दिल्ली सरकार का बड़ा आदेश: स्कूलों में होंगे नोडल अधिकारी, आवारा कुत्तों पर लगेगी लगाम?
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दिल्ली सरकार का बड़ा आदेश: स्कूलों में होंगे नोडल अधिकारी, आवारा कुत्तों पर लगेगी लगाम?

Delhi Government: इस तरह के निर्देश पहले उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी जारी किए जा चुके हैं, जिसमें शिक्षकों को जानवरों से संबंधित मामलों में तैनात करने के आदेश शामिल थे।


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Stray Dogs Delhi: दिल्ली सरकार ने अब स्कूलों को सिर्फ पढ़ाने-लिखाने तक ही सीमित नहीं रखा। अब शिक्षकों को स्ट्रे डॉग्स यानी आवारा कुत्तों से जुड़ी जिम्मेदारियां भी सौंपी जा रही हैं। स्कूलों में नोडल अधिकारी नियुक्त करने का यह कदम न केवल सार्वजनिक सुरक्षा के लिए अहम है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुरूप भी है। लेकिन शिक्षक संघों ने इस फैसले को लेकर चेतावनी दी है कि ऐसे गैर-शैक्षणिक कार्य शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं।

दिल्ली सरकार ने शिक्षा संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे आवारा कुत्तों (stray dogs) से संबंधित मामलों के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करें और उनकी जानकारी डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन (DoE) को जमा कराएं। डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन की केयरटेकिंग ब्रांच ने एक सर्कुलर में कहा है कि जिला शिक्षा अधिकारी (DDEs) को अपने क्षेत्र के सभी स्कूलों, स्टेडियम और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के नोडल अधिकारियों के नाम, पद, संपर्क नंबर और ईमेल आईडी सहित विवरण संकलित करना होगा और उसे डायरेक्टरेट को भेजना होगा। DoE ने स्पष्ट किया कि स्कूलों से सीधे जवाब भेजने की जरूरत नहीं है, बल्कि केवल जिला स्तर पर संकलित रिपोर्ट ही स्वीकार की जाएगी। यह जानकारी दिल्ली मुख्य सचिव कार्यालय को भेजी जाएगी।

नोडल अधिकारियों का कार्य

सर्कुलर में बताया गया है कि नोडल अधिकारी स्ट्रे डॉग से संबंधित मामलों के संपर्क बिंदु होंगे। उनके विवरण को स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के बाहर सार्वजनिक जागरूकता के लिए प्रमुख रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। DoE ने कहा कि यह कदम सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़ा है, सुप्रीम कोर्ट के 7 नवंबर के आदेश के अनुरूप है और 20 नवंबर को हुई बैठक में दिए गए निर्देशों के मुताबिक लागू किया गया है। सर्कुलर में इसे शीर्ष प्राथमिकता के रूप में चिह्नित किया गया है।

शिक्षकों का विरोध

हालांकि, शिक्षक संघों ने इस कदम का विरोध किया है। उनका कहना है कि शिक्षकों को ऐसे गैर-शैक्षणिक कार्य सौंपने से अकादमिक कार्य प्रभावित हो सकता है और शिक्षकों की प्रतिष्ठा पर भी असर पड़ सकता है।

अन्य राज्यों के उदाहरण

इस तरह के निर्देश पहले उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी जारी किए जा चुके हैं, जिसमें शिक्षकों को जानवरों से संबंधित मामलों में तैनात करने के आदेश शामिल थे।

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