दिल्ली: अब गाड़ी की उम्र नहीं, फिटनेस तय करेगी चलने की अनुमति
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दिल्ली: अब गाड़ी की उम्र नहीं, फिटनेस तय करेगी चलने की अनुमति

End of Life Vehicles Delhi: दिल्ली सरकार अब पुराने वाहनों की हालत पर फोकस कर रही है, जिससे सिर्फ उम्र नहीं, वाहन की असली स्थिति देखकर ही उसे चलने की अनुमति दी जाए.


Vehicle Fitness Test Delhi: दिल्ली सरकार अब पुराने वाहनों की उम्र का निर्धारण सिर्फ सालों के हिसाब से नहीं, बल्कि उनकी फिटनेस के आधार पर करने की योजना बना रही है. इसके लिए सरकार राजधानी में नए ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर (ATS) बनाने जा रही है. सरकार का लक्ष्य है कि अगले साल तक दिल्ली में 9 नए ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर स्थापित किए जाएं. इसी कड़ी में गुरुवार को नंद नगरी में एक नए सेंटर बनाया गया है. इस नए सेंटर में हर साल 72,000 वाहनों की फिटनेस जांच की जा सकेगी. इसका निर्माण और संचालन दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (DTC) द्वारा किया जाएगा.

मौजूदा नियम

इस समय दिल्ली में केवल व्यावसायिक और परिवहन वाहनों की फिटनेस जांच अनिवार्य है. पहले 8 साल तक हर दो साल में फिटनेस जांच. 8 साल के बाद हर साल फिटनेस जांच ज़रूरी. नंद नगरी डिपो में वाला यह सेंटर सभी तरह के वाहनों (छोटे-बड़े दोनों) की ऑटोमेटिक तरीके से जांच कर सकेगा. इसे दिसंबर 2025 तक तैयार कर लिया जाएगा.

कितने सेंटर बनेंगे?

फिलहाल दिल्ली में सिर्फ एक ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर है. आने वाले समय में सरकार 9 और सेंटर बनाने की योजना पर काम कर रही है, जिसमें बुराड़ी में 5 लेन का बड़ा सेंटर भी प्रस्तावित है.

पुराने वाहनों को हटाने में गड़बड़ी

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार पिछली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के समय में पुराने (मियाद पूरी कर चुके) वाहनों को हटाने की प्रक्रिया की जांच शुरू करने की योजना बना रही है. मंत्री ने कहा कि कई मामलों में नियमों का सही तरीके से पालन नहीं किया गया. इसलिए अब औपचारिक जांच करवाई जाएगी.

वाहन मालिकों की शिकायतें

कुछ वाहन मालिकों ने शिकायत की है कि उनके जब्त किए गए पुराने वाहनों का, जो कबाड़ मूल्य (स्क्रैप वैल्यू) मिलना था, वो उन्हें नहीं दिया गया. जबकि सरकारी नियमों के अनुसार, वाहन जब्त होने पर मालिक को मुआवज़ा (compensation) देना जरूरी है. जांच में यह भी पता लगाया जाएगा कि कहीं कुछ वाहन गुपचुप तरीके से दूसरे राज्यों में तो नहीं भेज दिए गए.

किन बातों की जांच होगी?

- क्या वाहन हटाने की पूरी प्रक्रिया सही से हुई?

- क्या लोगों को उनका हक मिला या नहीं?

- क्या कोई घोटाला या गड़बड़ी हुई?

- क्या कुछ वाहनों को अवैध रूप से कहीं और बेच दिया गया?

मंत्री सिरसा ने कहा कि अगर किसी भी स्तर पर लापरवाही, अनियमितता या भ्रष्टाचार हुआ होगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पुराने वाहनों पर ईंधन बंद करने का आदेश और विवाद

कुछ दिन पहले दिल्ली सरकार ने आदेश दिया था कि 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 साल पुराने डीजल वाहनों को अब पेट्रोल पंप से ईंधन नहीं दिया जाएगा. इस आदेश के बाद दिल्ली में बहुत सारे लोग अपने वाहन बेचने लगे. जनता ने इसका विरोध किया, सोशल मीडिया और सड़क पर भी आवाज उठाई.

वापस लेना पड़ा फैसला

दिल्ली सरकार को विरोध के बाद अपना फैसला वापस लेना पड़ा. अब 1 नवंबर 2025 तक के लिए पुराने वाहनों को राहत दी गई है. यह फैसला CAQM (Commission for Air Quality Management) की बैठक के बाद लिया गया था. इस आयोग ने कहा कि दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाज़ियाबाद, नोएडा और सोनीपत में यह नियम 1 नवंबर 2025 से लागू होगा.

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