बिजली बिल पाने वाले उपभोक्ताओं की संख्या में तेज़ उछाल देखा गया है—
दिसंबर 2022: 31 लाख कनेक्शन
जनवरी 2023: 29 लाख
दिसंबर 2023: 42 लाख
जनवरी 2024: 35 लाख
दिसंबर 2024: 45 लाख
जनवरी 2025: 40 लाख
सरकार के सामने बड़ी चुनौती
बढ़ते लाभार्थी, बढ़ता सब्सिडी बिल और सीमित बजट—इन सबके बीच रेखा गुप्ता सरकार के सामने अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि मुफ्त बिजली योजना को लंबे समय तक आर्थिक रूप से कैसे टिकाऊ बनाया जाए।

