दिल्ली में पारा जब 50 डिग्री कर गया पार, सिर्फ कोसेंगे या है कोई रास्ता
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दिल्ली के मुंगेशपुर में पारा 50 के पार चला गया था.

दिल्ली में पारा जब 50 डिग्री कर गया पार, सिर्फ कोसेंगे या है कोई रास्ता

दिल्ली में बेतहाशा गर्मी से हर कोई परेशान है. जिनके पास सुख सुविधा की कमी नहीं उनके सामने भी चुनौती है. अब सवाल यह कि वजह जो भी हो क्या कोई रास्ता है.


Delhi Heatwave News: आसमान से आग के गोले बरस रहे हैं. जैसे लग रहा है कि जान ही निकल जाएगी. यह कहना है ग्रेटर नोएडा वेस्ट के रहने वाले अनूप द्विवेदी का. ऐसा लग रहा है कि तंदूर की भट्ठी में कोई जला रहा है. यह कहना है कि नोएडा की अर्पिता का. अब तो मौसमी पारा 50 डिग्री के पार, अभी तक अरब देशों के बारे में सुनते थे लेकिन अहसास हो रहा है जिंदगी कितनी कठिन है. यह कहना है गुरुग्राम के बी पी सिंह का.

आप को महज ये तीन शहर और तीन लोग लग सकते हैं, लेकिन हकीकत है कि पूरा उत्तर भारत भट्ठी में तब्दील हो चुका है. बुधवार की शाम थोड़ी बारिश फौरी राहत पहुंचा गई. लेकिन दिल्ली के मुंगेशपुर का 52.3 डिग्री का तापमान मौसम के जानकारों को हैरान कर गया. फिर से गणना की जा रही है कहीं तापमान को मांपने में गड़बड़ी तो नहीं हुई. राजधानी दिल्ली में गर्मी तो एक तरफ तड़पाने का काम कर रही है वहीं दूसरी तरफ पीने के पानी को लेकर भी हाहाकार है.

जी, चढ़ता जा रहा है पारा

सवाल यह है कि राजधानी दिल्ली में इतनी अधिक गर्मी क्यों पड़ रही है.इस सवाल के जवाब में कोई भी यही कहेगा कि गर्मी के मौसम में गर्मी नहीं तो क्या ठंड लगेगी. जी नहीं ठंड तो नहीं लगेगी लेकिन हाय गर्मी और उफ्फ गर्मी की बात तो हो रही है ना. दिल्ली में गर्मी के पीछे जानकार दो वजह बता रहे हैं पहला तो यह कि राजस्थान की तरफ से आने वाली गर्म हवा दिल्ली को हीट चैंबर में बदल दे रही है, दूसरी वजह की हम सबने विकास के नाम पर पेड़ पौधों की बलि चढ़ा दी है. जिस तरह से दिल्ली और एनसीआर में कंक्रीट के जंगल उग रहे हैं उसकी वजह से अर्बन हीट आइलैंड का निर्माण हो रहा है. दिन पर तपती इमारतों को ठंडा होने का मौका नहीं मिल रहा है और उसकी वजह से गर्मी में इजाफा हो रहा है. ऐसे में सवाल यह है कि इसका उपाय क्या है.

दिल्ली में बढ़ती गर्मी की वजह

  • 23 फीसद जंगल लेकिन वितरण में भिन्नता
  • नई दिल्ली में ग्रीनरी अधिक, पूर्वी, पश्चिमी, उत्तर पूर्व दिल्ली , उत्तर पश्चिम दिल्ली में कमी
  • वेटलैंड की कमी, जो वेटलैंड है वो अपनी मौत मर रहे हैं.
  • अर्बन प्लानिंग में कमी, कंक्रीट के जंगलों का लगातार बढ़ते जाना
  • वेस्ट मैनेजमेंट कमी, गाजीपुर लैंजफिल साइट, ओखला, भलस्ला डेयरी लैंड फिल साइट की दुर्दशा
  • गाड़ियों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी

क्या है रास्ता

गर्मी की समस्या से हर कोई परेशान है. उपाय भी सभी लोग एक दूसरे से पूछते हैं. लेकिन अमल में नहीं लाते. एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ते हैं. गोरखपुर यूनिवर्सिटी नें पर्यावरण पर शोध कर रहे रजत बताते हैं कि देखिए अब सख्ती के सिवाए कोई रास्ता नहीं है. जिस तरह से हम सब आधुनिकता की रेस में दौड़ रहे हैं उसका नुकसान पर्यावरण पर हो रहा है. खास बात यह है कि हर गली चौराहे पर आप सुनेंगे कि गर्मी बढ़ गई है. हमें हर हाल में ट्री कवर को बढ़ाना होगा. सीएफसी गैस के उत्सर्जन को कम करना होगा. थर्मल कोल प्लांट में कमी लानी होगी. इसके अलावा अर्बन हीट आइलैंड को बनने से रोकने के लिए हमें बिल्डिंग की डिजाइन में बदलाव करना होगा. शहरी इलाकों में अधिक से अधिक वेटलैंड का निर्माण करना होगा. यही नहीं वेस्ट मैनेजमेंट को सावधानी के साथ निराकरण करना होगा.

दिल्ली के अलग अलग इलाकों में फॉरेस्ट कवर

जगह

इन इलाकों में फॉरेस्ट कवर (%)

सेंट्रल दिल्ली23.80
पूर्वी दिल्ली6.10
नई दिल्ली47.10
उत्तर दिल्ली7.70
उत्तर पूर्व दिल्ली6.70
उत्तर पश्चिम दिल्ली3.90
दक्षिण दिल्ली34.30
दक्षिण पश्चिम दिल्ली12.30
पश्चिम दिल्ली

5.30

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